आदिपुरूष को लेकर तकरारः-खैर अब तो हिन्दू सो गया है……
हमारे राम ना आदिमानव थे ना आदिपुरुष! हमारे राम तो
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
आदिपुरूष फिल्म को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। गौतमबुद्धनगर में भी आदिपरूष को लेकर माहौल गर्माने लगा है। हिंदु युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष चैनपाल प्रधान ने फिल्मकारांं पर खुला निशाना साधा है।
हिंदु युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष चैनपाल प्रधान ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम थे, रामायण में हमने देखा, आत्मसात् किया। उन्होंने कहा कि राम बाहुबली अवश्य थे, लेकिन शक्ति का प्रदर्शन नहीं करते थे, सीता जी पतिव्रता थीं तो यह उनके हाव,भाव,वेश.भूषा हर प्रकार से परिलक्षित होता था।
लक्ष्मण के व्यक्तित्व में सहजता थी,हनुमान जी भक्त,प्रकृति प्रेमी और बालमन धारण किए हुए थे। सब की बात छोड़ दें तो रावण अहंकारी था लेकिन भाषाई मर्यादा उसने कभी नहीं तोड़ी और तो और उसका अट्टहास भी उसके घमंड का प्रदर्शन तो करता था लेकिन डरावना नहीं। उन्होंने कहा कि राम सीता ने वनवास में रोमांस नही, त्याग किया था। रामायण के संवाद ऐसे लिखे जा रहे हैं, जैसे गली के टपोरी सड़क पर बात कर रहे हों, जैसे गुंडे और मवाली लोग आपस में बात कर रहे हो। आखिर ये भारतीयता पर इतने कुठाराघात क्यों और हिंदुत्व की परीक्षा लोगे कब तक? हिन्दू ही क्यों, क्यों नही और धर्म? हिन्दू सहिष्णु है इसलिए उसकी इतनी घोर परीक्षा क्यों? यह नंगा नाच बंद करो, आने वाली पीढ़ी को बर्बादी की तरफ मत बढ़ाओ। खैर अब तो हिन्दू सो गया है, चूहे जितना नाचें पर सनद रहे, अगर जाग गया तो दिक्कत लाजिमी है।