पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए रोबोटिक सर्जरी और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट

 

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए रोबोटिक सर्जरी और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट की सफलताओं पर जागरूकता सत्र

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” /ग्रेटर नोएडा

आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं में अत्याधुनिक तकनीक की भूमिका को उजागर करने के उद्देश्य से, , ग्रेटर नोएडा के ओमेगा 1 स्थित यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने आज एक सार्वजनिक जागरूकता सत्र का आयोजन किया।

इस सत्र का मुख्य उद्देश्य पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी में नवीनतम प्रगति और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता के बारे में जानकारी देना था, जिसने अंतिम चरण के गुर्दे रोग से जूझ रहे मरीजों को नई जिंदगी प्रदान की है।

इस अवसर पर यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, ओमेगा 1 ग्रेटर नोएडा के विशेषज्ञ डॉक्टर – डॉ. दुष्यंत नादर (ग्रुप डायरेक्टर, यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट), डॉ. नीरज चौधरी (डायरेक्टर, जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट) और डॉ. अनिल प्रसाद भट्ट (कंसल्टेंट, रेनल साइंसेज एवं नेफ्रोलॉजी) ने भाग लिया और जटिल रोगों के इलाज में हो रही प्रगति पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अपने विचार साझा किए।

जीआई सर्जरी और लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के कंसल्टेंट डॉ. नीरज चौधरी ने इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि “गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में रोबोटिक तकनीक के समावेश ने हमें सर्जिकल सटीकता के ऐसे स्तर तक पहुंचने में मदद की है, जो पहले असंभव था। पैंक्रियाटिक कैंसर, जो सबसे आक्रामक प्रकार के कैंसर में से एक है, के इलाज के लिए सटीक और न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी की आवश्यकता होती है। इस संदर्भ में रोबोटिक सर्जरी ने एक गेम-चेंजर के रूप में काम किया है। पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों के लिए यह न केवल बेहतर ट्यूमर हटाने की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि सर्जरी के बाद जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है।”

डॉ. चौधरी ने एक हालिया केस का भी उल्लेख किया, जिसमें रोबोटिक तकनीक के उपयोग से पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए जटिल व्हिपल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

  यूरोलॉजी, रोबोटिक्स और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. दुष्यंत नादर ने कहा कि “एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट अब एक हकीकत है, जो अत्याधुनिक इम्यूनोसप्रेसिव प्रोटोकॉल और उन्नत रोबोटिक्स की मदद से संभव हुआ है। यथार्थ में, हम ट्रांसप्लांट मेडिसिन की संभावनाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे मरीजों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी नई आशा मिल सके। एबीओ-इनकंपैटिबल ब्लड ग्रुप्स के बीच किडनी ट्रांसप्लांट को कभी असंभव माना जाता था। हालांकि, इम्यूनोसप्रेसिव थेरपी और उन्नत डायग्नोस्टिक तकनीकों की मदद से, अब ऐसे ट्रांसप्लांट यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं।“

उन्होंने एक 45 वर्षीय मरीज के सफल ट्रांसप्लांट की कहानी साझा की, जिनका केवल एक इनकंपैटिबल ब्लड ग्रुप का दाता था।
रेनल साइंसेज एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. अनिल प्रसाद भट्ट ने किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों, विशेष रूप से एबीओ-इनकंपैटिबल मामलों में, नेफ्रोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि “किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता केवल सर्जरी पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह नेफ्रोलॉजी, इम्यूनोलॉजी और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल सहित समन्वित प्रयासों पर आधारित है। यथार्थ में, हम सुनिश्चित करते हैं कि हर मरीज को उनकी यात्रा के हर चरण में संपूर्ण देखभाल मिले। किडनी की बीमारियों का जल्द पता लगाने और समय पर उपचार लेने के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की नौबत ही न आए।“

इस सार्वजनिक जागरूकता सत्र का उद्देश्य इन जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं को सरल तरीके से समझाना और प्रतिभागियों को रोबोटिक सर्जरी और एबीओ-इनकंपैटिबल किडनी ट्रांसप्लांट के फायदों के बारे में जागरूक करना था।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल अत्याधुनिक तकनीक और उत्कृष्ट विशेषज्ञता के साथ विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी है। शोध, नवाचार और रोगी-केंद्रित देखभाल पर मजबूत फोकस के साथ, अस्पताल ने विभिन्न विशेषज्ञताओं में असाधारण परिणाम दिए हैं।

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