चुनावी उलटफेरः– माहौल बनाकर समाजवादी पार्टी की इज्जत को बचा लें !

गौतमबुद्धनगर लोकसभा
गौतमबुद्धनगर लोकसभा

इंडिया गठबंधन से सपा ने बेशक डा0 महेंद्र नागर को फजीहत के बाद चुनाव मैदान में उतार दिया हो, मगर सपा प्रत्याशी डा0 महेंद्र नागर का चुनाव प्रचार कहीं नजर नही आ रहा है, कहीं ऐसा तो नही है कि सपा प्रत्याशी डा0 महेंद्र नागर, प्रो0 रमेशचंद्र तोमर और अरविंद सिंह की तरह चुनाव से भाग तो नही रहे हैं, पिछले चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी अरविंद सिंह और पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी प्रो0 रमेशचंद तोमर चुनाव से ऐन पहले एक तरह से गायब हो गए थे

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

ऐसा लग ही नही रहा है कि वाकई गौतमबुद्धनगर लोकसभा क्षेत्र में इंडिया गठबंधन भी चुनाव मैदान में हैं। इंडिया गठबंधन से सपा ने बेशक डा0 महेंद्र नागर को फजीहत के बाद चुनाव मैदान में उतार दिया हो, मगर सपा प्रत्याशी डा0 महेंद्र नागर का चुनाव प्रचार कहीं नजर नही आ रहा है। कहीं ऐसा तो नही है कि सपा प्रत्याशी डा0 महेंद्र नागर, प्रो0 रमेशचंद्र तोमर और अरविंद सिंह की तरह चुनाव से भाग तो नही रहे हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी अरविंद सिंह और पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशी प्रो0 रमेशचंद तोमर चुनाव से ऐन पहले एक तरह से गायब हो गए थे। इस बार के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा0 महेश शर्मा के सामने बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी मजबूती से चुनाव में डटे हुए हैं। किंतु इंडिया गठबंधन के घटक दल सपा प्रत्याशी डा0 महेंद्र नागर मजबूती से चुनाव में टिक नही पा रहे हैं। गौतमबुद्धनगर लोकसभा का क्षेत्र  नोएडा से लेकर खुर्जा तक फैला हुआ है। यहां ऐसे भी वोटर्स हैं जो भाजपा के खिलाफ जा सकते हैं जिन्हें अपने पाले में खींचने के लिए बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह सोलंकी ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। दूसरी ओर सपा इस तरह के वोटरों तक पहुंच ही ना पा रही हैं। गौतमबुद्धनगर के सपाई तथा अनुयाई एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई देख रहे हैं। माना जा रहा है कि गौतमबुद्धनगर में सपा का यह हाल सपा के प्रत्याशी डा0 महेन्द्र नागर के कारण हुआ है।

गौतमबुद्धनगर सीट पर समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के गठबंधन ने पुराने कांग्रेसी डा0 महेन्द्र सिंह नागर को अपना प्रत्याशी बनाया है। डा0 महेन्द्र नागर को प्रत्याशी बनवाने में सपा के कुछ प्रमुख नेताओं का हाथ रहा है। इन नेताओं का मत था कि डा0 महेन्द्र सिंह नागर गुर्जर समाज को एकजुट करके सपा के पक्ष में वोट करवा देंगे। साथ ही कांग्रेस के परंपरागत वोटर्स तथा सपा के कोर वोटर्स मुस्लिम तथा यादव समाज को भी उत्साहित करके वोट डलवा देंगे। यहां पर 26 अप्रैल-2024 को मतदान होना है।  ऐसे में सपा प्रत्याशी गुर्जर, यादव तथा मुस्लिम को अपने साथ जोडऩा तो छोड़ो गौतमबुद्धनगर सीट पर सक्रिय सपा तथा कांग्रेस के नेताओं तक को नहीं जोड़ पा रहे हैं। गौतमबुद्धनगर की राजनीति पर बारीकी से नजर रखने वालों का कहना है कि यहां इस सीट पर सपा गठबंधन का चुनाव अभियान शुरू ही नहीं हो पा रहा है। इस कारण नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर, सिकन्द्राबाद तथा खुर्जा तक सपा के नेता बेहद दुखी हैं। वें अपने सामने ही अपनी सीट पर सपा के प्रत्याशी की दुर्गति होती हुई देख रहे हैं।

सपा के प्रत्याशी डा0 महेन्द्र नागर
सपा के प्रत्याशी डा0 महेन्द्र नागर

वैसे यहां गौतमबुद्धनगर सीट पर सपा तथा कांग्रेस के समर्थकों  की अच्छी खासी तादाद है। गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट पर सपा हमेशा से मजबूती से चुनाव लड़ती रही है। वर्ष 2014 के चुनाव में सपा के लोकसभा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह भाटी ने अच्छा खासा प्रदर्शन कर सपा की मजबूत पहचान बनाई थी। इस बार खेल बिल्कुल उलटा नजर आ रहा है। सपा के अनुयाई बोल रहे हैं कि चुनाव चल रहा है किन्तु उनकी पार्टी का प्रत्याशी मानो चुनावी मैदान से नदारद है। एक पुराने कांग्रेसी का यहां तक कहना है कि डा0 महेंद्र नागर कांग्रेस के पुराने के दौर के साथी रहे हैं। सपा से टिकट होने के बाद उन्हें आस थी कि डा0 महेंद्र नागर उनसे जरूर संपर्क साधेगें फिर शिद्दत से चुनाप प्रचार मे जुटेंगे, किंतु ऐसा नही हुआ और इससे वह बेहद निराश हैं। यदि डा0 महेंद्र नागर को चुनाव लडना नही था तो फिर टिकट के लिए इतनी जद्दोजहद की और अब फिर इतनी क्यों फजीहत करा रहे हैं? दूसरी ओर एक पुराने सपा समर्थक ने कहा कि हमें तो लग रहा है कि हमारी पार्टी सपा का प्रत्याशी तो जैसे गांव की प्रधानी अथवा नगर पालिका का चुनाव लड़ रहा है। यह सपा प्रत्याशी तो पूरे गौतमबुद्धनगर क्षेत्र को छोडक़र केवल अपने गांव मिल्क लच्छी के आसपास ही सिमट कर रह गया है। इससे सपा के समर्थक अब एक तरफ कुआं तथा दूसरी तरफ खाई वाली स्थिति में फंस गए हैं। वें यदि सपा प्रत्याशी के साथ रहते हैं तो उन्हें प्रत्याशी में जरा भी दम नजर नहीं आ रहा है। प्रत्याशी को छोड़ते हैं तो पार्टी से गददारी का ठप्पा लगता है। इस प्रकार दुखी मन से सपा के नेता तथा अनुयाई अपने.अपने घरों में बैठकर सपा के प्रत्याशी डा0 महेन्द्र नागर का इंतजार कर रहे हैं। वें सोच रहे हैं कि शायद सपा प्रत्याशी को कुछ सद्बुद्धि आ जाए वें पूरे क्षेत्र में चुनावी माहौल बनाकर समाजवादी पार्टी की इज्जत को बचा लें

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