पढिएः-नए जिलाध्यक्ष  गजेंद्र मावी  को अग्नि परीक्षा के दौर से भी गुजरना होगा

गौतमबुद्धनगर को भी गजेंद्र मावी के रूप में नया जिलाध्यक्ष मिल ही गया
गौतमबुद्धनगर को भी गजेंद्र मावी के रूप में नया जिलाध्यक्ष मिल ही गया

पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 1 दर्जन जिलाध्यक्षों में खुद गौतमबुद्धनगर भी ऐसा जिला रहा, जहां जिलाध्यक्ष के लिए मंथन किया गया और अंत में  कार्यकर्ताओं के नाम भेजे गए। इनमें पहला सुभाष भाटी, दूसरा गजेंद्र मावी और तीसरा अभिषेक शर्मा

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर

आखिर लंबी जद्दोजहद के बाद उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलाध्यक्षों के साथ ही गौतमबुद्धनगर को भी गजेंद्र मावी के रूप में नया जिलाध्यक्ष मिल ही गया। इन नए जिलाध्यक्षों की घोषणा के लिए एक लंबे अरसे से कार्यकर्ता टकटकी लगाए हुए थे। चूंकि उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं, यही कारण रहा कि जिलाध्यक्षों की घोषणा का यह द्वंध युद्ध इतना लंबा खिच आया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करीब 1 दर्जनों जिलाध्यक्षों पर घमासान मचा रहा। यही वजह रही कि आलाकमान को इतना वक्त लग गया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन 1 दर्जन जिलाध्यक्षों की वजह से पूरे उत्तर प्रदेश की सूची भी थमी रही। यदि ऐसा नही होता तो जरूर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2023 के तुरंत बाद ही ये सभी जिलाध्यक्ष घोषित कर दिए जाते।

हाईकमान द्वारा अंतिम सूची में गजेंद्र मावी का नाम शामिल किया और सूची जारी कर दी गई। किंतु दूसरी ओर सांसद डा0 महेश शर्मा नोएडा महानगर अध्यक्ष पद पर पुनः मनोज गुप्ता की ताजपोशी के लिए अड गए
हाईकमान द्वारा अंतिम सूची में गजेंद्र मावी का नाम शामिल किया और सूची जारी कर दी गई। किंतु दूसरी ओर सांसद डा0 महेश शर्मा नोएडा महानगर अध्यक्ष पद पर पुनः मनोज गुप्ता की ताजपोशी के लिए अड गए

पश्चिम उत्तर प्रदेश के करीब 1 दर्जन जिलाध्यक्षों में खुद गौतमबुद्धनगर भी ऐसा जिला रहा, जहां जिलाध्यक्ष के लिए मंथन किया गया और अंत में  कार्यकर्ताओं के नाम भेजे गए। इनमें पहला सुभाष भाटी, दूसरा गजेंद्र मावी और तीसरा अभिषेक शर्मा। इनमें अभिषेक शर्मा छात्र जीवन से ही जमीन स्तर पर काम कर रहे हैं। पूर्व केद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के बेहद करीबी युवा नेता अभिषेक शर्मा के नाम पर मुहर लगते लगते रह गई और आलाकमान द्वारा उन्हें इस पद के लिए- अभी और इंतजार करो, कहते हुए शांत कर दिया गया। फिर बारी आईं सुभाष भाटी की। सुभाष भाटी पूर्व में किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। साथ ही वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में जेवर विधानसभा प्रभारी, वर्ष 2022 विधानसभा के प्रथम चरण में बुलंदशहर जिले की शिकारपुर विधानसभा का प्रभारी बनाया गया, जब कि पांचवे चरण लखीमपुर खीरी की श्रीनगर विधानसभा का पर्यवेक्षक बनाया। सुभाष भाटी ने वर्ष 1989 भाजपा से राजनीति शुरू की, इसके बाद जिले में कोषाध्यक्ष, दो बार जिला उपाध्यक्ष, भाजयुमो में मंडल अध्यक्ष जैसे कई पदों पर कार्य किया। सूत्रों की मानें तो सुभाष भाटी के नाम पर भी यहां की दोनो सुपर पावर (डा0 महेश शर्मा) और  (सुरेंद्र सिंह नागर)  एक राय नही हो पाई। साथ ही भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिंह शिशौदिया का भी सीधे तौर पर साथ नही मिल पाया। आखिर आलाकमान द्वारा सुभाष भाटी से भी कहा  गया कि उन्हें क्षेत्रीय अथा प्रदेश संगठन में जरूर महत्वपूर्ण पद पर समायोजित किया जाएगा। अभिषेक शर्मा और सुभाष भाटी के रास्ते से अलग हो जाने पर गजंेंद्र मावी का जिलाध्यक्ष बन जाना तय हो गया। गजेंद्र मावी के नाम पर भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिंह शिशौदिया और फिर राज्य सभा सासंद सुरेंद्र सिंह नागर ने अपनी मुहर लगा दी। इन दोनों की मुहर लग जाने के बाद सांसद डा0 महेश शर्मा द्वारा गजेंद्र मावी के नाम पर मुहर लगाया जाना मजबूरी बन गया, फिर क्या था? हाईकमान द्वारा अंतिम सूची में गजेंद्र मावी का नाम शामिल किया और सूची जारी कर दी गई। किंतु दूसरी ओर सांसद डा0 महेश शर्मा नोएडा महानगर अध्यक्ष पद पर पुनः मनोज गुप्ता की ताजपोशी के लिए अड गए और फिर मनोज गुप्ता की दूसरी बार फिर किस्मत चमक उठी। भाजपा ने नोएडा में मनोज गुप्ता की पुनः ताजपोशी कर, गौतमबुद्धनगर में साफ़ सन्देश देने की कोशिश की, कि सांसद महेश शर्मा पार्टी और संगठन के लिए एक स्तम्भ है और उनकी बात को नकारा नहीं जा सकता। किंतु यह भी सही है कि राज्य सभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर भी पार्टी के लिए बेहद अहम हैं।

