जानिए, कौन है रवि कानाः– पुलिस और नेताओं के संरक्षण मेंं ही सरिया चोरी से शुरू हुआ स्क्रेप कारोबार

सरिया एवं स्क्रैप माफिया रवि नागर (रवि काना) गिरोह
सरिया एवं स्क्रैप माफिया रवि नागर (रवि काना) गिरोह

सरिया एवं स्क्रैप माफिया रवि नागर (रवि काना) गिरोह की कमर टूटी

पुलिस ने स्क्रैप माफिया रवि नागर की करीब 100 करोड़ की संपत्ति सील की

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट पुलिस स्क्रैप माफिया रवि नागर की कमर की कमर को तोडने में लगी हुई है। यहां गैंगस्टर एक्ट के मामले में स्क्रैप माफिया रवि नागर पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सरिया एवं स्क्रैप माफिया रवि नागर (रवि काना) गिरोह की आर्थिक रूप से कमर तोड़ने के लिए मंगलवार रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक चली दबिश में 100 करोड़ की संपत्ति सील की गई। इसको विवेचना में शामिल किया गया है। डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां खान का दावा है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत यह संपत्ति जब्त भी की जाएगी। इस कार्रवाई में पुलिस की चार टीमें लगी हुई थीं। करीब 100 करोड़ की प्रॉपर्टी को जांच में शामिल कर सील किया गया है। ईकोटेक-1 कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार ने टीम के साथ रवि के श्रीकृष्णा स्टील्स गोदाम में दबिश दी। गोदाम करीब 20 बीघा जमीन पर बना हुआ है। यह पट्टे की जमीन पर अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। गोदाम को सील किया गया है। उसमें मौजूद एक ट्राली गत्ता, सैकड़ों वॉशिंग मशीन, सैकड़ों फ्रिज, माइक्रोवेव ओवन, लकड़ी व अन्य स्क्रैप को सील किया गया है। वहीं, बीटा-2 कोतवाली प्रभारी मुनेंद्र कुमार ने टीम के साथ बिसरख कोतवाली क्षेत्र स्थित प्राइम प्रेसिंग टूल्स गोदाम में दबिश दी। यह भी रवि का गोदाम है।

बिसरख के चेरी काउंटी स्थित 5000 वर्ग गज जमीन को सील किया गया है। गोदाम में कार्रवाई के दौरान 20 ट्रक, दो स्क्रैप से लदे ट्रक, दो ट्रैक्टर, दस लाख का सरिया, तांबा, स्क्रैप करीब 200 टन, दस कंप्यूटर व प्रिंटर, 60 बड़े वाहनों के कागजात कब्जे में लिए गए हैं। दोनों गोदामों पर हुई कार्रवाई के दौरान 100 करोड़ की संपत्ति सील हुई। बीटा-2 कोतवाली में रवि काना व उसके गिरोह के 15 अन्य आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। चार आरोपित राजकुमार, अनिल, आजाद और विकास गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि गैंग लीडर रवि काना समेत कई अन्य फरार हैं। आशंका है कि रवि नेपाल के रास्ते विदेश भाग गया है। गैंग लीड रवि नागर उर्फ रविंद्र सिंह उर्फ रवि काना निवासी दादूपुर, तरुण छोंकर, अमन, विशाल, अवध उर्फ बिहारी, महकी नागर उर्फ महकार, विक्की, अफसार, राशिद, प्रहलाद, काजल झा और रवि की पत्नी मधु पर अभी और शिकंजा कसने की तैयारी चल रही है। गैंग लीड रवि और उसके गिरोह की 50 करोड़ से अधिक की और संपत्ति चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही संपत्ति चिह्नित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पुलिस को आशंका है कि रवि ने अधिकांश संपत्ति को अपने करीबियों के नाम किया हुआ है। पुलिस अब ऐसे करीबियों की पहचान करने में जुट गई है जिनकी पिछले 10 साल में तेजी से प्रॉपर्टी बड़ी है। रवि के रिश्तेदार और उसके परिवार के लोगों की प्रॉपर्टी की जांच की जा रही है। जिला प्रशासन और प्राधिकरण से भी इनका ब्यौरा मांगा जा रहा है।

