भाजपा सरकार में दिए तले अंधेराः-सूरजपुर के विकास को लेकर मंत्री से लेकर सासंद और विधायक तक बौने साबित

सूरजपुर के विकास के लिए 9 करोड की धनराशि
सूरजपुर के विकास के लिए 9 करोड की धनराशि

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में  जीम प्लानिंग लीनू सहगल की टेबल पर धूंल फांक रही है, आगणन समिति की रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

नए सीईओ रवि कुमार एनजी ने जब कार्यभार संभाला था, पहली ही प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को बताया था कि सूरजपुर के विकास के लिए 9 करोड की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है, इससे सूरजपुर के लोगांं को विकास की कुछ उम्मीदें बंधी थी, किंतु यह एक सपना ही बन कर रह गया

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

गौतमबुद्धनगर जिला मुख्यालय सूरजपुर में स्थित है। ग्राम प्रधानी खत्म होने के साथ ही कई दूसरें गांवों की तरह ही सूरजपुर भी अपनी बदाहली पर आंसू बहा रहा है। कहने को तो गांवों के विकास का जिम्मा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर है मगर हकीकत कुछ ओर ही है। सूरजपुर में विकास ही यह कहानी किसी से छिपी नही है। नोएडा- दादरी रोड की हालत दयनीय है और साफ सफाई व्यवस्था इतनी बदतर है कि यह कसबा मानो मलिक बस्ती बन कर रह गया है। कई दूसरे रास्ते ऐसे है जहां से पैदल तक निकलना तक दूभर बना हुआ है। विधायक से लेकर सांसद तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिख कर विकास कराए जाने की मांग कर चुके है, मगर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन पत्रों को रद्दी की टोकरी में डाल चुका है। सूरजपुर गांव निवासी मानकचंद शर्मा ने कसबे का विकास का मुद्दा उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व राज्य मंत्री अनुप प्रधान के समक्ष उठाया था। गत दिनांक 25 दिसंबर-2022 को राजस्व राज्य मंत्री अनुप प्रधान ने इस पत्र को गंभीरता से लिया और तत्कानीन सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को ताकीद किया कि सूरजपुर कसबे के सभी गली रास्तो को प्राथमिकता के आधार बनवाया जाए।

राजस्व राज्य मंत्री अनुप प्रधान
राजस्व राज्य मंत्री अनुप प्रधान

राजस्व राज्य मंत्री के इस पत्र पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया और फिर काम शुरू हुआ सर्वे का। आखिर सूरजपुर के विकास की यह फाईल इतनी तेजी से आगे बढी कि तत्कालीन सीईओ ऋतु माहेश्वरी के जाने के बाद नए सीईओ रवि कुमार एनजी ने जब कार्यभार संभाला था, पहली ही प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को बताया था कि सूरजपुर के विकास के लिए 9 करोड की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। इससे सूरजपुर के लोगांं को विकास की कुछ उम्मीदें बंधी थी। किंतु यह एक सपना ही बन कर रह गया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में आगणन समिति की रिपोर्ट जीम प्लानिंग लीनू सहगल की टेबल पर धूंल फांक रही है। तकनीकी समिति की संस्तुति के क्रम में आगणन धनराशि रूपये 686.78 यानी छ करोड  छियासी लाख अठहत्तर हजार की प्रशासनिक एंव वित्तीय स्वीकृति तथा कार्य ई- निविदा आमंत्रित कर, कराए जाने की स्वीकृति अपर मुख्य कार्यापालक अधिकारी के कार्यालय आदेश पत्राक-ग्रेनो/अ0मु0का0अ0 (ए0)/2022-23/एसएम ( टी) 1607 दिनांक 31-03-2023 के क्रम अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (डी0) द्वारा प्रदान की जानी है।

रिपोर्ट पर जीम प्लानिंग लीनू सहगल———-

इस रिपोर्ट पर जीम प्लानिंग लीनू सहगल ने दिनांक 29-12-2023 को लिखा कि—- ऐसे कितने अन्य प्रकरण है, कृपया अवगत कराए व यह मूल आबादी के अंदर कार्य किया जा रहा है या अन्यत्र यह भी स्पष्ट करें। जीएम प्लानिंग की रिपोर्ट पर जवाब वर्क सर्किल-3 को देना है। इससे पहले भी गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा दिनांक 22-10-2023 को और साथ ही दादरी के विधायक मास्टर तेजपाल नागर दिनांक 13-08-2023 को मानक चंद शर्मा और प्रेमवीर शर्मा द्वारा सूरजपुर के विकास कराए जाने की मांगों पर अलग अलग पत्र लिख कर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से सूरजपुर सरकारी चकरोडों को सीसी, सीवर लाईन और पानी की टंकी बनवाने की मांग कर चुके हैं।