नए जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी
नए जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी

आइए जनिए कौन हैं,नए जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी?

नए जिला अध्यक्ष गजेंद्र मावी संगठन में लगभग 20 सालों से सक्रिय हैं और पार्टी के जमीनी स्तर के नेता बताए जाते हैं उन्होंने ओबीसी मोर्चा, किसान मोर्चा समेत भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के पद पर रहकर भी कार्य किया है। इसके साथ ही युवाओं में गजेंद्र माफी की अच्छी खासी पकड़ है, आपको बता दें साल 2008 से 2011 तक गजेंद्र मावी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। गजेंद्र मावी, सांसद महेश शर्मा के भी ख़ास माने जाते है। इन दिनों सोशल मीडिया पर महेश शर्मा और गजेंद्र मावी का एक फोटो भी खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है जिलाध्यक्ष बनने से पहले का ये फोटो है।

 

 बेहद शानदार रहा, जिलाध्यक्ष विजय भाटी का कार्यकाल

गौतमबुद्धनगर में नए जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के बाद अब विजय भाटी पूर्व जिलाध्यक्ष हो गए हैं। जिलाध्यक्ष रहे विजय भाटी का कार्यकाल बेहद शानदार रहा। यह जरूर है कि वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक गौतमबुद्धनगर में गुटबाजी का दौर जरूर रहा और कई गुट आपस टकराते ही रहे, किंतु विजय भाटी इन गुटों में फंसने से दूर रह कर अपने काम में लगे रहे। यह भी गौतमबुद्धनगर में पहली बार देखने को मिला कि किसी जिलाध्यक्ष को यदि दोबारा मौका मिला तो वह विजय भाटी ही रहे। विजय भाटी ने गौतमबुद्धनगर जिलाध्यक्ष पद पर लगातार दो पारियां खेलीं। बताया जाता है कि गौतमबुद्धनगर के सांसद डा0 महेश शर्मा के बेहद करीबी विजय भाटी के सुनील बंसल जैसे बडे नेताओं से मजबूत संबंध बने। इन सबकी बदौलत विजय भाटी ने दूसरी पारी भी सफलता पूर्वक खेली। इतना ही नही कार्यकाल पूरा होने के बाद से लेकर अब संगठन मंें नए जिलाध्यक्षों की घोषणा तक भी विजय भाटी ने इस बचे हुए अतिरक्ति कार्यकाल को भी सफलता पूर्वक पूरा किया। विजय भाटी के कार्यकाल में एक नही कई चुनाव जिले में हुए।

गौतमबुद्धनगर में नए जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के बाद अब विजय भाटी पूर्व जिलाध्यक्ष हो गए
गौतमबुद्धनगर में नए जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के बाद अब विजय भाटी पूर्व जिलाध्यक्ष हो गए

