![उपक्रम में एक भव्य समारोह](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_104652.jpg)
![भव्य समारोह](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/1.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्क्रीन पर लोगों से मुखातिब होते हुए ईस्टर्न और वेर्स्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जुडाव से होने वाले फायदे और 10 वंदेमारत रेलों का जिक्र किया
![विशिष्ठ अतिथिगणों](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_102403-scaled.jpg)
रेल माल ढुलाई गलियारा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के तिलपता कर्णवास गांव में स्थित भारतीय कंटनेर निगम (कॉनकोर) रेल मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम में भव्य समारोह संपन्न
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
मोदी सरकार की गारंटीः- विकसित भारत के लिए आधुनिक रेलवे के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद से 85 हज़ार करोड रूपये से अधिक की विभिन्न रेल परियोजनाओं की आधारशिला एवं राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री द्वारा इस नई सौगात से ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ( न्यू खुर्जा- न्यू सनहेवा) और वेर्स्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (न्यू मकरपुरा- न्यू घोलवड) आपस में जुड गए। बुलंदशहर के खुर्जा और वहीं गौतमबुद्धनगर के दादरी में जुड गए। रेल माल ढुलाई का यह गलियारा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के तिलपता कर्णवास गांव में स्थित भारतीय कंटनेर निगम (कॉनकोर) रेल मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम में एक भव्य समारोह का संगम साबित हुआ। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्क्रीन पर लोगों से मुखातिब होते हुए ईस्टर्न और वेर्स्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जुडाव से होने वाले फायदे और 10 वंदेमारत रेलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक समया वह था जब रेलों के लेट लतीफी के कारण यह उपक्रम बीमारू जैसा साबित होता जा रहा था किंतु आज माल ढुलाई और यात्री रेलों के अलग अलग गलियारा बन जाने से माल ढुलाई में तेजी और दूसरी रेलों की लेट लतीफी का कारण भी अब इतिहास बनने को है और भारत के इतिहास में रेल एक क्रांति बन कर उभर रही है।
![प्रमुख समाजसेवी सुखवीर सिंह आर्य](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_103835.jpg)
![सासंद डा0 महेश शर्मा के प्रतिनिधि बलराज भाटी](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_103926.jpg)
![अमरेश चपराना प्रिंसीपल](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_104024.jpg)
समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर दादरी नगर पालिका चेयरमैन गीता पंडित, विशिष्ठ अतिथिगणों में प्रमुख समाजसेवी सुखवीर सिंह आर्य, गौतमबुद्धनगर सासंद डा0 महेश शर्मा के प्रतिनिधि बलराज भाटी, अमरेश चपराना प्रिंसीपल भारतीय आदर्श बालिका वैदिक इंटर कॉलेज तिलपता, दादरी विधानसभा संयोजक जगभूषण गर्ग आदि अपने विचार व्यक्त किए। भारतीय आदर्श बालिका वैदिक इंटर कॉलेज के नुन्हें मुन्हों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर शमा बांध दिया।
![जसवंत सिंह](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_104726-scaled.jpg)
![जगभूषण गर्ग](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/20240312_104445.jpg)
चीफ मैनेजर आईसीडी दादरी जीके झींगर ने आंतुकों का आभार व्यक्त हुए इस उपलब्धि पर खासी प्रसन्नता जताई। इस मौके पर कार्यक्रम में सूबेदार भागमल, जितेंद्र आर्य, अजय भाटी कैलाशपुर, बचन भाटी, पवन आर्य, कूडे सिंह, जसवंत सिंह आदि स्थानीय ग्रामीणजन, रेलवे अधिकारी, डीएफसी अधिकारी आदि गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
कॉनकोर के बारे में जानिए
भारतीय कंटेनर निगम (कॉनकोर) रेल मंत्रालय के अधीन एक नवरत्र सार्वजानिक क्षेत्र का उपक्रम और जो कि गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा शहर के तिलपता कर्णवास गांव में स्थित है। यह देश का सबसे बड़ा मल्टी मॉडल लोजिस्टिक्स सेवा प्रदाता है। 35 वर्षों से अधिक की अपनी शानदार यात्रा के दौरान, इसने अत्याधुनिक उपकरणों के साथ अखिल भारतीय स्तर पर 64 टर्मिनल विकसित किए हैं। यह ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और सेवाओं जैसे सीमा शुल्क, गेटवे पोर्ट, रेलवे, सड़क ट्रांसपोर्टर, फॉरवर्डर्स, कस्टम हाउस एजेंट और शिपिंग लाइन्स के साथ समन्वय करते हुए एकल खिड़की सुविधा प्रदान करता है। ये टर्मिनल आयातक/ निर्यातक के द्वार तक सीमा शुल्क निकासी सहित सभी बंदरगाह सुविधाएं प्रदान करते हैं।
