पढिएः- एसएससी-सीजीएल क्वालिफाई करने वाली मीनाक्षी नागर के संघर्ष की कहानीः

 

बिना कोचिंग के चचूला गांव की बेटी मीनाक्षी नागर टैक्स असिस्टेंट बनी

चचूला गांव की बेटी मीनाक्षी नागर ने एसएससी सीजीएल क्वालिफाई कर गांव और समाज का नाम रोशन कर दिखाया
चचूला गांव की बेटी मीनाक्षी नागर ने एसएससी सीजीएल क्वालिफाई कर गांव और समाज का नाम रोशन कर दिखाया

पढिएः- एसएससी-सीजीएल क्वालिफाई करने वाली मीनाक्षी नागर के संघर्ष की कहानीः

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर क्षेत्र के चचूला गांव की बेटी मीनाक्षी नागर ने एसएससी सीजीएल क्वालिफाई कर गांव और समाज का नाम रोशन कर दिखाया है। चचूली गांव की यह बेटी अब टैक्स असिस्टेंट बन चुकी है और जल्दी इसकी नियुक्ति चंढीगढ में होने जा रही है। होनहार बिटिया की इस कामयाबी से पूरे गांव में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। टैक्स असिस्टेंट बनी मीनाक्षी नागर के अतीत पर गौर करें तो पता चलता है कि जितेंद्र नागर और जगरेश के यहां बेटी के रूप में मीनाक्षी नागर का जन्म चूचला गांव में 15 सितंबर सन 1999 को हुआ था।

एसएससी-सीजीएल में टू टायर में 70000 अभ्यार्थियों में 5303 रैंक प्राप्त हुई
एसएससी-सीजीएल में टू टायर में 70000 अभ्यार्थियों में 5303 रैंक प्राप्त हुई

मीनाक्षी नागर का लक्ष्य यूपीएससी क्वालिफाई का रहा था। प्राथमिक शिक्षा पूरी होने के बाद मीनाक्षी नागर ने हाई स्कूल की परीक्षा दिल्ली भजनपुरा से उत्तीर्ण की। तत्पश्चात वह गांव आ गई और फिर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा ऑक्सफोर्ड ग्रान पब्लिक स्कूल सिरसा ग्रेटर नोएडा से पूरी की। उच्च शिक्षा की कडी में मीनाक्षी नागर ने बीएससी- बीएड दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी की। मीनाक्षी नागर ने यूपीएसएसी की तैयारी शुरू कर दी। मन हुआ कि असिस्टेंट कमांडेंट के लिए एग्जाम क्लियर किया जाए। हुआ भी ऐसा ही मैंस, प्री, फिजिकल और मेडिकल सब कुछ हुआ, बस इंटरव्यूह रहा। फिर बारी आई एसएससी- सीजीएल की तो पहले ही प्रयास में यह भी क्वालिफाई कर लिया गया। मीनाक्षी नागर ने ’’विजन लाइव’’ को बताया कि एसएससी-सीजीएल में टू टायर में 70000 अभ्यार्थियों में 5303 रैंक प्राप्त हुई और 303 रैंक पाकर वित्त मंत्रालय में असिस्टेंट टैक्स आफिसर पद के लिए चयनित हो गई। सवाल के जवाब में मीनाक्षी नागर ने बताया कि यह सब इतना आसान नही था, एक बार तो उसे भी लग रहा था कि यह परीक्षा क्वालिफाई नही हो पाएगी, किंतु जैसे ही रिजल्ट आया तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नही रहा। असिस्टेंट टैक्स ऑफिसर के पद पर नियुक्ति चंडीगढ में होगी। किंतु उसका सपना यूपीएसएसी क्वालिफाई कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का है। इस असिस्टेंट टैक्स ऑफिसर के पद को जरूर ज्वाईन करेंगी। मीनाक्षी नागर ने इस कामयाबी का श्रेया माता पिता और बडे बुजुर्गो को दिया है। बेटी की इस कामयाबी पर पिता जितेंद्र नागर और मां जगरेश नागर खुशी के आसूं रोक नही पा रहे हैं। खास उपलिब्ध पर मीनाक्षी नागर के गांव में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। चौधरी गजेंद्र सिंह नागर, मास्टर महकार नागर, देवेंद्र नागर, संबंधी जितेंद्र नागर और ग्राम प्रधान इंद्रजीत शर्मा भी इस होनहार बिटिया को बधाई देने के लिए घर पर पहुंचे।

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