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बैकलीज घोटाले में एसआईटी रिपोर्ट लीक से आएगी सुनामी

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए भारी पडेंगे सीएम योगी के 7 मिनट
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के 7 मिनट ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लिए भारी पडना तय माने जा रहे हैं। बैकलीज घोटाले में एसआईटी की रिपोर्ट लीक हो जाने के मामले में गौतमबुद्धनगर के किसान यहां के अफसरों की पोल पट्टी जो खोलने जा रहे हैं। सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर के किसानों के लिए मिलने का भी तय कर दिया है। 30 जुलाई-2024 को ही सीएम योगी गौतमबुद्धनगर के किसानों से मिलने जा रहे हैं। किसानों की यह मुलाकात लखनउ में ही होने जा रही है। सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर के किसानों को पूरे 7 मिनट का समय दिया है। इन 7 मिनट में ही गौतमबुद्धनगर के किसान एसआईटी की रिपोर्ट लीक करने वाले और ऐसे अफसर जिनके इशारे पर यह कृत्य किया गया है और सरकार की छवि को बदनाम किए जाने की जुरूरत की गई है पूरी तरह से बेनकाब कर देंगे। ग्रेटर नोएडा के खैरपुर गांव से किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद कुमार वर्मा, दीपचंद नेता जी, ओमवीर प्रधान आदि किसान सीएम योगी से मिलने जा रहे हैं। बैकलीज घोटाले की एसआईटी की रिपोर्ट जिस प्रकार लीक की गई है इसकी जांच की आंच में अब कई अफसर झुलसेंगें।

वैसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दामन पर बदनुमा दाग लग जाने पर सीईओ रवि कुमार एनजी ने एक ओएसडी समेत कई संबंधित अफसरों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर कार्यवाई भी की है और कई अफसरों के विभाग तक बदल दिए गए हैं। किंतु किसान इतने पर भर संतुष्ट नही है। बतातें चलें कि बैकलीज घोटाले में एसआईटी की रिपोर्ट सीईओ यमुना अथॉरिटी की अध्यक्षता में दिनांक 25 जून-2024 को शासन को सौंपी जानी थी किंतु इससे पहले ही रिपोर्ट के पन्ने कई लोगों के हाथों पर देखे गए। एक दिन पहले ही खैरपुर के किसान 24 जून-2024 को सीईओ यमुना अथॉरिटी व एसआईटी समिति के चेयरमैन डा0 अरूणवीर के पास पहुंच गए और एसआईटी की रिपोर्ट दिखाई और मांगों के संबंध में एक पत्र सौंपा।

सीईओ डा0 अरूणवीर सिंह ने इस पर कडी नारागजी जताते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी संदिग्ध अफसरों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने के लिए कहा। साथ ही सीईओ डा0 अरूणवीर सिंह ने किसानों को आश्वस्त किया कि अब इस एसआईटी की रिपोर्ट को शासन को नही भेजा जाएगा और पूरे मामले से शासन को अवगत करा दिया जाएगा।
शिकायत पत्र के जरिए पोल पट्टी खोलेगा किसान प्रतिनिधिमंडल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान खैरपुर गुर्जर गांव से पहुंचने वाला किसानों का प्रतिनिधिमंडल शिकायत पत्र के जरिए बैकलीज घोटाले में एसआईटी रिपोर्ट को लीक किए जाने को लेकर पोल पट्टी खोलने जा रहा है। मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में अवगत कराया जाएगा कि शासन द्वारा लीज बैंक के निरस्त 237 प्रकरणो को पुनः बहाल करने एवं निरस्त प्रकरणों को बहाल किये जाने की आड में ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा मोटी रकम लिये जाने एवं किसान नेताओं को एक ही नाम पर 20.20 हजार वर्ग मीटर भूमि दिये जाने एवं 27.27 लाख रूपये निर्माण के नाम पर दिये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना नितांत जरूरी है।

