एमिटी विश्वविद्यालय में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी

प्रशिक्षण कार्यक्रम
प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के 252 जिलों से प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया

एमिटी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘एनश्योरिंग एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन

Vision Live/Noida

एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस के समाजिक कार्य विभाग द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउडेशन के सहयोग के ‘‘एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट’’ के 290 प्रोजेक्ट मैनेजर या डिस्ट्रीक्ट कोआर्डीनेटरों के लिए 4 से 6 जुलाई 2023 तक राष्ट्रीय स्तर के तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘‘एनश्योरिंग एक्सेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन’’ का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण में नोबेल शंाति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, समाजिक कार्यकर्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री भुवन ऋभु, सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री रविकांत, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस की निदेशक डा निरूपमा प्रकाश और असिस्टेंट प्रोफेसर श्री प्रशांत चौहान ने प्रतिभागीयों को प्रेरित किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के 252 जिलों से प्रतिभागीयों ने हिस्सा लिया।

कैलाश सत्यार्थी
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस के समाजिक कार्य विभाग द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउडेशन के सहयोग के ‘‘एक्सेस टू जस्टिस प्रोजेक्ट

नोबेल शंाति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और यह सुनिश्चित करना प्रत्येक नागरिक की समाजिक और नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि प्रत्येक बच्चे के अधिकारों की रक्षा की जाये और किसी भी बच्चे का शोषण ना हो। इस नेक कार्य के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आज यहां एकत्र हुए जिला समन्वयकों द्वारा बच्चों की सुरक्षा का संकल्प लिया गया है। जिम्मेदारी हर व्यक्ति के कंधे पर है और उनका एक ही लक्ष्य होना चाहिए यानी बच्चों को बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह और समाज में प्रचलित अन्य समाजिक बुराईयों से मुक्त कराना। प्रतिभागियों को सलाह देते हुए उन्होनें कहा कि प्रत्येक दिन नई उर्जा के साथ अथक परिश्रम करें और अपने काम के माध्यम से अन्य लोगों के दिलों में करूणा और दया की लौ जलायें ताकि वे इस नेक कार्य में सहयोग करें। सपने सदैव नये विचारों को जन्म देता है और व्यक्ति को बड़े आत्मविश्वास और स्वंय पर विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए

नोबेल शंाति पुरस्कार
नोबेल शंाति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य है और यह सुनिश्चित करना प्रत्येक नागरिक की समाजिक और नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए

 

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि कई वंचित बच्चे पीड़ित और बालशोषण, बाल श्रम का शिकार बन रहे है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां जागरूकता की कमी है 10 से 12 वर्ष की उम्र में इनका विवाह कर दिया जाता है इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण है कि देश के प्रत्येक नागरिक बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी ले और बच्चों के शोषण को रोकें। एमिटी में प्रत्येक कार्यक्रम का एक सेमेस्टर विशेष रूप से समाजिक कार्यो के लिए समर्पित है जिसमें छात्र सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा की गई अन्य सार्थक पहलों में भाग लेकर अपना कार्य क्षे़त्र चुन सकते है। समाजिक कार्यकर्ता और सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री भुवन ऋभु ने कहा कि पिछले तीन माह में हमारे अभियान के जरीए देश भर में लगभग 6200 बच्चे मुक्त किये गये है और 1732 एफआईआर दर्ज की गई जबकी स्न 2021 में कुल 9000 बच्चे मुक्त कराये गये थे और लगभग 1050 एफआईआर दर्ज की गई थी। श्री ऋभु ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ शपथ अभियान के अंर्तगत लगभग 10 लाख से उपर शपथ ली गई है। आप लोग जमीनी स्तर पर देश के विभिन्न जिलों मे कार्य कर रहे है अगर आप अपनी रिपोर्ट को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना भी सीख ले तो यह आपके विकास में सहायक होगा। उन्होनें कहा कि सफलता के लिए, सफलता के मापदंड, स्वंय की मेहनत की क्षमता और तकनीकी सहित जानकारी का ज्ञान आवश्यक है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आप अन्य जिलों में कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं को जाने और कार्य से जुड़ी सभी शंकाओं का निवारण करें।

बाल विवाह
बाल विवाह के खिलाफ शपथ अभियान के अंर्तगत लगभग 10 लाख से उपर शपथ ली गई

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता रविकांत ने कहा कि हमें ध्येय स्थापित करना होगा कि बाल विवाह के स्तर को स्न 2025 तक 10 प्रतिशत और कम किया जाये और स्न 2030 तक इस अभिशाप को समाप्त किया जा सकें। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 252 से अधिक जिलों, 17 राज्यों और 160 संगठन के प्रतिभागी यहां एकत्र हुये है। जिला समन्वयकों को नेटवर्क बनाना चाहिए और बालशोषण, बालश्रम और बाल विवाह के खिलाफ लड़ने का संकल्प लेना चाहिए। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस की निदेशक डा निरूपमा प्रकाश ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी इस आवासीय प्रशिक्षण के आयोजन के कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फांउडेशन के साथ सहयोग करके बेहद प्रसन्न है जिसका उददेश्य बाल अधिकारों के लिए काम करना है। इस नेक कार्य में युवा छात्र समुदाय भी शामिल होगा और एमिटी में इस नेक कार्य को पूरा समर्थन देगी। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री प्रशांत चौहान ने कहा कि एमिटी के छात्रों को विभिन्न जिलों से आये इस समाजिक कार्यकर्ताओं से मिलने और उनके कार्य के संर्दभ में विस्तृत तौर पर जानने का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड के मैनेजिंग ट्रस्टी राजीव भारद्वाज ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ सोशियल साइंसेस के असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती भावना शर्मा व छात्र भी मौजूद थे।

 

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