![भारतीय कंटेनर निगम (कॉनकोर)](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/CCI_EP.jpg)
![कॉनकोर](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/1608576179_22bus-concor-dc-ne.jpg)
आईसीडी/ दादरी कॉनकोर के सबसे बड़े अंतर्देशीय कंटेनर डिपो -आईसीडी- में से एक है, जो 105 हेक्टेयर भूमि पर स्थित है और प्रति वर्ष पांच लाख टीईयू को सँभालने की क्षमता रखता है। यह शिपिंग लाइन्स / संयुक्त उपक्रम भागीदारों के साथ पीपीपी मॉडल पर काम कर रहा है और परिणामस्वरूप इसके पांच कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) हैं जिनमे एक कॉनकॉर का अपना सीएफएम भी शामिल है। निर्यात और आयात करने वाली कंटेनर ट्रेनों की हैंडलिंग और परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए टर्मिनल के अंदर छह रेलवे लाइनें हैं। यह आईसीडी रणनीतिक रूप से स्थित है और जीटी रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग, यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा एक्सप्रेसवे तथा पूर्वी और पश्चिमी परिधीय गलियारे से जुड़ा हुआ है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर क्या है, आइए जानिए
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर या वेस्टर्न डीएफसी भारत में 1,506 किमी लंबा, निर्माणाधीन 1,676 मिमी -5 फीट 6 इंच- फ्रेट कॉरिडोर है। यह उत्तर प्रदेश में दादरी को नवी मुंबई, रायगढ़ जिले, महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू बदंरगाह से जोड़ेगा। कॉरिडोर का निर्माण रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई-(पीएमयू) डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड -डीएफसीसीआईएल- द्वारा किया जा रहा है और इसे डबल.लाइन ऑपरेशन के साथ विद्युतीकृत किया जा रहा है। पश्चिमी डीएफसी में पलवल जिले के पृथला से दिल्ली के तुगलकाबाद तक एक नई सिंगल.लाइन शाखा शामिल है, जो मौजूदा नई दिल्ली.फरीदाबाद.पलवल रेलवे लाइन के समानांतर चलती है।
पश्चिमी डीएफसी विशेष रूप से बढ़ी हुई भार वहन क्षमता के साथ उच्च गति पर माल परिवहन के लिए है। मुख्य माल ढुलाई वस्तुओं में उर्वरक, खाद्यान्न, नमक, कोयला, लोहा, इस्पात और सीमेंट शामिल हैं। इसमें भारतीय रेलवे पटरियों पर उपयोग किए जाने वाले मौजूदा 22.9 टन से 25 टन एक्सल लोड की तुलना में पटरियों और 32.5 टन पुलों पर 25 टन की एक्सल भार क्षमता के साथ फ्लैश बट वेल्डेड हेड.हार्डेड (एचएच) 250 मीटर लंबी रेल का उपयोग किया जाता है। यह लाइन 1,500 मीटर -4,900 फीट- लंबाई तक पहुंचने वाली, उच्च.शक्ति ॅ वेज-12 इलेक्ट्रिक इंजनों द्वारा खींची जाने वाली और 100 किमी/घंटा -62 मील प्रति घंटे- से अधिक गति से चलने वाली मालगाड़ियों का समर्थन करती है। इससे एकल ट्रेनों को 400.कंटेनर क्षमता प्राप्त करने की अनुमति मिलती है। ट्रेनों में रेडियो संचार और जीएसएम.आधारित ट्रैकिंग होगी, भारतीय रेलवे क्षेत्र में पहली बार।
![डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर](https://visionlive.in/wp-content/uploads/2024/03/untitled-1-1609225874.jpg)
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर या ईस्टर्न डीएफसी भारत में एक ब्रॉड गेज फ्रेट कॉरिडोर है। रेलवे पंजाब में लुधियाना और पश्चिम बंगाल में दानकुनी -कोलकाता के पास- के बीच उत्तर प्रदेश में मेरठ और खुर्जा के बीच चलेगी। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (पूर्वी डीएफसी) की 46 किमी लंबी शाखा लाइन है, जो पूर्वी डीएफसी पर बुलंदशहर जिले के खुर्जा को पश्चिमी डीएफसी पर गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी से जोडती है।
पूर्वी डीएफसी में ज्यादातर डबल ट्रैक होंगे और विद्युतीकृत होंगे, यह माल ढुलाई गलियारा कुल 1,839 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस गलियारे में 46 किमी की शाखा लाइन है वो पूर्वी डीएफसी पर खुर्जा (बुलंदशहर जिला) को पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर (पश्चिमी डीएफसी) पर दादरी (गौतमबुद्धनगर जिला) से जोड़ रही है।
डीएफसी रूट पर आईसीडी/् दादरी से अब तक 1200 रेलगाड़ियाँ चलायी जा चुकी है। कॉनकॉर डीएफसी रूट पर खाटुवास और कनकपुरा (जयपुर) से भी डबल स्टैक इंटेलर रेलगाड़ियाँ चला रहा है। डीएफसी से परिचालन के कारण आईसीडी/ दादरी से मूंदड़ा और पिपावा पोर्ट पारगमन के समय में कमी आयी है। पहले जहाँ मूंदड़ा और पिपावा पोर्ट तक आने.जाने में 75 घंटे लगते थे वहीं अब 45 घंटे का समय लगता है। आगे यह समय घट कर 30 घंटे तक होने की उम्मीद है। पारगमन समय में कमी के लागत में भी कमी आयी है।