
– मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
बढ़ती उम्र के साथ बीमारियों का खतरा ज़रूर बढ़ता है, लेकिन सही समय पर जांच और संतुलित जीवनशैली अपनाकर बुज़ुर्ग लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं। विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के इंटर्नल मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ. दिनेश कुमार त्यागी ने कहा कि “दवाइयों को लेकर बनी ग़लतफ़हमी बुज़ुर्गों की सेहत बिगाड़ देती है, जबकि सच यह है कि समय पर इलाज उन्हें गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।”
उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में अस्पताल की ओपीडी में आने वाले अधिकांश वरिष्ठ नागरिक ब्लड प्रेशर, शुगर, घुटनों के दर्द, सांस की तकलीफ़ और पुरानी खाँसी जैसी समस्याओं से ग्रसित थे। वहीं कुछ मामलों में पार्किंसन और भूलने की बीमारी जैसी गंभीर स्थितियाँ भी देखने को मिलीं। मानसून में वायरल बुखार, श्वसन संक्रमण और निमोनिया के केस बढ़े हैं, जबकि डेंगू और मलेरिया का असर अपेक्षाकृत कम रहा।
डॉ. दिनेश ने कहा कि जो बुज़ुर्ग रोज़ टहलते हैं, हल्का व्यायाम करते हैं, संतुलित आहार लेते हैं और सामाजिक रूप से सक्रिय रहते हैं, उनमें बीमारियाँ कम होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को सालाना हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाना चाहिए, जिससे कई बीमारियों का पता समय रहते चल सके।
बुज़ुर्ग अब आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर भी रुख कर रहे हैं। घुटना प्रत्यारोपण और एंजियोप्लास्टी जैसी प्रक्रियाएँ उन्हें नई उम्मीद दे रही हैं और कई मरीज सफल इलाज के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं।
सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि शुगर, बीपी या थायरॉइड की दवा लेने से आदत पड़ जाती है। इस भ्रम के कारण कई बुज़ुर्ग इलाज से बचते हैं और घरेलू नुस्खों पर निर्भर रहते हैं, जिससे उनकी हालत और बिगड़ जाती है। एक उदाहरण साझा करते हुए डॉ. दिनेश ने बताया कि हाल ही में एक महिला गंभीर संक्रमण (सेप्सिस) के साथ अस्पताल पहुँची थीं, लेकिन समय पर इलाज मिलने से अब वह स्वस्थ हो रही हैं।
अस्पताल में समय-समय पर हेल्थ कैंप और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि वरिष्ठ नागरिकों को सही जानकारी और समय पर इलाज मिल सके। डॉ. दिनेश ने अपील की –
“बीमारी से डरें नहीं, नियमित जांच और इलाज को अपनाएँ। सही देखभाल से बुज़ुर्ग लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।”