![ताजियादारों, उस्ताद खलीफाओं](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230729-WA0214.jpg)
इमाम हुसैन और उनके तमाम साथी करबला के मैदान में बेशक शहीद हुए, मगर उनकी शिक्षाएं आज भी हैं, जीवंत व अमर : दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया
मौहम्मद इल्यास -’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
![चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230729-WA0212-300x225.jpg)
मुहर्रम की दसवीं तारीख को निकाले गए ताजियों के जुलूस में दनकौर चेयरमैन की ओर से उनके प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया ने बढ चढ कर हिस्सा लिया। दनकौर के इतिहास पर पहली बार यदि किसी को दोबारा चेयरमैन बनने का मौका मिला है, तो वह हैं, श्रीमती राजवती देवी पत्नी जय सिंह। इस बार श्रीमती राजवती देवी ने सपा की साईकिल से उतर कर भाजपा कमल के फूल को थाम लिया था। मामूली अंतर से जीत हासिल कर श्रीमती राजवती देवी ने दनकौर का दोबारा चेयरमैन बनते हुए कर्तिमान हासिल कर लिया।
![फिर सबसे बडे अखाडे मुहल्ला भिश्तियान में पहुंचे](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230729-WA0211-225x300.jpg)
चुनावों में श्रीमती राजवती देवी के पुत्र दीपक सिंह खेवनहार रहे और सिंहासन फिर मां को सौंप दिया। सर्वधर्म संभाव की बात करें तो चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी के प्रतिनिधि व पुत्र एक नई मिशाल कायम करते चले आ रहे हैं। त्यौहार और पर्व चाहे कोई भी हो चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया बढ चढ कर हिस्सा लेते रहे हैं। महाशिव रात्रि, ईदुल अजहा जैसे पर्वो पर लोगों को कोई दिक्कत न हो नगर के सभी प्रमुख मार्गो पर साफ सफाई की निगरानी खुद चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी की ओर से की जाती रही है। महाशिव रात्रि के अलावा श्री बाके बिहारी की भंजन संध्या के मौके पर सिकंद्राबाद विधायक लक्ष्मीराज के दनकौर आगमन आदि तमाम कार्यक्रमों में बढ चढ कर चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया द्वारा हिस्सा लिया जाता रहा है।
![जुलूस-ए- ताजिए मातमी पर्व](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230729-WA0213-225x300.jpg)
मुर्हरम के मातमी पर्व पर भी इस बार चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया द्वारा बढ चढ कर हिस्सा लिया गया। इस मौके पर चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया ताजियो के जुलूस में बिहारी लाल इंटर कॉलेज चौक पर पहुंचे और मातम कर रहे युवकों के साथ शिकरत की और फिर सबसे बडे अखाडे मुहल्ला भिश्तियान में पहुंचे जहां उन्होंने आखाडा में उतर कर पटाबाजी भी की। इस मौके पर ताजियादारों, उस्ताद खलीफाओं ने शॉल ओढा कर उनका स्वागत किया। जुलूस-ए- ताजिए मातमी पर्व पर प्रकाश डालते हुए चेयरमैन प्रतिनिधि दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया ने कहा कि धर्म और सच्चाई की खातिर करबला के मैदान में शहीद हुए हुसैन और उनके तमाम साथियों के जीवन संघर्ष से शिक्षा लेनी चाहिए कि जीत हमेशा सत्य की ही होती है,अधर्म कुछ समय के लिए रास्ते में आ सकता है मगर, संघर्ष एक ऐसा रास्ता है, जिससे मंजिल जरूर मिलती है। इमाम हुसैन और उनके तमाम साथी करबला के मैदान में बेशक शहीद हुए, मगर उनकी शिक्षाएं आज भी जीवंत व अमर हैं। इस अवसर पर सभासद जगदीश चंद्र अग्रवाल, उस्ताद रसूला खां, हाजी इस्लाम, हाजी अकबर अली, हाजी मुबीन, गुलाम बशीर अली आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।