इनमें विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, जिला पंचायत चुनाव और नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना सिटी के गांवों को छोड कर जिले के दूसरे ग्रामीण क्षेत्रों में संपन्न हुए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत चुनावांें में भाजपा के नाम का ही डंका बजा। कुल मिला कर कहें तो विजय भाटी, जैसा की नाम से जाहिर है विजय श्री का डंका बजता ही रहा। जिलाध्यक्ष विजय भाटी के बारे में एक जो सर्वाधिक चर्चा का विषय कार्यकर्ताओं के बीच रही, वह लग्जरी लाईफ से दूर रहना। सरल स्वभाव और सादगी के साथ विजय भाटी ने अपने दोनो कार्यकाल पूरा किए। सरकारी तामझाम से दूर रहते हूए किसी भी कार्यक्रम में शमिल होना विजय भाटी की खास दिनचर्या रही। वरना इससे पहले भी जब उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा की सरकारें हुआ करती थीं, सत्ता पक्ष के जिलाध्यक्षों को बगैर लग्जरी कारों और सरकारी तामझाम यानी गनर आदि के बगैर कहीं आते जाते हुए नही देखा सकता था। उधर दूसरी ओर यहां विजय भाटी की विजय श्री और सादगी वाली छवि खास छाप छोड गई है।

कई तरह की चुनौतियांें से भी उन्हें जूझना होगा, गजेंद्र मावी को नया जिलाध्यक्ष बना कर आलाकमान ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं
कई तरह की चुनौतियांें से भी उन्हें जूझना होगा, गजेंद्र मावी को नया जिलाध्यक्ष बना कर आलाकमान ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं

नए जिलाध्यक्ष गजंेंद्र मावी को कई तरह की चुनौतियांें से भी होगा जूझना

गौतमबुद्धनगर को एक युवा नेता के तौर पर गजेंद्र मावी नए जिलाध्यक्ष मिल गए हैं, मगर कई तरह की चुनौतियांें से भी उन्हें जूझना होगा। गजेंद्र मावी को नया जिलाध्यक्ष बना कर आलाकमान ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। पहली चुनौती तो यही है कि जो कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष पद की दौड शामिल रहे हैं, उनसे से कैसे तालमेल बैठाना हैं? सूत्रों मानें तो विजय भाटी के बाद नए जिलाध्यक्ष पद की दौड में एक दर्जन से अधिक नाम चर्चा में रहे हैैं। ऐसे भाजपा कार्यकर्ताओं में सुभाष भाटी, सुनील भाटी, सतंेंद्र नागर, अभिषेक शर्मा, रवि जिंदल, आनंद भाटी, चैनपाल प्रधान, राहुल पंडित, देवा भाटी, इंद्र नागर, पंडित लोकमन प्रधान, बबली नागर, पंडित पंकज कौशिक, सत्यपाल शर्मा एडवोकेट आदि कई और कार्यकर्ता रह चुके हैं। दूसरा जिले में कई गुट बने हुए हैं, इनमें पूर्व मंत्री वेदराम भाटी, एमएलसी नरेंद सिंह भाटी, राज्य सभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, सासंद डा0 महेश शर्मा, एलएलसी श्रीचंद शर्मा, दादरी विधायक मास्टर तेजपाल नागर, ये सभी बडे नेता और पार्टी संगठन के लोग अलग अलग गुटों में बंटे हुए हैं। इन गुटबाजी को खत्म किया जाना और पार्टी संगठन को एक प्लेटफार्म पर लाना नए जिलाध्यक्ष गजेंद्र मावी के लिए सबसे ज्यादा टेडी खीर साबित होगा, क्योंकि हर रोज पला कार्यक्रम में मंच साझा न किया जाना, इस तरह की खबरें भी भाजपा की ही ओर से आती रहती हैं। तीसरा चुनावों को देखते हुए प्रत्येक वर्ग और जाति को देखते हुए तालमेल बिठाना भी बडी चुनौती है। लोकसभा चुनाव-2024 बिल्कुल सिर पर हैं। गौतमबुद्धनगर लोकसभा की दृष्टि से देखंें तो जिले की तीनो विधानसभा नोएडा, दादरी और जेवर में बडी संख्या में ठाकुर बिरादरी और फिर गुर्जर बिरादरी है। बनिया और ब्राहमण समेत तमाम बिरादरी के लोगों की वोट भी भाजपा को जरूरत है। इसके अलावा मुस्लिम वर्ग में भी उदारवादी चेहरे हैं, जिन्हें भाजपा के पाले में आसानी से लाया जा सकता है। इन तमाम जातिगत आंकडों को साधना भी नए जिलाध्यक्ष गजेंद्र मावी के लिए एक अग्नि परीक्षा से कम से नही होगा।

 

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