Seema Haider  Story: यूपी एटीएस (ATS) को शक कि सीमा हैदर कर रही है, गुमराह

सीमा हैदर
सीमा हैदर जल्द ही पाकिस्तान जा सकती है जिससे सचिन का दिल टूट जाएगा।

 रटी रटाई थ्योरी दोहरा रही है, यूपी एटीएस (ATS) को शक है कि सीमा हैदर कर रही है, गुमराह

फूफीफल और हिंदी पूछताछ में एटीएस ने सीमा हैदर से जब यह पूछा-——–

 

 Mohammad Ilyas-Dankauri/Greater Noida

पाकिस्तानी युवती सीमा हैदर
पाकिस्तानी युवती सीमा हैदर पर भारतीय जांच एजेंसियों का शिकंजा

पाकिस्तानी युवती सीमा हैदर पर भारतीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। हालांकि अभी तक की पूछताछ में कुछ ऐसा नहीं मिला है जिससे उसके पाकिस्तान या उसकी खुफियां एजेंसी ISI का एजेंट होने की पुष्टि होती हो। 2 दिन में करीब 16 घंटे तक चली पूछताछ के बाद यूपी एटीएस (ATS) को शक है कि सीमा हैदर उन्हें गुमराह कर रही है। दरअसल 5वीं तक पढ़ाई करने का दावा करने वाली सीमा हैदर जिस कॉन्फिडेंस के साथ अधिकतर सवालों का धड़ाधड़ सवालों के जवाब दे रही है, उससे ATS और अन्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। अब इस बात की भी जांच भी हो रही है की कहीं सीमा पर नजर रखकर कोई उसे गाइड तो नहीं कर रहा है. अब इस मामले में यूपी की ATS को खुफिया एजेंसी आईबी (IB) से भी कुछ अहम जानकारी मिली है। अब तक की पूछताछ में सीमा हैदर के नोएडा स्थित रबूपुरा गांव तक पहुंचने में किन लोगों ने मदद की, इसे लेकर भी वो सही जवाब नहीं दे पाई है। इसके अलावा यूपी एटीएस को पूछताछ में एक और सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है कि सीमा ने कुछ सैन्य अधिकारियों को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी. भारत आने से पहले सीमा ने 70 हजार पाकिस्तानी रुपये में एक मोबाइल खरीदा था। पूछताछ के दौरान सीमा ने यूपी एटीएस (UP ATS) को अपने मोबाइल खरीदने की जानकारी दी है। पूछताछ में उससे ये भी पूछा गया कि क्या तुम्हें किसी ने मोबाइल फोन पर मैसेजिंग और इंटरनेट से चैटिंग में सावधानी बरतने के लिए कहा था?

फूफीफल और हिंदी‘———-

एटीएस ने सीमा हैदर से जब यह पूछा
पूछताछ में एटीएस ने सीमा हैदर से जब यह पूछा कि क्या उसने कभी फूफी’ और ‘फल’  जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया था

यूपी एटीएस के अधिकारियों ने सीमा हैदर से यह भी पूछा कि क्या तुम कोई कोड वर्ड का इस्तेमाल करती थी। पूछताछ में एटीएस ने सीमा हैदर से जब यह पूछा कि क्या उसने कभी फूफी’ और ‘फल’  जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया था?  बताते चलें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के कामकाज की कोड लैंग्वेज में फूफी उस शख्स को कहा जाता है जो अपने देश से जुड़ी जानकारियां आईएसआई तक भेजने का काम करता है. वहीं ‘फल’ कोड वर्ड का इस्तेमाल ‘रुपयों’ के संदर्भ में किया जाता है। यूपी एटीएस ने सीमा हैदर से ये भी पूछा कि तुम इतनी शुद्ध हिंदी कैसे बोल लेती हो तुम्हे हिन्दू रीति रवाज़ों के बारे में कैसे पता चला? एटीएस को इसलिए भी शक है कि सीमा हैदर ने खुद को पाकिस्तान की रहने वाली एक गरीब लड़की बताया था। पाकिस्तान में करीब-करीब हर शख्स उर्दू बोलता है. हिंदी शब्दों से पाकिस्तान में दूर दूर तक कोई नाता नहीं है. लेकिन इसी लड़की की भाषा में कहीं भी उर्दू नहीं झलकती है. सीमा हैदर के शब्दों में भी कहीं उर्दू के लफ्जों का इस्तेमाल नहीं होता है. क्या ये संभव है कि महज चंद महीनों में सालों तक पाकिस्तान में रही एक गरीब लड़की की भाषा पूरी तरह से बदल जाए वो हिंदी के ऐसे मुश्किल शब्दों का इस्तेमाल करती है जिन्हें बिना पढ़े लिखे जानना संभव ही नहीं है। सीमा हैदर के पास से 8 मई का मोबाइल फोन का बिल मिला है और 8 मई को ही सीमा का पासपोर्ट जारी हुआ है. और इसके दो दिन बाद यानी 10 मई को उसने पाकिस्तान छोड़ दिया. अबतक कई अहम सवालों का जवाब मिलना बाकी है, क्योंकि वो अपनी रटी रटाई थ्योरी दोहरा रही है। इसी बीच सीमा हैदर को पाकिस्तान भेजने के लिए यूपी के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार कुछ पॉजिटिव संकेत दिया है। सीमा हैदर जल्द ही पाकिस्तान जा सकती है जिससे सचिन का दिल टूट जाएगा

 

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