गैंग लीड रवि और उसके गिरोह की 50 करोड़ से अधिक की और संपत्ति चिह्नित
गैंग लीड रवि और उसके गिरोह की 50 करोड़ से अधिक की और संपत्ति चिह्नित

जानिए, कौन है रवि कानाः– पुलिस और नेताओं संरक्षण मेंं ही सरिया चोरी से शुरू हुआ स्क्रेप इतना बडा चलता था, कारोबार

दादूपुर के प्रधान हरेंद्र नागर की हत्या के बाद सारा करोबार उसके भाई रवि नागर उर्फ काना ने संभाल लिया था। हरेंद्र नागर की विधवा बेवन नागर सियासी कवच तैयार करती थी। सपा सरकार में उनकी पहुंची शिवपाल यादव से भी हो गई थी। जेवर विधानसभा क्षेत्र से बेवन नागर को उम्मीदवार तक घोषित कर दिया गया था। सूबे में निजाम बदला और भाजपा की सरकार आई। शतरंजी बेवन नागर ने पाला बदला और भाजपा में शामिल हो गई। भाभी बेवन नागर की इस सियासत का फायदा उठाते हुए रवि काना ने स्कै्रप कारोबार खूब बढाया। एकछत्र राज था और उसकी गाड़ियों को किसी भी थानाक्षेत्र में अवैध तरीके से ले जाने के बावजूद कोई रोक टोक नहीं थी। इतना ही नहीं यदि रवि का कोई काम फंसता था तो पुलिस अधिकारी ही उसके लिए सिफारिश करते थे।

स्क्रेप का माफिया बन बैठा
स्क्रेप का माफिया बन बैठा

ऐसे सितारा बुलंद होता ही चला गया रवि काना का

एक दशक पहले रवि नागर उर्फ रवि काना एक बेरोजगार युवक की तरह छोटे.मोटे काम करता था, लेकिन सरिया के चोरी के अवैध कारोबार में आने के बाद दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की की थी। सरिया के अवैध कारोबार में पुलिस समेत सभी अधिकारियों की जमकर शरण मिली और स्क्रेप का माफिया बन बैठा।  सरिया के अवैध कारोबार में पुलिस समेत सभी अधिकारियों की जमकर शरण मिली और स्क्रेप का माफिया बन बैठा। इसी की बदौलत उसका दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कनेक्शन था और इसी की एवज में वह सुरक्षा लेता रहा है।

हर महीने थाने जाते थे लाखों रुपये

सूत्र बताते हैं कि साल.2012 में सरिया के अवैध कारोबार की हर माह करीब 40 से 50 लाख रुपये माहवार अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों और थानों तक जाते थे। कुछ माह पहले तक यह राशि डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी।

अधिकारियों का रहा है पूरा संरक्षण

कमिशनरेट पुलिस ने करीब आठ माह पहले रवि के लिए जाल बिछाया थाए लेकिन उसके कई बडे़ स्तर के अधिकारियों ने सचेत कर दिया तो वह शांत बैठ गया। मगर अब जैसे ही सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया तो आला अधिकारियों के संज्ञान में डालने के बाद रवि काना पर कार्रवाई शुरू की गई।

सुरक्षा दिलाने में रहा है अधिकारी.नेताओं का सहयोग

रवि नागर उर्फ रवि काना को पुलिस सुरक्षा दिलाने में केवल पुलिस अधिकारियों का ही नहीं सहयोग रहा। बल्कि नेताओं ने भी जमकर सरपरस्ती दी है। वह सपा के समय में भी अपने अवैध कारोबार को बढ़ाता रहा था। जब भाजपा आई तो यहां पर जुगाड़ लगाकर पैठ बना ली और फिर उसी तरह से कारोबार को आगे बढ़ाया।

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