
IEA प्रतिनिधिमंडल ने नव नियुक्त DLC राकेश द्विवेदी से की शिष्टाचार भेंट, श्रम उपकर व औद्योगिक मुद्दों पर सौंपा ज्ञापन
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ गौतमबुद्धनगर
इंडस्ट्रियल एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन (IEA) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को नोएडा स्थित कार्यालय में नव नियुक्त जिला श्रम आयुक्त (DLC) राकेश द्विवेदी से शिष्टाचार भेंट की। इस मौके पर जहां राकेश द्विवेदी का स्वागत किया गया, वहीं औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा भी हुई।
प्रतिनिधिमंडल ने निर्माण क्षेत्र से संबंधित श्रम उपकर (Labour Cess) की वसूली प्रक्रिया को लेकर चिंता जताई और इसे मनमाना, अपारदर्शी व उद्यमियों के हितों के खिलाफ बताया। IEA ने आरोप लगाया कि श्रम विभाग द्वारा बिना किसी स्पष्ट समय-सीमा, आधार या सत्यापन के वर्षों पुराने मामलों में नोटिस और रिकवरी सर्टिफिकेट (RC) जारी किए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों में असंतोष और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।


संस्था ने श्रम उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख रूप से निम्नलिखित मांगें रखीं:
- अब तक जारी सभी RC को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।
- प्रत्येक मामले की पुनः जांच की जाए, जिसमें निर्माण का वर्ष, क्षेत्रफल, लागत एवं उपकर गणना का स्पष्ट विवरण हो।
- 8 वर्ष से अधिक पुराने मामलों को तर्कसंगत आधार पर छूट दी जाए।
- भविष्य में कोई भी कार्रवाई उद्योग प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाए।

IEA के पदाधिकारियों ने यह भी बताया कि बिना तथ्यात्मक सत्यापन के केवल अनुमानों के आधार पर नोटिस भेजे गए हैं, जिससे पूरे औद्योगिक वर्ग में रोष है। RC जारी होने के बाद तहसील स्तर के अमीनों द्वारा उद्यमियों पर दबाव डाला जा रहा है, जो अनुचित है और इससे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन होता है।
इस अवसर पर IEA अध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में पी.के. तिवारी, पी.एस. मुखर्जी, प्रमोद झा, एम.पी. शुक्ला, दिनेश चौहान, सूर्यकांत तोमर और राजवीर सिंह जैसे प्रमुख सदस्य शामिल रहे।
जिला श्रम आयुक्त राकेश द्विवेदी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि विभाग उद्यमियों की समस्याओं को गंभीरता से लेगा और जल्द समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएगा। उन्होंने पारदर्शिता और समन्वय को प्राथमिकता देने की बात भी कही।

IEA ने आशा जताई कि राकेश द्विवेदी के नेतृत्व में श्रम विभाग और औद्योगिक इकाइयों के बीच सहयोग को नई दिशा और मजबूती मिलेगी।