पर्यावरण की सुरक्षा आज पूरी दुनिया के लिये बन गयी है, एक चुनौती- चण्डी प्रशाद
Vision Live/Yeida City
गलगोटियास विश्वविद्यालय और पर्यावरण और सामाजिक विकास संघ (ईएसडीए इंडिया) दिल्ली ने संयुक्त रूप से चौथे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन किया गया। चौथे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन में माननीय अति विशिष्ट अतिथि जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने अपना पूरा भाषण “राष्ट्र-भाषा” हिन्दी में ही दिया। उन्होंने युवाओं और शिक्षाविद से अपील करते हुए कहा कि अपनी मातृभूमि और अपनी मातृभाषा से बढकर इस दुनिया में कुछ और नहीं है। हमें सदैव उनका सम्मान करना चाहिए । उन्होंने पर्यावरण पर बोलते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिये हमें सदैव प्रकृति से प्रेम करना है। वरना तो प्रकृति हमसे नाराज़ होकर क्रूर रूप धारण कर लेती है। और उसके परिणाम बहुत दुस्कर होते हैं। वृक्ष और जल हमें जीवन प्रदान करते हैं। हमें सदैव उनकी सुरक्षा करनी चाहिए।
उत्तराखंड में वृक्षों की सुरक्षा के लिये चलाये गये चिपको-आन्दोलन के मुख्य सूत्रधार और आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्म-भूषण चण्डी प्रशाद ने पर्यावरण पर बोलते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा आज पूरी दुनिया के लिये एक चुनौती बन गयी है। इस जटिल समस्या से निपटने के लिये हमें प्रकृति का दोहन नहीं करना चाहिए। हमें सदैव प्रकृति से प्रेम करना है। जिससे आगे आने वाली पीढ़ियाँ अपना जीवन ख़ुशी से व्यतीत कर सकें। अन्यथा प्रकृति अपना विराट रूप धारण करके सब कुछ नष्ट कर देगी।
इस चौथे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2023 के ऑर्गनाइज़िंग सेक्रेटरी डा० जीतेन्द्र नागर ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों का परिचय कराते हुए कहा कि आज दिन हम सब के लिये बहुत ही सौभाग्य का दिन है कि राष्ट्र की महान विभूतियों के दर्शन करने और उनके बहुमूल्य विचारों को सुनने का आज हमको और हमारे विद्यार्थियों को सुअवसर प्राप्त हुआ है। इसके दूरगामी अच्छे परिणाम प्राप्त होगें। डा० भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी देहली के प्रिंसिपल प्रोफ़ेसर आर० एन० पाण्डेय जी ने इस चौथे विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन 2023 मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिये क्या महत्वपूर्ण कदम उठाने है। उन्होंने पर्यावरण की समस्याओं के समाधान पर अपनी बात रखी। चीफ़ साईंटिस्ट और सीएसआईआर-नीरी (द्हली) के विभाध्यक्ष डा० एस० के गोयल ने भी पर्यावरण की सुरक्षा के मुख्य बिन्दुओं पर बात करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करना आज पूरी दुनिया की ज़िम्मेदारी है। हमें समय रहते इस पर मिलकर काम करना होगा। डा० मार्कण्डेय राय ने कहा कि शहरीकरण, और औद्योगिकी से उत्पन्न हुए वातावरण प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं से तेजी से निपटने की आज एक महत्ती आवश्यकता है। वरना देरी करने से पर्यावरण की समस्या से निपटना बहुत मुश्किल हो जायेगा।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने सभी अतिथियों का ह्रदय की गहराईयों से स्वागत करते हुए कहा कि आज के इस सम्मेलन के आयोजन से पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिये ख़ासकर युवाओं (विद्यार्थियों) और हम सभी के मन में एक नयी ऊर्जा का संचार होगा। और हम पर्यावरण जैसी विकट समस्या से निपटने में एक दिन अवश्य ही कामयाब होंगे। विश्वविद्यालय के प्रो० वाइस चांसलर अवधेश कुमार ने कहा कि इस विशाल अधिवेशन की सबसे बडी विशेष बात ये है कि इसमें आज हमारे विद्यार्थियों को राष्ट्र की महान विभूतियों, शिक्षाविदों और पर्यावरण के ऊपर उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्वानों को सुनने का मौका मिला और उनके मन में पर्यावरण को बचाने के लिये एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। जिसके निकट भविष्य में अच्छे परिणाम आने की पूरी उम्मीद की जा सकती है।
गलगोटियास विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि शहरीकरण की वृद्धि और औद्योगिकी से उत्पन्न वैशिष्ट्य ग्रोथ के परिणाम स्वरूप बढ़ती वैशिष्ट्य ग्रोथ, वातावरण प्रदूषण, और जलवायु परिवर्तन जैसी वैशिष्ट्य ग्रोथ से उत्पन्न होने वाली वैशिष्ट्य समस्याओं को तेजी से समाधान की आवश्यकता है। गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि आज पूरी दुनिया के लिये पर्यावरण एक गंभीर समस्या बन चुकी है। उसके लिये उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण दोनों ही इसके बडे कारण हैं। पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आज पूरी दुनिया को ज़मीन स्तर पर बहुत ही ईमानदारी के साथ ठोस कदम उठाने होंगे। इस सम्मेलन में भी पर्यावरण की सुरक्षा के लिये भी विशेष सत्र रखा गया है। जिसमें व्यापक स्तर पर बातचीत होगी। गलगोटियास विश्वविद्यालय की डायरेक्टर ऑपरेशन शुश्री आराधना गलगोटिया ने कहा कि हमें यदि पर्यावरण की सुरक्षा करनी है तो हमें वृक्षों से बच्चों की तरह प्यार करना होगा। हमें ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने भी होंगे और उनकी सुरक्षा भी करनी होगी। कार्यक्रम के संयोजक और गलगोटियास विश्वविद्यालय के मार्केटिंग विभाग के डायरेक्टर राज भाटी ने इस कार्यक्रम में दुनियाभर से वैज्ञानिक, चिकित्सक, शोधकर्ता, पर्यावरणवादी, शिक्षाविद, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, सिविल सोसायटी, औद्योगिक जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों और छात्रों के बड़ी संख्या में भागीदारी के होने से इस कार्यक्रम सफलता में आप सभी ने चार चाँद लगा दिये है।