
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश का निर्विरोध निर्वाचन
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/लखनऊ
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (टेक्निकल संवर्ग), उत्तर प्रदेश की नई प्रदेश इकाई का निर्वाचन संघ कार्यालय, लखनऊ में सर्वसम्मति से सम्पन्न हुआ। निर्वाचन अधिकारी दिलीप सरदेसाई ने जीआईएमएस, ग्रेटर नोएडा के सीईओ एवं गुरु एजुकेशनल स्किल फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर स्वदेश कुमार सिंह को पुनः प्रदेश अध्यक्ष तथा प्रो. सुनील मिश्रा को प्रदेश महामंत्री घोषित किया। कुल 52 पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
समारोह में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वान्त रंजन का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जबकि राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर सहित वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
संगठन के लिए ‘दिन-रात एक’ करने का संकल्प
पुनर्निर्वाचन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वदेश कुमार सिंह ने नेतृत्व पर भरोसा जताने के लिए केंद्रीय व प्रांतीय मार्गदर्शकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा,
“मैं पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ संगठन के लक्ष्यों को साकार करने के लिए दिन-रात एक कर दूँगा।”

तकनीकी शिक्षा को गाँव-गाँव तक
नवनियुक्त महामंत्री प्रो. सुनील मिश्रा ने घोषणा की कि तकनीकी संवर्ग का विस्तार प्रदेश-भर में क्षेत्र, मण्डल, खण्ड और जनपद स्तर तक किया जाएगा।
- IIT कानपुर, MNNIT प्रयागराज, IIIT प्रयागराज, AKTU लखनऊ तथा सभी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों से शीघ्र पदाधिकारी नामित होंगे।
- लक्ष्य है सरकारी एवं निजी संस्थानों के बीच की खाई पाटना और विश्वविद्यालय सेवा नियमावली लागू कराने के लिए राज्य सरकार से समन्वय बढ़ाना।

ग्रेटर नोएडा में मेगा टीएलटी-स्टार्ट-अप हब का रोडमैप
स्वदेश सिंह ने बताया कि ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क स्थित 60 से अधिक कॉलेजों की क्षमता को एकीकृत करते हुए Teaching-Learning-Training-Start-Up का वृहद केन्द्र स्थापित किया जाएगा।
- इससे विद्यार्थियों को IIT-स्तर का प्लेसमेंट लक्ष्य मिलेगा।
- स्टार्ट-अप व इनोवेशन शोध केन्द्र बनाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा, ताकि ग्रेटर नोएडा को विश्व-स्तरीय शोध एवं अकादमिक हब के रूप में खड़ा किया जा सके।
नई शिक्षा नीति के लिए विशेष व्याख्यान श्रृंखला
तकनीकी शिक्षा के मानकों को सुदृढ़ करने और नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रदेश-व्यापी व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे। निर्वाचन कार्यक्रम में भारी संख्या में सदस्यों की उपस्थिति ने संगठन की शक्ति को रेखांकित किया।
संघर्ष, संवाद और समन्वय की इस नयी टीम से शिक्षाविदों को प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के नए प्रतिमान स्थापित होने की उम्मीद है।