गलगोटियास विश्वविद्यालय में योग दिवस की थीम “वसुधैव-कुटुम्बकम” के लिए है योग
योग की महान विधाएँ भारतीय संस्कृति से जुडी हैं और आज दुनिया में योग को एक नयी पहचान मिली- सुनील गलगोटिया
Vision Live/Yeida City
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा योग दिवस की ऐतिहासिक क्राँति लाने पर आज पूरा विश्व योग दिवस मना रहा है। इस बार 2023 के योग दिवस की थीम “वसुधैव-कुटुम्बकम” के लिए है योग। इसका अर्थ है पूरा विश्व हमारा परिवार है और इस थीम का अर्थ है कि धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिये योग की उपयोगिता है। गलगोटियास विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग की महान विधाएँ भारतीय संस्कृति से जुडी हैं और आज दुनिया में योग को एक नयी पहचान मिली है। भारतीय योग गुरुओं ने विदेशी जमीन पर योग की उपयोगिता और महत्व के बारे में जागरूक किया है। आज पूरी दुनिया के लोग योग को अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल के बाद योग का महत्व और अधिक बढा है। किसी प्रकार के संक्रमण से लडने के लिये और इम्यूनिटि बढाने के लिये योग सबसे ज़्यादा कारगर है। योग गम्भीर से गम्भीर बीमारियों को ठीक करने में सक्षम है। अतः हमें अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ और ऊर्जावान बनाये रखने लिये योग को नियमित रूप से अपनाना चाहिए। गलगोटियास विश्वविद्यालय के योग गुरु थान सिंह ने विद्यार्थियों को अलोम-विलोम, कपालभाती, प्राणायाम, भुजंगासन शीर्षासन और प्रणव के जाप करने की विधी बतायी। और उनके महत्व को बारीकी से समझाते हुए कहा कि योग को सदैव नियमित रूप से करें।