वकील व सरकारी डॉक्टर पर फर्जी मेडिकल मामले में मुकदमा दर्ज

वकील सुनील फागना व सरकारी डॉ अशोक पर फर्जी मेडिकल मामले में मुकदमा दर्ज

Vision Live/Greater Noida

बादलपुर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अशोक पुत्र छुट्टन के साथ सांठ-गांठ कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर अपने ही गांव के अधिवक्ता सुनील चपराना व उनके परिजनों को झूठे मुकदमे में फसाने वाले वकील सुनील फागना पुत्र कृष्ण और उसके चचेरे भाई महेश पुत्र श्री चंद, रोहित पुत्र महेश, अजय पुत्र महेश सहित डॉक्टर अशोक के अलावा दो अन्य अज्ञात सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों पर न्यायालय के आदेश के तहत थाना सूरजपुर में मुकदमा दर्ज हुआ है

सुनील फागना पुत्र कृष्ण निवासी लखनावली ने एक, दो साल पहले ही वकालत शुरु की थी। वकील सुनील फागना ने अपनी अपराधी प्रवृति के चलते अपने ही गांव के वकील सुनील चपराना और उनके बुजुर्ग पिता एवं दो अन्य परिजनों को झूठे मुकदमे में फसाने के लिए सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टरों से सांठ-गांठ कर अपनी नाबालिग भतीजी की पसली टुटने का मेडिकल बनवा कर पूरी तरह से झूठी कहानी और झूठा चिकित्सा प्रमाण पत्र तैयार कर आईपीसी की धारा 307, 325, 323, 504, 452 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

फर्जी मेडिकल की सच्चाई सबके सामने लाने के लिए अधिवक्ता सुनील चपराना ने जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारीयों को डॉक्टर अशोक और वकील सुनील फागना के द्वारा फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के बारे में शिकायत की जिस पर अधिकारियों के आदेश पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी बना कर पुनः जांच की गई। जिसमें पसली टुटने की बात झूठी पाई गई।

इस तरह सरकारी डॉक्टर अशोक पुत्र छुट्टन और वकील सुनील फागना की सांठ-गांठ कर झूठा मुकदमा दर्ज कराने की साज़िश जग जाहिर हो गई। तदोपरांत फर्जी मेडिकल के अलावा सीसीटीवी फुटेज के चलते वकील सुनील फागना द्वारा बनाई गई कहानी पुलिस की विवेचना में पूरी तरह से झूठी पाई गई ।

दरअसल सुनील फागना ने अधिवक्ता सुनील चपराना और उनके बुजुर्ग पिता को फसाने के लिए जो कहानी बनाई उसमें जरा भी सच्चाई नहीं थी।

सुनील फागना द्वारा दर्ज कराया गया मुकदमा खुद उसके के गले की फांस बन गया। दरअसल सुनील फागना ने ये मुकदमा आईपीसी की धारा 307, 325, 323, 504, 452 के तहत दर्ज कराया था। विवेचना में पुलिस ने इस मुकदमे को पूरी तरह से झूठा पाया। इस मुकदमे में न केवल पसली टुटने की कहानी झूठी थी बल्कि सारी कहानी ही फर्जी साबित हुई थी।

डॉक्टर अशोक कुमार और वकील सुनील फागना डॉक्टरी और वकालत के पेशे से जुड़े हैं जिनके द्वारा झूठा मेडिकल तैयार कर निर्दोष व्यक्तियों को फसाने का कृत्य समाज के लिए घातक है। जिन्होंने अपनी आपराधिक मानसिकता के चलते डॉक्टरी और वकालत जैसे पवित्र पेशे को भी कलंकित किया है।

यहां यह बताना भी जरूरी है कि डॉक्टर अशोक कुमार पहले भी कई बार इसी तरह की फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के मामले में चर्चा का विषय रहे हैं। इनके खिलाफ कई अन्य लोगों की भी शिकायते रहीं हैं। वहीं वकील सुनील फागना के परिजनों का भी अपराध से पुराना संबंध है। महेश, उसका बेटा विकास व अन्य मार्च महीने में ही एक दलित परिवार के साथ हुए विवाद में सूरजपुर पुलिस द्वारा मौके से गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

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