कैसे चलता है?- किसान आबादी के भूखंडों मेंं फाइलें जानबूझ कर लटकाने का खेल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इन अधिकारियों की कारगुजारियों का चिट्ठा जल्द ही सीएम को पत्र लिखते हुए खोला जाएगाः चैनपाल प्रधान
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। किसान आबादी के भूखंडों मेंं निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा फाइलें जानबूझ कर लटकाने का खेल चलता है। इससे किसान दर दर की ठोकरें खाते रहते हैं। बडे अधिकारियों से जब शिकायत की जाती है,तो एक तरह से निचले स्तर के अधिकारी उनके आदेशों को रद्दी की टोकरी के हवाले किए जाने से भी नही चूंकते हैं। ऐसा ही एक मामले में खुलासा हुआ हैं। ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गांव बिरौडा में करीब 22 सालों से प्लाट लगवाने के लिए किसान चक्कर लगा रहे थे।
यह मामला सीएम दरबार में भी पहुंचा और फिर तपाक से कार्यवाही अमल में लाई गईं। गांव बिरौंडा के ही चैनपाल प्रधान ने बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ श्रीमती ऋतु महेश्वरी के द्वारा 2 फरवरी 2023 को किसान कोटे के भूखंड का अनुमोदन व प्राधिकरण कमेटी के द्वारा नक्शा का अनुमोदन करने के बाद व 26 अप्रैल 2023 किसानों की आपत्तियों के निस्तारण करने के बाद भी किसानों को पत्र आवंटित नहीं किए गए है। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बडे अधिकारियों के आदेशों के बावजूद किसान आबादी संपत्ति विभाग के अधिकारी हमेशा टालू रवैया अपनाते हुए रहते हैं। ऐसे लोग जो इन निचले स्तर के भ्रष्ट अधिकारियों को चढावा पहुंचा देते हैं, आंवटन पत्र दे दिए जाते हैं और जहां से कुछ नही आता है ऐसे ही इधर उधर भटकता पडता हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रष्ट और कामचोर अधिकारियों की वजह से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बदनाम हो रही हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इन अधिकारियों की कारगुजारियों का चिट्ठा जल्द ही सीएम को पत्र लिखते हुए खोला जाएगा।