जीम प्लानिंग लीनू सहगल
जीम प्लानिंग लीनू सहगल

गौतमबुद्धनगर जिसे उत्तर प्रदेश का शो विंडो भी कहा जाता है, जिला मुख्यालय सूरजपुर कसबे में स्थित है। जिला मुख्यालय होने नाते यहां पर पुलिस कमिश्नरेट मुख्यालय, पुलिस लाइन, जिला न्यायालय, जिला पंचायत कार्यालय भवन और जिला प्रशासन के मुख्यालय और साथ ही कई सरकारी और अर्द्वसरकारी कार्यालय स्थित है। सूरजपुर कहने को कसबा स्तरीय आबादी है मगर यहां गांव जैसी भी सुविधाएं लोगों को मयस्सर नही हैं। पहले यहां ग्राम पंचायत जरूर हुआ करती थी मगर जब से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी ऐरिया के दर्जनों गांवों की ग्राम पंचायतों का आसित्व समाप्त हुआ है, न गांवों की इकाई रही और न ही कसबा स्तरीय नगर पंचायत अथवा नगर पालिका जैसी कोई संवैधानिक इकाई ही मिल पाई है। विकास की बात करें सूरजपुर कसबा एक मलिक बस्ती जैसा बन कर रह गया है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नाम पर सिर्फ एक आयुवेर्दिक चिकित्सालय जहां तैनात चिकित्सक ज्यातादार अपनी निजी प्रैक्टिस में मशगलू रहते हैं। ब्लाक मुख्यालय बिसरख है जो करीब 5-6 दूर है। शिक्षा के नाम न कोई राजकीय डिग्री कॉलेज है और न ही कोई कन्या इंटर कॉलेज है। तहसील सदर है मगर करीब 15-20 किमी दूर ग्राम डाढा में तहसील सदर का मुख्यालय है। स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधाओं की बात को छोड भी दें तो यहां बजबाती हुई नालियां और बहता गंदा पानी और कीचड भरे रास्ते खुद अपनी कहानी बंया करते हुए दिखाई देते हैं। सूरजपुर कसबा, दादरी नोएडा रोड पर बसा हुआ है।

क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर
क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर

मूल आबादी दादरी नोएडा रोड के दक्षिण क्षेत्र में हैं जहां कुछ गली रास्ते पक्के बन गए हैं। नोएडा दादरी रोड के उत्तरी क्षेत्र में सूरजपुर कसबे का ज्यादार विस्तार हुआ हैं और एक बडी आबादी इस क्षेत्र में निवास करती है। महामेधा रोड, पुराना शनि बाजार, शिव मंदिर, भोला कालौनी, सीताराम कालौनी, बाराही मंदिर रोड, सुदेश कालौनी, जमाल कालौनी और ज्ञान कालौनी ऐसे क्षेत्र जो आज भी विकास के से अछूते बने हुए हैं। यह भी सच है कि कालोनाईजर इन ज्यादातर कालौनियां को काट कर उछन छू हो चुके हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इन ज्यादातर कालौनियों को अवैध बता कर विकास की अपनी जिम्मेदारियांं से पल्ला झाडता चला आ रहा है। इन कालौनियों में कई तो ऐसी भी है जिन्हें बसे हुए 15-20 साल ज्यादा हो गए हैं। तत्कालीन मेरठ मंडल के कमिश्नर व तत्कालीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यापालक अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने पूर्व में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा में बसी ऐसी आबादियों का प्रस्ताव रखा था, जिन्हें नियमित किया जाना था। तब यहां के लोगों को आस जगी थी कि शायद अब विकास की किरण आएगी और नरकीय जीवन से छुटकारा मिलेगा। किंतु वह बात भी आई गई हो गई। वर्ष 2017 मेंं जब योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश में आसीन हुई थी तो क्षेत्रीय विधायक मास्टर तेजपाल सिंह नागर और सांसद डा0 महेश शर्मा की पहल पर करीब 4 करोड रूपये की लागत से विकास कार्य कराए थे। उस समय भी विकास की बयार से यह कलौनियां अछूती रह गई थी।

पूर्व केंद्रीय व सांसद डा0 महेश शर्मा का यह पत्र  ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा रद्दी की टोकरी में फैंक दिया

डा0 महेश शर्मा
डा0 महेश शर्मा

सूरजपुर के विकास का यह मुद्दा फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के दराबार में जा पहुंचा। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डा0 महेश शर्मा ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिनांक 09-11-2021 को पत्र लिखते हुए महामेधा से मस्जिद होते हुए शिव मंदिर तक रास्ते के निमार्ण के लिए संस्तुति की। पूर्व केंद्रीय व सांसद डा0 महेश शर्मा का यह पत्र  ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा रद्दी की टोकरी में फैंक दिया गया। सूरजपुर निवासी मानक चंद शर्मा ने यहां के विकास को लेकर फिर उत्तर प्रदेश के राजस्व राज्य मंत्री अनुप प्रधान की ओर रूख किया और उनके दरबार में पहुंच कर गुहार लगाईं। मानक चंद शर्मा के इस पत्र को राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री अनुप प्रधान ने गंभीरता से लिया और दिनांक 25 दिसंबर-2022 को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यापालक अधिकारी को ताकिद किया कि सूरजपुर के इन रास्तो का निमार्ण कार्य कराया जाना अत्यंत जरूरी है, राहगीरों को इन रास्तो से निकलने पर परेशानी होती है। इसलिए इन रास्तो को पक्का बनाते हुए, कृत कार्यवाही से उन्हें अवगत कराया जावे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकराण जहां क्षेत्र के दर्जनों के गांवों के आंतरिक और वाहय विकास कार्यो पर करोडो का बजट खर्च करता चला आ रहा है, योगी सरकार के मंत्री अनुप प्रधान के इस पत्र को भी शुरू में रद्दी की टोकरी के हवाले कर दिया गया। इस बात से तमतमाए मंत्री ने सूरजपुर के विकास को लेकर दौरा किए जाने की बात कही तो फिर विकास किए जाने वाली फाईल ने गति पकडनी शुरू कर दी थी। इतना कुछ होते हुए आज भी सूरजपुर अपनी बदाहली पर आंसू बहा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate

can't copy

×