ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, तब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी

बिना रजिस्ट्री के फ्लैट खरीदारों को पजेशन देने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, तब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी- बिना रजिस्ट्री के फ्लैट खरीदारों को पजेशन देने वाले बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

सीईओ रितु माहेश्वरी ने बिल्डर विभाग को ऐसे सभी प्रोजेक्टों के बिल्डरों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए

Vision Live/ Greater Noida

ग्रेटर नोएडा में बिना रजिस्ट्री के फ्लैट खरीदारों को पजेशन देने वाले बिल्डरों के खिलाफ प्राधिकरण कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ऐसे बिल्डरों को शीघ्र ही नोटिस जारी करने जा रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बिल्डर विभाग की समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दे दिए हैं। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसे कई बिल्डर प्रोजेक्ट हैं, जिनमें रजिस्ट्री के बिना ही खरीदार रहने लगे हैं। प्राधिकरण का बकाया जमा न होने के कारण ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं ले पा रहे। जब तक प्राधिकरण का बकाया रहेगा और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिल जाता, तब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। बिना रजिस्ट्री के फ्लैट खरीदार भले ही रहने लगे हैं, लेकिन उनको मालिकाना हक तब तक नहीं मिलेगा जब तक फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो जाती। बिल्डर खरीदारों को अनधिकृत तरीके से पजेशन देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि फ्लैट के लिए अपनी गाढ़ी कमाई लगाने वाले खरीदारों को इस आने वाली मुसीबत से बचाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्यूरी एंड ब्राउन से प्रोजेक्टवार सर्वे करा है। एजेंसी अब तक दो दर्जन से अधिक परियोजनाओं का सर्वे कर चुकी है।

सीईओ रितु माहेश्वरी ने बिल्डर विभाग को ऐसे सभी प्रोजेक्टों के बिल्डरों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए

इनमें से कुछ प्रोजेक्टों में खरीदार बिना रजिस्ट्री के बिना ही रह रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सीईओ ने बिल्डर विभाग को ऐसे सभी प्रोजेक्टों के बिल्डरों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीईओ ने प्राधिकरण की बकाया धनराशि न देने और प्रोजेक्टों को पूरा न करने वाले बिल्डरों के आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। यानी जिन बिल्डरों ने अभी तक प्रोजेक्ट को नहीं बनाया है, उनके आवंटन अब निरस्त कर दिए जाएंगे। खाली एरिया को प्राधिकरण अपने कब्जे में ले लेगा।

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