कुणाल शर्मा हत्याकांडः- कई बडे पुलिस अफसरों पर गिरेगी गाज

कुणाल शर्मा हत्याकांड
कुणाल शर्मा हत्याकांड

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के चलते हुए यहां 13 आईपीएस अधिकारी, 22 पीपीएस अफसर और 6 हजार पुलिस कर्मियों के बीच तीन तीन किशारों की हत्या हो जाए!

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम

जिस गौतमबुद्धनगर पुलिस की मिशाल मान कर उत्तर प्रदेश के कई दूसरे जिलों मे पुलिस कमिश्नरेट स्थापित किए गए, आज यूपी के शो विंडो माने जाने वाले शहर में यूपी पुलिस तेरा नाश जाए, बदुआ दे दी जाए। इन तमाम सवालांं का जवाब गौतमबुद्धनगर पुलिस को देना ही होगा

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर में कुणाल शर्मा हत्याकांड ऐसा लगा रहा है कि मानो सीएम योगी की पुलिस है, ही नही! जिस गौतमबुद्धनगर पुलिस की मिशाल मान कर उत्तर प्रदेश के कई दूसरे जिलों मे पुलिस कमिश्नरेट स्थापित किए गए, आज यूपी के शो विंडो माने जाने वाले शहर में यूपी पुलिस तेरा नाश जाए, बदुआ दे दी जाए। इन तमाम सवालांं का जवाब गौतमबुद्धनगर पुलिस को देना ही होगा। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम के चलते हुए यहां 13 आईपीएस अधिकारी, 22 पीपीएस अफसर और 6 हजार पुलिस कर्मियों के बीच तीन तीन किशारों की हत्या हो जाए। पहले बिलासपुर में वैभव सिंघल की हत्या हुई और फिर दादरी में यश मित्तल की अब कुणाल शर्मा को मौत के घाट उतार दिया गया। इन तीनों ही किशारो की हत्या, अपहरण  के बाद की गईं। पुलिस कागजों में टीम गठित कर कार्यवाही करती रही और हत्यारें काम को अंजाम देकर फरार हो गए। सरेआम होती जा रही इस तरह की घटनाओं से पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इससे तो यहां एसएसपी रूल ही अच्छा था। आईपीएस पूरे जिले को कमांड करते हुए पुलिस की नकेल कसा रहता था। सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नरेट इसी लिहाज से लागू किया था कि यहां कानून का राज होगा। जब यहां एसएसपी रूल था तो उस समय  एसएसपी वैभव कृष्ण के कार्यकाल में क्राइम रेट बहुत कम था और जब यहां गौरव चंदेल हत्याकांड के बाद पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम शुरू हुआ जब बेहतर परिणाम सामने आए थे। गौतमबुद्धनगर के पहले पुलिस कमिश्नर आलोक की याद अब लोगों को आ रही है। हर रोज शाम को सडक पर पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह की बडे अफसरों की फौज गश्त करने के लिए निकलती थी जिससे क्राइम रेट जीरो तक पहुंचना शुरू हो गया था। थाना पुलिस भी लोगों की बात को सुन कर गंभीरता से लेती थी। अलोक सिंह के जाने के बाद यहां की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह हैं। वैभव सिंघल, ,यश मित्तल और अब कुणाल शर्मा की हत्या अपहरण के बाद हुई, पुलिस की इन नामाकमियों का जवाब पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को देना ही होगा। महज बीटा-2 थाना प्रभारी को पुलिस लाईन भेजने से पुलिस के दामन पर लगे दाग हट नही जाएंगे। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने सीएम योगी की सरकार की बदनाम होती छवि को देखते हुए एक पत्र उत्तर प्रदेश के प्रमुख गृह सचिव दीपक कुमार को लिखा है। विधायक धीरेंद्र सिंह ने कुणाल शर्मा हत्याकांड में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की है। कुणाल शर्मा हत्याकांड में पुलिस की नाकामी की गूंज लखनउ दरबार तक पहुंच चुकी है। माना जा रहा है कि इस मामले में कई बडे पुलिस अफसरों पर कार्यवाही की गाज गिरना तय है।

 

ढाबा संचालक के अगवा बेटे कुणाल 15 वर्षीय की हत्या

ग्रेटर नोएडा से ढाबा संचालक के अगवा बेटे कुणाल 15 वर्षीय का शव रविवार को बुलंदशहर के गांव ज्वारखेड़ा के पास गंगनहर से मिला। परिजनों और ग्रामीणों ने किशोर की हत्या का दोषी पुलिस को ठहराया है। ढाबा संचालक के अगवा बेटे को ढूंढ निकालने में पुलिस नाकाम साबित हुई। पांच दिन तक परिजन और ग्रामीण प्रदर्शन कर जांच करने की मांग करते रहे। वहीं पुलिस इसे अपहरण का मामला मानने से इन्कार करती रही। आखिर पुलिस ने बाद में अगवा करने की बात मानी। बताया यह भी गया है कि पुलिस अपहृत कुणाल को तलाश करने के बजाय परिजनों से पूछताछ और मारपीट में लगी रही। ढाबा संचालक कृष्ण कुमार शर्मा का आरोप है कि बीटा. 2 पुलिस की लापरवाही से बेटे कुणाल की जान गई। वह शुरू से ही अनहोनी की आशंका जताते रहे थे। लेकिन पुलिस ने उनकी नहीं सुनी। समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो बेटे की जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि हत्या का दोष पुलिस पर है। वह पुलिस को कभी माफ नहीं करेंगे। इससे पहले, रविवार सुबह बुलंदशहर में अपहृत किशोर का शव मिलने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आनन.फानन परिजन और ग्रामीण बुलंदशहर पहुंच गए। जहां अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होंने पुलिस की नाकामी पर सवाल उठाए। शव मिलने के बाद ग्रामीण बीटा.दो कोतवाली पर प्रदर्शन करने के लिए निकल पड़े।

अगवा बेटे कुणाल 15 वर्षीय

रविवार शाम 5 बजे कुणाल का शव रबूपुरा स्थित म्याना गांव लाया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे परिजन और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने से इन्कार कर दिया। कुणाल का शव म्याना गांव लाए जाने से पहले बड़ी संख्या में ग्रामीण और रिश्तेदार पहुंच गए थे। हंगामे की आशंका देख मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। परिजनों का कहना था कि पहले ढाबा संचालक कृष्ण कुमार की पत्नी की हत्या हो थी, अब बेटे की हत्या की गई है। उन्होंने परिवार के अन्य लोगों की जान पर खतरा होने की बात कहकर सुरक्षा देने की मांग की। जिसे पुलिस ने मान लिया। पुलिस ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की बात कही है, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया।

सिर पर भारी वस्तु के प्रहार से मौत की बात सामने आई

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर भारी वस्तु के प्रहार से मौत होने की बात सामने आई है। कुणाल के सिर पर लाठी या अन्य किसी ठोस वस्तु से प्रहार किया गया। इसके चलते ब्रेन में चोट पहुंची। चोट बाहरी तरफ न खुलकर अंदर ही ब्लीडिंग होती रही। हत्या के बाद शव नहर में फेंक दिया गया। जांच के लिए विसरा प्रिजर्व कर फोरेंसिक लैब भेजा गया है। मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी गई थी। बच्चा महिला के साथ गया था। कुछ लोगों से पूछताछ में महत्वपूर्ण तथ्य मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के साथ अन्य टीम भी जांच कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया जाएगा।

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