MSME की मजबूती के बिना अधूरा रहेगा ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का सपना: IEA


IEA ने ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में रखीं सात सूत्रीय मांगें, कहा – “उद्योगों को सुविधा, पारदर्शिता और सरलता की ज़रूरत”

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विज़न को साकार करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को मजबूती देना ज़रूरी है। इसी उद्देश्य से इंडस्ट्रियल एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (IEA) ने आज ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में एक अहम प्रेस वार्ता की।

संजीव शर्मा (अध्यक्ष, IEA) ने कहा कि वर्तमान में MSME सेक्टर विभिन्न विभागों के चक्कर काटने को मजबूर है, जिससे वह विकास की बजाय कागजी कार्यवाही में उलझा हुआ है। यदि उद्योगों को सुगमता, पारदर्शिता और निर्बाध सहयोग मिले, तभी राज्य औद्योगिक दृष्टि से आगे बढ़ सकेगा।


IEA की सात सूत्रीय मांगें:

🔹 ई-बिडिंग प्रक्रिया समाप्त की जाए

औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में ई-बिडिंग की प्रक्रिया समाप्त कर पूर्व की तरह आवेदन आधारित पारदर्शी प्रणाली लागू की जाए, ताकि छोटे व मध्यम उद्योगों को भी भूखंड प्राप्त हो सकें।

🔹 औद्योगिक भूखंड फ्रीहोल्ड किए जाएँ

लीज़होल्ड व्यवस्था को समाप्त कर सभी औद्योगिक भूखंडों को फ्रीहोल्ड किया जाए, जिससे उद्योगपतियों को स्वायत्तता मिले और विभागीय जटिलताओं से छुटकारा।

🔹 किराये पर चल रहे उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए

ऐसे उद्योग जो पिछले पाँच वर्षों से किराए के भूखंडों पर कार्यरत हैं और सरकार को राजस्व व रोजगार दे रहे हैं, उन्हें स्थायी भूखंड आवंटन में प्राथमिकता दी जाए।

🔹 औद्योगिक क्षेत्रों को रेलवे और बस स्टैंड से जोड़ा जाए

प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र को नजदीकी रेलवे स्टेशन और बस अड्डे से जोड़ा जाए, ताकि श्रमिकों और माल की आवाजाही सरल हो और कर्मचारियों को सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिले।

🔹 वन-टाइम रजिस्ट्रेशन योजना लागू हो

ऐसे उद्योगों को बिना जुर्माने के एक बार का पंजीकरण अवसर मिले जो अब तक किसी सरकारी विभाग में पंजीकृत नहीं हैं। इससे वे मुख्यधारा में आ सकेंगे।

🔹 सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाया जाए

एक ऐसा डिजिटल पोर्टल विकसित किया जाए जिसमें एक बार दस्तावेज़ अपलोड करने पर सभी संबंधित विभागों को वही जानकारी मिल जाए और बार-बार दस्तावेज़ माँगने की ज़रूरत न पड़े। सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को डीम्ड अप्रूवल बनाया जाए।

🔹 श्रमिकों के लिए आवास योजना लागू की जाए

जनपद में कार्यरत श्रमिकों की संख्या के अनुसार उनके लिए उचित और सस्ती आवास योजना शुरू की जाए, जिससे वे बार-बार अपने राज्यों को लौटने के बजाय स्थानीय रूप से स्थायीत्व पा सकें और उद्योगों का संचालन भी निर्बाध हो।


IEA ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि इन मांगों को शीघ्र और प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए, ताकि औद्योगिक माहौल को सशक्त किया जा सके और प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिले।

प्रेस वार्ता में महासचिव विशाल गोयल, पूर्व अध्यक्ष मनोज सिंघल, कोषाध्यक्ष गौरव गर्ग, उपाध्यक्ष गुरदीप सिंह तुली, पी. एस. मुखर्जी, दिनेश चौहान, सुशील शर्मा और एम. पी. शुक्ला उपस्थित रहे।


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