
उत्तर भारत का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइसेज पार्क बनेगा वैश्विक बायोमेडिकल हब

मौहम्मद इल्यास-“दनकौरी” / यीडा सिटी
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सलाहकार अवनीश अवस्थी और जी. एन. सिंह ने शनिवार को यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-28 स्थित मेडिकल डिवाइसेज पार्क का दौरा किया। प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने दोनों अधिकारियों का स्वागत करते हुए 350 एकड़ में फैली इस महत्वाकांक्षी परियोजना की विस्तृत जानकारी दी।
राकेश कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से विकसित हो रहा यह मेडिकल डिवाइसेज पार्क देश का सबसे बड़ा बायोमेडिकल उपकरण निर्माण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। अब तक 89 भूखंडों का आवंटन किया जा चुका है, जिनमें से 65 अलॉटियों को चेकलिस्ट जारी कर दी गई है, 47 रजिस्ट्रियां पूर्ण हो चुकी हैं, 10 अलॉटियों के बिल्डिंग मैप स्वीकृत हो चुके हैं और 7 कंपनियों ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने परियोजना विभाग को निर्देशित किया कि सभी 89 अलॉटियों के लीज प्लान एक सप्ताह के भीतर तैयार किए जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कंपनियों द्वारा लीज डीड और कब्जा प्राप्त करने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है, जिस पर विशेष निगरानी की जा रही है और डीपीआर के अनुसार कार्ययोजना मांगी गई है।
कॉमन साइंटिफिक फैसिलिटीज़ बिल्डिंग्स का निर्माण अंतिम चरण में है। बैठक के दौरान अवनीश अवस्थी ने निर्देश दिया कि कार्यों से जुड़ी आरएफपी (Request for Proposal) में प्री-बिड मीटिंग अनिवार्य रूप से कराई जाए।
जी. एन. सिंह ने सुझाव दिया कि पार्क की एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में मेडिकल डिवाइसेज प्रमोशनल काउंसिल, CDSCO (डिप्टी ड्रग कंट्रोलर), इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (IPC) और स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी के कार्यालय स्थापित किए जाएं ताकि कंपनियों को लाइसेंस, सेफ्टी सर्टिफिकेट, ISO सर्टिफिकेशन और ट्रेनिंग में सुगमता मिल सके।

बैठक में अजय सचान (डिप्टी ड्रग कंट्रोलर), सेल्वराजन (आईपीसी निदेशक एवं साइंटिफिक अधिकारी), स्टेट ड्रग कंट्रोलर सहित कई विशेषज्ञ अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रमुख निवेश एवं निर्माण:
- एवियंस बायोमेडिकल्स द्वारा ₹22 करोड़ का निवेश किया जा रहा है।
- स्योन मेड टेक द्वारा 80,000 स्क्वायर फीट में ₹80 करोड़ से फैक्ट्री की स्थापना की जा रही है, जिसकी तकनीक अमेरिका से आयातित है। इनके उत्पाद 22 देशों में निर्यात किए जा रहे हैं।
बैठक में शरद जैन (कृष मेडिकोज़) ने बैंक ऋण सहायता की मांग रखी, जिस पर अवनीश अवस्थी ने प्राधिकरण को निर्देशित किया कि अलॉटियों को बैंकिंग सहायता दिलाने के लिए हरसंभव मदद की जाए।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने उपस्थित अलॉटियों से कॉमन साइंटिफिक सेंटर में आवश्यक सुविधाओं पर फीडबैक भी लिया।

बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
कपिल सिंह (अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी),
शैलेंद्र भाटिया और शैलेंद्र कुमार सिंह (विशेष कार्याधिकारी),
प्रवीण मित्तल (कार्यकारी निदेशक, एमडीपी प्रमोशनल काउंसिल),
राजेंद्र भाटी (महाप्रबंधक परियोजना),
मेहराम सिंह (विशेष कार्याधिकारी),
यूपीपीसीएल के मुख्य अभियंता,
स्मिता सिंह (एजीएम)
सहित अन्य प्राधिकरण अधिकारी उपस्थित रहे।
अवनीश अवस्थी ने 15 अगस्त 2025 तक मेडिकल डिवाइसेज पार्क की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।