हाईकोर्ट ने सरकार को दी वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर निर्माण की इजाजत, लेकिन लगाई ये शर्त….
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से इस समय बड़ी खबर सामने आ रही है। काफी दिनों से विवादों में चल रहे वृंदावन बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के निर्माण को आखिर हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी, लेकिन, सरकार के सामने एक बड़ी खर्त रख दी है। आचार्य अशोकानंद जी महाराज श्री श्री 1008 महामंडेलश्वर बिसरखधाम, रावण जन्मस्थली, ग्रेटर नोएडा, जिलाः- गौतमबुद्धनगर ने विजन लाइव को जानकारी देते हुए बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा वृंदावन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कारिडोर- गलियारा- की सरकारी योजना को हरी झंडी दे दी है। अदालत ने कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन प्रभावित किए बगैर अपने धन से लोक व्यवस्था, जनस्वास्थ्य, सुरक्षा व जनसुविधा प्रदान करने का अपना वैज्ञानिक दायित्व पूरा करे। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत कुमार शर्मा और अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
आचार्य अशोकानंद जी महाराज ने यह भी बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साफ कहा कि मंदिर के बैंक खाते में जमा 262.50 करोड़ रुपये को न छुआ जाए। साथ ही मंदिर प्रबंधन में हस्तक्षेप न हो। कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन को भी कहा है कि किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने को प्रतिबंधित न करें। जिला प्रशासन आदेश का पालन सुनिश्चित कर अगली सुनवाई की तिथि 31 जनवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 में मिला धार्मिक अधिकार पूर्ण नहीं है। ये मौलिक अधिकार कुछ हद तक लोक व्यवस्था के अधीन है। उचित अवरोध लगाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा लोकहित का कार्य पंथनिरपेक्षता का क्रियाकलाप है। कोर्ट ने कहा कि सरकार तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता से गलियों का अतिक्रमण हटाकर कॉरिडोर योजना अमल में लाए और देखे कि दोबारा अतिक्रमण न हो, तुरंत कार्रवाई की जाए।