पत्र में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाना है कि प्रार्थीगण ग्राम खैरपुर गुर्जर, तहसील.दादरी, जिला.गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी है। शासन द्वारा लीज बैंक के समस्त प्रकरणो में दिनांक 10-01-2019 को एस०आई०टी० जॉच गठित की गयी, जिसमें सी०ई०ओ० यमुना विकास प्राधिकरण अध्यक्ष बनाये गये थे, जिनके द्वारा विनियमावली, 2011 यथा संशोधित 2015 से आच्छादित 533 प्रकरणो की जाँच शासन को प्रेषित की गयी, जिसमें शासन द्वारा 237 प्रकरणो को निरस्त करते हुये 296 प्रकरणो की लीज बैंक किये जाने हेतु बहाल किया गया, जिसमें शासन द्वारा 237 निरस्त प्रकरणों की पुनः जॉच किये जाने हेतु पत्र जारी किया गया, जिसमें ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा मोटी रकम लेकर बहाल किये जाने का खेल चल रहा था, जिसमें एस०आई०टी० रिपोर्ट लीक किये जाने एवं मोटी रकम लेकर बहाल किये जाने की शिकायत प्रार्थीगणों द्वारा सी०ई०ओ०/एस०आई०टी० अध्यक्ष डा० अरूणवीर सिंहए यमुना विकास प्राधिकरण से की गयी, जिसमें शिकायत सही पाई गयी और यह खबरें मीडिया की सुर्खियां भी बनीं। इस मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाबू पवन कुमार एवं संतराम को हटा दिया गया तथा ए०सी०ई०ओ० आशुतोष द्विवेदी एवं ओ०एस०डी० हिमांशु वर्मा तथा रिटायर्ड एल०सी० रतिभान वर्मा का कार्य छिन लिया गया है, लेकिन उक्त अधिकारी / कर्मचारी अभी भी प्राधिकरण में बने हुये है, जिन पर अभी तक कोई कार्यवाही नही की गयी है। पत्र में मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया जाना है कि ग्राम खैरपुर गुर्जर में किसान नेता हरेन्द्र खारी के पक्ष में खसरा संख्या 205, 205म, 581म, 579म, 458, 426, 581म, 152 में कुल 23737 वर्ग मीटर एवं काग्रेस नेता अजय चौधरी के पक्ष में 170, 187, 268, 269, 465 कुल 18529 वर्ग मीटर एवं वाहन चालक ज्ञानी खारी, धनपाल सिंह के पक्ष में खसरा संख्या 148, 178, 177, 178, 242, 546 के पक्ष में 12036 वर्ग मीटर व किसान नेता प्रसादी पुत्र मुत्थर -जगदीश- के पक्ष में खसरा संख्या 217, 222, 223, 392, 394, 294, 479, 147, 143, 262 में कुल 40741 वर्ग मीटर भूमि लीज बैंक में प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा की गयी है, जिसमें अच्छी लोकेशन पर शिफट करवाकर लीज बैंक करा ली गयी है जबकि दिनांक 04-03-2017 से शिफटिंग पॉलिसी शासन में लम्बित है जो वर्तमान तक लम्बित है फिर भी इसके उपरान्त प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा इनके पक्ष में लीज बैक निष्पादित कर दी गयी है, जिससे स्पष्ट है कि प्राधिकरण में एक ही नाम पर 20.20 हजार वर्ग मीटर भूमि इन नेताओं के पक्ष में छोडी गयी है, किस नियम के तहत छोडी गयी है तथा 27.27 लाख रूपये प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा दिये गये है, जबकि सन् 2011 की सेटेलाईट इमेजरी में कोई भी निर्माण नही है जिसमें कुछ भूमि को प्राधिकरण द्वारा 237 प्रकरणों में निरस्त कर दी गयी है, जिसको पुनः बहाल किये जाने हेतु उक्त नेताओं द्वारा प्राधिकरण के अधिकारियों को अपने घर बुलाकर सेटिंग की जा रही है, जिसकी शिकायत सी०ई०ओ०/एस०आई०टी० अध्यक्ष डा० अरूणवीर सिंह से की गयी थी, जो सही पायी गयी थी। उक्त प्रकरणों के सम्बन्ध में प्रार्थीगणों द्वारा कम से कम 200 बार मुख्यमंत्री संदर्भ एवं 200 बार ही शिकायती प्रार्थना पत्र दिये गये, जिन पर सिर्फ जॉच कमेटी बैठायी जाती है लेकिन उक्त प्रकरणों को निरस्त किये जाने की कार्यवाही नही की जाती है तथा प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत से कोई भी कार्यवाही नही हो पाती है।

अतः महोदय से अनुरोध है कि एस०आई०टी० जॉच से निरस्त 237 प्रकरणो की जॉच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से भिन्न अधिकारियों द्वारा कराये जाने एवं एक ही नाम 20.20 हजार वर्ग मीटर भूमि किस नियत के तहत छोडी गयी है तथा 27.27 लाख रूपये प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किस नियम के तहत उक्त नेताओं को दिये गये है, में सम्मिलित अधिकारियों एवं एस०आई०टी० रिपोर्ट लीक में सम्मिलित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने का कष्ट करें।
कार्यवाही की जद में आए अधिकारियों ने किसानो को उकसाया
एसआईटी की रिपोर्ट लीक होने की खबर से कार्यवाही की जद में आए अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए किसानों को उकसाना शुरू किया। इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने किसानों को उकसाया कि एसआईटी की रिपोर्ट सही है और इससे शासन को भेजा ही जाना चाहिए। यदि यह एसआईटी की रिपोर्ट शासन को नही भेजी जाती है तो फिर प्राधिकरण कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर दबाब बनाया जाएं। किंतु इन अधिकारियों और कर्मचारियांं की यह सब करतूतें भी वीडियो में कैद होकर सीईओ व एसआईटी अध्यक्ष डा0 अरूणवीर सिंह के पास पहुंच गए और सारे किए धरे पर पानी ही फिर गया।
यह backleej का खेल तो बीएसपी सरकार के समय से चल ही रहा है और केवल खैरपुर तक ही सीमित नहीं है । हमारे गांव बादलपुर में तो पूरा मुआवजा लेकर 03 – 04 साल बाद फिर मुआवजा वापिस करके पूरी की पूरी जमीन पीछे महावड़ की तरफ से उठाकर मैन जीटी रोड़ पर लगवा ली थी जो बाद में कम्मन देवी मुकदमें में सामने आई और अभी भी उस मामले में प्राधिकरण के अधिकारी सच नहीं बताते हैं कि वह जमीन छोड़ी हुई है या फिर प्राधिकरण ने वापस ले ली है ।