एसडीएम मामले की जांच कर कार्यवाही किए जाने के लिए एसएचओ दादरी को निर्देश दिए
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
दादरी क्षेत्र के एक इंस्टीटयूट में डी.फार्मा प्रथम वर्ष में एडमीशन लिया था। कॉलेज की ओर से ज्यातदार छात्रों के एडमिशन रद्द कर दिए। छात्रों को तब एडमिश्न रद्द किए जाने की जानकारी हुई तो वे फीस और डाक्यूमेंट वापस किए जाने की मांग करने लगें। किंतु कॉलेज ने ऐसा नही किया और छात्रों को टरकाने का प्रयास किया। छात्रों ने इस मामले की शिकायत एसडीएम से की है। एसडीएम मामले की जांच कर कार्यवाही किए जाने के लिए एसएचओ दादरी को निर्देश दिए हैं। एसडीएम को लिखे पत्र में छात्रों की ओर से अवगत कराया गया है कि इंस्टीटयूट में डी.फार्मा प्रथम वर्ष में एडमीशन लिया था। जिसमें उक्त कॉलिज के लोगो ने किसी छात्र से 30,000/- रूपये, किसी से 50,000/- रूपये, किसी से 60,000/- रूपये लिये थे। जब छात्र कॉलिज पहुँचे तो कॉलिज के लोगो ने कहा कि आप 20 दिन बाद आना। इस पर फिर 20 दिन बाद गये तो फिर कुछ दिन बाद आने के लिए कहा गया। इस तरह जब भी छात्र कॉलिज जाते तो कॉलिज केम्पस के लोग, कभी प्रिंसिपल के पास भेज देते तथा प्रिंसिपल कॉलिज डीन के पास भेज देती।
आखिर छात्रों के साथ कॉलिज के लोग अभद्र व्यवाहर कर धमकी तक देने लगे। हालत यह हो गई कि छात्रों को अब कॉलिज के कर्मचारीगण प्रवेश भी नहीं करने दे रहे है तथा बोल रहे है जिसके पास ओरिजिन्ल आई.डी. होगी वही कॉलिज में अन्दर प्रवेश कर सकेगा। जब छात्रों ने कॉलिज के कर्मचारियो से अपनी फीस वापिस मांगी तो बोलते है कि फीस वापिस नहीं करेंगे। आप लोग अगली साल एडमीशन के लिए आ जाना। पीडित छात्रों ने एसडीएम से मांग की है कि वे काफी परेशान हो गये है तथा भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है। अतः उन्हें न्याय दिलाया जावे, अपनी पढ़ाई कर सके। एसडीएम ने एसएचओ दादरी को मामले की जांच कर कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।
आप इंस्टीट्यूट का नाम क्यों नहीं लिखते ? नाम नहीं बताने से तो नए स्टूडेंट्स फिर से उसी इंस्टीट्यूट में ठगी का शिकार हो जायेंगे । फिर जिस पर गड़बड़ी और अपराध का आरोप है उसका नाम क्यों छिपाया जाए ?