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इतिहास लेखन से शुरू हुआ पत्रकारिता का पडाव डिजिटल मीडिया के दूसरे संस्करण तक

खबरें यानी हर एक घटना का आदान प्रदान पहले अखबारों फिर रेडियों, टीवी पर होता था। अब सूचनाक्रांति के दौर ने मीडिया की तस्वीर ही बदल गई है। मोटे तौर पर कहा जाए तो अखबार, रेडियो और टीवी से निकाल कर पत्रकारिता अब हर उस चीज में आ गई है जहां भी इंटरनेट है। वह मोबाइल है या फिर लैपटॉप तथा डेस्कटॉप। इंटरनेट मीडिया में अब तो मोबाइल खोलों और देश व दुनियां के बारे में सारा कुछ जान लों। इस डिजिटल मीडिया की हवा में हमने भी अपने को बदला और विजन लाइव हिंदी समाचार पत्र के सफल संपादन के क्रम में कूद गए, इस ऑनलाइन मीडिया की दौड में। 30 मई-2020 हिंदी पत्रकारिता दिवस कोरोनाकाल में जब सब भारत में लॉकडाउन का पालन कर रहे थे। इसी समय विजन लाइव न्यूज ने डिजिटल पत्रकारिता में कदम रखा और ब्लाग पर पोस्ट शेयर करने शुरू किए। कोरोना लॉकडाउन की वजह से कई बडे अखबार प्रसारित नही हो पा रहे थे। ऐसे में विजन लाइव न्यूज का यह प्रयास खूब पंसद किया गया।

हमारा पूरा प्रयास रहा है कि हिंदी पत्रकारिता की मूल आत्मा स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति को प्रथम स्थान यानी खबरों के साथ विचारों को भी प्रधानता देने का माध्यम विजन लाइव न्यूज बने। यहां यह भी बतना जरूरी है कि प्रिंट मीडिया से अब धीरे धीरे ज्यादातर मीडिया संस्थान वेबसाइट की पत्रकारिता पर ही आ गए हैं। यही कारण है कि बाजार में न्यूज वेबसाईट की संख्या में एकाएक वृद्धि हो चली है। इस प्रतिस्पर्धा के दौर में हम यह यकीन दिलाते हैं कि आज की इंटरनेट पत्रकारिता पर बाजारवाद कतई हावी नही होने देंगे।

विजन लाइव न्यूज में विशेष रूप से स्तंभकारों और विषय विशेषज्ञों, विद्वानों तथा कला संस्कृति की ओर उन्मुख लोगों को प्राथमिकता दिए जाने का भी मूल उद्देश्य है। पत्रकारिता में प्रवेश की बात करें तो बात उन दिनों की है कि जब हम हाई स्कूल की कक्षा में थे। विज्ञान में गहरी रूचि होने के कारण वैज्ञानिक बनने की तमन्ना हिलोरें मारने लगी। जीव वैज्ञानिक बन कर एक नया इतिहास रचने का सपना था। अुनकूल परिस्थिति न होने कारण वैज्ञानिक बनने का सपना तो साकार नही हो सका।

मन में सवाल आया कि साहित्यकार और इतिहासकारों की स्मृतियां हमेशा जीवंत रहती है। इसलिए क्यों न फिर साहित्याकार या इतिहासकार ही बना जाए। विज्ञान के बाद इतिहास में गहरी रूचि बढती ही चली गई। इतिहास का गहन अध्यन्न करने के बाद विचार आया कि ’’दनकौर की झलक’’ नाम से पुस्तक की रचना की जाए। दनकौर, उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले का एक प्राचीन ऐतिहासिक महाभारतकालीन कसबा माना जाता है। यह दनकौर कसबा उस समय उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में पडता था, मगर आज गौतमबुद्धनगर के यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ऐरिया के तहत आता है। इस अपनी जन्म स्थली दनकौर के इतिहास के महत्व पर ’’दनकौर की झलक’’ 200 पृष्ठ की पुस्तक की रचना कर डाली। यह बात वर्ष 1990- से लेकर वर्ष 1999 के बीच छात्र जीवन की रहीं थीं। पुस्तक लिख कर मुद्रण के लिए दे दी गई, मगर कुछ माह बाद पता चला जिस साथी को पुस्तक मुद्रित करने के लिए दी गई है, उसने ’’दनकौर की झलक’’ नाम से हमारी पुस्तक मुद्रित न करते हुए अपने नाम से सामचार पत्र के रूप में प्रासारित कर दिया।

