वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे 2025: मानसून में बढ़े हेपेटाइटिस के मामले, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

hepatitas day-2025
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जलजनित संक्रमण और असुरक्षित जीवनशैली से जुड़ा खतरा, समय पर जांच और इलाज से टल सकता है बड़ा संकट

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे के अवसर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मानसून में जलजनित हेपेटाइटिस के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि साफ पानी की कमी, खुले में बिकने वाला भोजन और असावधानी से जुड़ी जीवनशैली इस मौसमी संक्रमण को खतरनाक रूप देने का काम कर रही है।

हेपेटाइटिस के कई प्रकार, हर एक का अलग खतरा

फोर्टिस नोएडा के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. निशांत नागपाल ने बताया कि “हेपेटाइटिस ए और ई मानसून में तेजी से फैलते हैं, जबकि बी और सी वायरस लंबे समय तक शरीर में बिना लक्षण के रहकर लिवर कैंसर और सिरोसिस जैसे जटिल रोगों को जन्म दे सकते हैं।”

उन्होंने यह भी जोड़ा, “हमारे अस्पताल में सबसे अधिक हेपेटाइटिस सी के केस सामने आ रहे हैं। अच्छी बात यह है कि 12 हफ्तों की नई एंटीवायरल दवाएं इस संक्रमण को काफ़ी हद तक नियंत्रित कर रही हैं।”

स्थानीय स्तर पर बढ़ रही बीमारी की गंभीरता

मैश मानस हॉस्पिटल, नोएडा के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. आदर्श कुमार चौहान ने बताया कि “नोएडा के सेक्टर 79 में वर्ष 2021 में एक सप्ताह में ही हेपेटाइटिस ए के 9 मामले सामने आए थे। यह संक्रमण दूषित पानी और असुरक्षित भोजन के कारण फैला। वहीं, बी और सी प्रकार के वायरस खून, इंजेक्शन, असुरक्षित यौन संबंध और डायलिसिस जैसे कारणों से फैलते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि “ऐसे लोगों को नियमित रूप से हेपेटाइटिस बी और सी की जांच अवश्य करानी चाहिए जो जोखिम समूह में आते हैं।”

ग्रेटर नोएडा में हर साल मामलों में 8-10% की बढ़ोतरी

फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के निदेशक, आंतरिक चिकित्सा डॉ. दिनेश कुमार के अनुसार, “हमारे क्षेत्र में मानसून के दौरान हेपेटाइटिस ए और ई के मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा होता है। साथ ही, हेपेटाइटिस बी के केस भी 3-4% वार्षिक दर से बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “जो लोग नशे के इंजेक्शन, टैटू, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, या डायलिसिस जैसी प्रक्रियाओं से गुजरते हैं, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। अगर समय रहते जांच और इलाज किया जाए, तो लिवर को गंभीर क्षति से बचाया जा सकता है।”

बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

विशेषज्ञों ने बताया कि हेपेटाइटिस ए और बी की सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध है। वहीं सी का इलाज भी अब नई दवाओं के ज़रिये संभव है। संक्रमण से बचने के लिए नीचे दिए गए सुझावों पर अमल करने की सलाह दी गई:

  • केवल फिल्टर किया हुआ या उबला हुआ पानी पिएं
  • मानसून के दौरान खुले में बिकने वाले भोजन से बचें
  • खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथ धोना अनिवार्य करें
  • टैटू, पियर्सिंग, इंजेक्शन जैसे कार्यों के लिए प्रमाणित केंद्र ही चुनें
  • असुरक्षित यौन संबंध से बचें और जागरूकता रखें
  • डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन या हेपेटाइटिस पीड़ितों के परिजन समय-समय पर जांच कराएं

जरूरत है जागरूकता की लहर की

विशेषज्ञों ने ज़ोर देते हुए कहा कि “हेपेटाइटिस बी और सी अक्सर बिना लक्षणों के रहते हैं, लेकिन समय रहते पहचान हो जाए तो उन्हें नियंत्रित करना संभव है। यह केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य का भी अहम मुद्दा है।”


विशेष अपील:
वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे पर आम जनता, मेडिकल प्रोफेशनल्स और सरकारी एजेंसियों को मिलकर एकजुटता से काम करने की आवश्यकता है। समय पर जांच, टीकाकरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जोर देकर हेपेटाइटिस को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

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