लोकसभा चुनाव-2024ः सपा, डा0 महेश शर्मा की काट के लिए प्रत्याशी की तलाश मेंं जुटी

भाजपा के सारे दावे विफल
भाजपा के सारे दावे विफल

गौतमबुद्धनगर लोकसभा चुनाव-2024ः  ऐसा प्रत्याशी उतारा जाएगा जो भाजपा के सारे दावे विफल कर देगा

बसपा
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बसपा का गढ़ रही गौतमबुद्धनगर सीट पर टिकट मांगने वालों का अकाल पड़ा

डा0 महेश शर्मा
डा0 महेश शर्मा

गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के पुनः प्रत्याशी घोषित होते ही उनके समर्थकों के बीच खुशी का माहौल

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

पहली बार किसी सत्तासीन राजनैतिक दल यानी भाजपा ने समय से पहले अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर एक तरह से सबकों चौका दिया है। इससे पता चलता है कि भाजपा चुनाव के प्रति कितनी सजग और चौकन्नी है। जब कि विपक्षी अभी तक गठबंधन और सीट बटवारें के बीच ही उलझा हुआ है। देश की 192 लोकसभा सीटों के साथ ही साथ भाजपा ने गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी उतार दिया है, सिर्फ चुनाव की तारीखों की घोषणा होना बाकी है। सीधी बात है कि होम वर्क जिसका अच्छा होगा एग्जाम में पास भी वह और अच्छे अंकों के साथ होता है। भाजपा के साथ भी यह बात सही साबित होने जा रही है। भाजपा ने इस बार 2024 चुनाव में 400 पार का नारा दिया है। इस 400 पार के लक्ष्य के लिए भाजपा इस बार चुनाव को पूरी तैयारी के लिए लिया है। जिन 192 लोग जिनका सूची में नाम फाइनल हो चुका है और अगली सूची जैसे जैस जारी होंगी, सभी प्रत्याशियों को जनता के बीच पहचान साबित करने और चुनाव प्रचार करने का भरपूर मौका और जिसका फायदा चुनाव में मिलेगा। दूसरी ओर प्रत्याशी के चेहरे के अलावा भाजपा में चुनाव संगठन के कार्यकर्ता ही लडते हैं। मनना पडेगा कि भाजपा की कुशल रणनीति 400 पार का लक्ष्य पार कर सकती है। भाजपा केंद्र में भी है और अपने इस राज्य उत्तर प्रदेश की बात करेें तो दूसरी बार यहां सत्ता में है। कभी विकसित भारत संकल्प यात्रा, तो कभी लाभार्थी योजना आदि दर्जनों कार्यक्रमों और सरकारी जनकल्याणारी योजनाओं के सहारे भाजपा के कार्यकर्ता और यहां तक विधायक, सांसद और मंत्री तक गांव गांव और गली गली तक पहुंचते रहे हैं। सत्ता मेंं रहते हुए भाजपा के कार्यकर्ता गांव गांव और गली गली पहुंचते है तो चुनाव में क्यों लाभ नही मिलेगा? दूसरी विपक्ष जनता से दूर है। सदन में बहस और नोंक झोंक में विपक्ष दिखाई देता है मगर सडक से बिल्कुल गायब है। जब कि वोट सडक, गांव और गली में से ही निकलते हैं। बस एक ट्वीट कर दिया विपक्ष का एक धर्म बन चुका है। जनता मंहगाई और बेरोजगारी के बीच पिसी जा रही है, हर रोज पेपर लीक होने की खबरें आ रही हैं। किसान मांगों के लिए आंदोलनरत है यह सब विपक्षी के लिए कोई बडी बात नही है। विपक्ष चुनावी सीजन में नींद से जागता था मगर अब वह नही है। चुनाव की सबसे ज्यादा फिक्र विपक्ष को होनी चाहिए थी, मगर गठबंधन और सींटे किसे मिलेंगी और कितनी मिलेंगी इसी उधेडबुन में है। सत्ता में बैठी भाजपा को चुनाव की फिक्र है तभी तो सबसे पहले प्रत्यशियांं की पहली सूची जारी कर दी। यदि भाजपा की रणनीति को भेदना है तो ईवीएम में गडबडी और गोदी मीडिया, अंधभक्त जैसे तकिया कलाम को छोड कर विपक्ष को प्रत्याशियों की सूची बिना समय गवाएं जारी कर तेजी से चुनाव में लगाना होगा। अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश के शो विंडो माने जाने वाले गौतमबुद्धनगर की यहां भाजपा ने डा0 महेश शर्मा को चौथी बार अपना प्रत्याशी बनाया है। पहली बार डा0 महेश शर्मा, बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र नागर के सामने चुनाव हार गए थे। इसके बाद वे एक बार नोएडा से विधायक और दो बार गौतमबुद्धनगर लोकसभा सांसद चुने गए। पूर्व केंद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के पुनः प्रत्याशी घोषित होते ही उनके समर्थकों के बीच खुशी का माहौल है और एक बार फिर वह जनता के बीच हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन तथा बहुजन समाज पार्टी में केवल दावेदारों को लेकर चर्चा ही चल रही है। इंडिया गठबंधन में इस बार यह सीट सपा के खाते में है। चर्चा है कि सपा से यहां, राजकुमार भाटी, गजराज नागर, फकीरचंद नागर, पीतांबर शर्मा, डा0 महेंद्र नागर,रामशरण नागर समेत कई लोग टिकट मांग रहे हैं। फकीरचंद नागर और राजकुमार भाटी के अलावा यह सभी लोग बसपा और कांग्रेस से सपा में आए हैं। सूत्रों का कहना है कि सपा हाईकमान अभी इनमें से किसी पर भरोसा जताने के मूड मेंं नही दिखाई दे रहा है और डा0 महेश शर्मा की काट के लिए किसी बडे चेहरे की तलाश में है। इसलिए यहां बाहरी प्रत्याशी भी आ सकता है। सपा नेता का दावा है कि गौतमबुद्धनगर की सीट पर ऐसा प्रत्याशी उतारा जाएगा जो भाजपा के सारे दावे विफल कर देगा। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि कभी बसपा का गढ़ रही गौतमबुद्धनगर सीट पर बसपा से टिकट मांगने वालों का अकाल पड़ा हुआ है। बसपा की यह दुर्गति कैसे हुई? इस विषय पर तो अलग से चर्चा करेंगे किन्तु यह सच है कि  इस सीट पर एक भी दावेदार ने अब तक सार्वजनिक तौर पर दावेदारी पेश नहीं की है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि गौतमबुद्धनगर की इस महत्वपूर्ण सीट पर विपक्ष किस स्थिति में हैं।

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