इस संध्याकालीन मासिक पत्र में ’’दनकौर की झलक’’ पुस्तक की सामग्री से विशेषांक भी था। साथी द्वारा किए गए इस कृत्य से गहरा धक्का लगा और कानूनी लडाई में हम पहुंच गए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली। इसी बीच अपने साथ हुई धोखाधडी के मामले की खबरें छपवाने के लिए जब नोएडा से शुरू हुए दैनिक चेतना मंच समाचार पत्र के कार्यालय पहुंचे तो वहां पर मौजूद मिले संपादक श्री रामपाल सिंह रघुवंशी से मुलाकात हुई। आदरणीय श्री रामपाल सिंह रघुवंशी ने सलाह दी कि आपकी इतिहास की पुस्तक तो एक बार प्रकाशित होगी, इस कानूनी पचडे को छोडो और पत्रकारिता में आ जाओ। इस आमंत्रण पर स्थानीय स्तर पर दैनिक चेतना मंच से अगस्त-1999 में जुड गए और फिर पीछे मुड कर नही देखा। दैनिक चेतना मंच के बाद दैनिक वर्तमान सत्ता नोएडा, दैनिक पंजाब केसरी नई दिल्ली, दैनिक अमर उजाला मेरठ व नई दिल्ली संस्करणों में स्थानीय स्तर पर कार्य किया। इसके बाद दैनिक यथार्थ समाचार नोएडा में सफल पत्रकारिता का दौर रहा।

गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा से शुरू हुए दैनिक महामेधा के तीनों संस्करण नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा संस्करणों से बतौर क्राइम रिपोर्टर गौतमबुद्धनगर में नियुक्ति हुई।

इसके बाद वर्ष 2007 में गौतमबुद्धनगर ब्यूरो चीफ और फिर सब एडिटर के पद पर कार्यरत रहे।

वर्ष 2013 में विजन लाइव हिंदी समाचार पत्र का संपादन शुरू किया। साथ ही ’’कानून रिव्यू’’ लॉ एंड क्राइम मैगजीन और वेबसाइट के साथ दैनिक जगत क्रांति नई दिल्ली संस्करण में ग्रेटर नोएडा से कार्यरत रहे। अतं में हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कुछ ही समय में विजन लाइव न्यूज पोर्टल खासा लोकप्रिय हो चुका है। इसमें पॉपुलर पोस्टों की संख्या यकायक बढती ही जा रही है। इसके साथ ही पाठक, विज्ञापनदाता, विभिन्न संगठन भी इसमें अपनी गहरी रुचि दिखा रहे हैं। 30 मई-2020 हिंदी पत्रकारिता दिवस कोरोनाकाल से शुरू हुए विजन लाइव के डिजिटल सफर में करीब 5000/- पोस्ट अपलोड की और करीब 10 लाख तक पेज व्यू मिले।

अब दिनांक 15 May-2023 में अपने विस्तार क्रम अभियान को आगे बढाते हुए ’’विजन लाइव’’ एक फिर नए उमंग-2023 के साथ नए रूप और नए उत्साह के साथ आपकी आवाज बन कर, दूसरे डिजिटल संस्करण के रूप में आप सबके बीच प्रस्तुत है। आशा है कि हमारा यह प्रयास आपको जरूर पंसद आएगा। हमें पूरी उम्मीद है कि भविष्य में भी इसी प्रकार अपना प्यार और सहयोग बनाए रखेंगे।

संस्थापक/प्रधान संपादकः- मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’

मोबाइल न.- 9811231821/9958384953

Email: [email protected]

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