भरी अदालत में सन्नाटा सा छा गया-बैज और कोट दोनो उतारवा दिए जाए

गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत
गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत

पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में कमल भाटी की पत्नी सीमा ने अवगत कराया कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की और उल्टा पहले देर तक थाने में बैठाए रखा, अंत में गिरफ्तारी दिखा दी

अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी
अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी

गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत ने धारा 147,148,149,323,506,307,308 और 386 में अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी और भूपेंद्र सिंह भाटी पुत्रगण स्व बूंदी सिंह की जमानत मंजूर कर ली है। इससे साबित हुआ कि वाकई सत्य की जीत हुई है, सत्य आज भी जिंदा हैः- बचाव पक्ष  के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट

अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट
अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर बहस के दौरान साफ कह दिया कि अदालत में वादी खुद मौजूद हैं जो कि एक अधिवक्ता है, लिहाजा सुनवाई से पहले वह बैज और कोट उतारें

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

जान लेवा हमले के आरोपियों की जमानत गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत ने मंजूर कर ली है। इस मामले में वादी पक्ष खुद एक अधिवक्ता रहा है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर बहस के दौरान साफ कह दिया कि अदालत में वादी खुद मौजूद हैं जो कि एक अधिवक्ता है, लिहाजा सुनवाई से पहले वह बैज और कोट उतारें। इस पर एक बार तो भरी अदालत में सन्नाटा सा छा गया। खैर जिला जज ने बहस सुनने के बाद विपक्षियों में कमल भाटी और उसके भाई भूपेंद्र की जमानत मंजूर कर ली है।

ग्राम साकीपुर निवासी कुलदीप भाटी एडवोकेट ने दिनांक 27 दिसंबर-2023 को सूरजपुर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई कि वादी का छोटा भाई हरदीप भाटी अपने मकान पर निमार्ण कर रहा था। तभी गांव निवासी कमल भाटी और उसके भाई मौके पर आ गए, जिन्होंने 5 लाख रूपये देने की मांग की।  फिर वादी के छोटे भाई ने अपनी जान का खतरा बताते हुए अवैध वसूली की बात वादी को फोन पर बताई और जल्दी से घर आने को कहा। इसी बीच विपक्षियों ने वादी के भाई को मार मार कर अधमरा कर दिया। वादी ने पुलिस को 112 पर कॉल कर सूचना दी, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। उधर विपक्षी कमल भाटी, भूपेंद्र भाटी आदि ने अपने उपर हमला किए जाने की सूचना भी पुलिस को 112 पर कॉल करके  दी। तत्पश्चात 1076 हैल्पलाईन पर फोन कर पूरे मामले से अवगत कराते हुए पुलिस से मद्द मांगी।

वादी खुद मौजूद हैं जो कि एक अधिवक्ता है
वादी खुद मौजूद हैं जो कि एक अधिवक्ता है

सूचना  के आधार पर पुलिस की लैपर्ड मौके पर पहुंची, मेडिकल कराए जाने की बात कहते हुए दूसरे पक्ष के कमल भाटी और भूपेंद्र भाटी को थाने ले आई। पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में कमल भाटी की पत्नी सीमा ने अवगत कराया कि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नही की और उल्टा पहले देर तक थाने में बैठाए रखा, अंत में गिरफ्तारी दिखा दी । अभियुक्त कमल सिंह भाटी, भूपेंद्र सिंह भाटी पुत्रगण स्व0 बूंदी की जमानत अर्जी पर जिला जज अवनीश सक्सैना की अदालत में सुनवाई की गई। वादी पक्ष की ओर से वकीलों की एक बडी फौज अदालत में मौजूद रही। बचाव पक्ष की ओर से राजेंद्र सिंह और उनकी जूनियर निरोज बाला एडवोकेट ने जज की ओर मुखातिब होते हुए कह दिया कि हुजूर चूंकि वादी एक अधिवक्ता है, धारा-30 और 34 के तहत वादी और एक अधिवक्ता एक साथ बैज और कोट पहन कर पैरवी नही कर सकते हैं, लिहाजा वादी का बैज और कोट दोनो उतारवा दिए जाए। इससे एक बार तो भरी अदालत में सन्नाटा सा छा गया। सरकारी वकील और बचाव पक्ष के अधिवक्तओं के बीच जिरह हुई और अपने दलीलें पेश की गईं।

अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी
अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी

बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और निरोज बाला ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि यदि वादी पक्ष के लोग घायल हुए हैं तो कौन से हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया है, रैफर स्लिप यदि कोई हो तो दिखाएं। जब पुलिस को 112 डायल कर सूचना दी तो मौके पर आई पुलिस ने कोई वीडियो बनाई क्या? यदि हां तो वह भी पेश की जाए। इसके अलावा अभियोग की कई बारीकियों को भी अदालत के सामने रखा।

बचाव पक्ष  के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट
बचाव पक्ष  के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट

बचाव पक्ष  के अधिवक्ता राजेंद्र सिंह और जूनियर निरोज बाला एडवोकेट ने बताया कि जिरह के बाद आखिर उनके पक्ष की जीत हुई और गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत ने धारा 147,148,149,323,506,307,308 और 386 में अभियुक्त बनाए गए कमल भाटी और भूपेंद्र सिंह भाटी पुत्रगण स्व बूंदी सिंह की जमानत मंजूर कर ली है। इससे साबित हुआ कि वाकई सत्य की जीत हुई है, सत्य आज भी जिंदा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate

can't copy

×