उत्तर प्रदेश में पहली बार हुई दुर्लभ टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी

पूर्व भारतीय राष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट की हुई दुर्लभ स्पाइन सर्जरी

फोर्टिस हाॅस्पिटल ग्रेटर नोएडा ने स्पाइन सर्जरी के क्षेत्र में रचा इतिहास

मौहम्मद इल्यास-“दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा

  चिकित्सा क्षेत्र में फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उत्तर प्रदेश में पहली बार और फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप में पहली बार, यहां की विशेषज्ञ टीम ने एक अत्यंत दुर्लभ और जटिल टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। यह दुर्लभ सर्जरी पूर्व भारतीय राष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट हरपाल सिंह की हुई, जो अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

इस प्रकार की सर्जरी दुनिया भर में दुर्लभ मानी जाती है। आंकड़ों के अनुसार, लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी सभी स्पाइन सर्जरी के मुकाबले 1% से भी कम होती है, और जब बात टू-लेवल लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट की आती है, तो यह पूरी दुनिया में 0.1% से भी कम मामलों में की जाती है। भारत में अब तक केवल चार चिकित्सा केंद्रों ने इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया है, और इससे पहले दिल्ली-एनसीआर के केवल तीन अस्पताल ही इसे करने में सक्षम थे।

यह जटिल सर्जरी डॉ. हिमांशु त्यागी (हेड, स्पाइन एंड ऑर्थोपेडिक सर्जरी) के नेतृत्व में हुई। साथ ही टीम में डॉ. मोहित शर्मा और डॉ. राजेश मिश्रा भी शामिल रहे। सर्जरी को सफल बनाने में डॉ. भूप सिंह (हेड, एनेस्थीसिया), डॉ. जगदीश चंदर (हेड, सर्जरी डिपार्टमेंट) और एक अनुभवी वैस्कुलर सर्जन की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

41 वर्षीय हरपाल सिंह, जो कि पूर्व भारतीय राष्ट्रीय पदक विजेता एथलीट हैं, कई वर्षों से गंभीर कमर दर्द से परेशान थे। 2007 में एक स्पाइन सर्जरी के बावजूद उनकी स्थिति बिगड़ती गई। नई जाँच में एल4-5 और एल5-एस1 स्तरों पर डिस्क डीजेनेरेशन और एल3-4 स्तर पर स्पाइनल अस्थिरता का पता चला। उनकी युवावस्था और सक्रिय जीवनशैली को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों ने एल3-4 पर फ्यूजन और एल4-5 तथा एल5-एस1 पर कृत्रिम डिस्क ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. हिमांशु त्यागी ने बताया कि यह सर्जरी दो चरणों में, एंटीरियर (सामने से) अप्रोच के जरिए की गई, जो तकनीकी रूप से बेहद जटिल मानी जाती है। इस प्रक्रिया में प्रमुख रक्त वाहिकाओं, पेट के अंगों और नसों को क्षति पहुंचने का जोखिम होता है, जिससे आंतरिक रक्तस्राव, लकवा या लम्बे समय तक विकलांगता का खतरा रहता है। लेकिन फोर्टिस ग्रेटर नोएडा की अनुभवी टीम ने यह चुनौतीपूर्ण सर्जरी बिना किसी जटिलता के सफलतापूर्वक पूरा किया।

सर्जरी के बाद हरपाल सिंह अगले दिन से चलने में सक्षम हो गए, और बिना किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या के चौथे दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह स्वतंत्र रूप से चल-फिरने के साथ ही सीढ़ियाँ चढ़ सकते हैं। इस तरह सर्जरी से उन्हें एक नया जीवन मिला।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं फैसिलिटी डायरेक्टर, डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा, कि”यह अभूतपूर्व उपलब्धि हमारी मेडिकल टीम की असाधारण क्षमताओं और फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के उन्नत ढाँचे का उदाहरण है। दो-स्तरीय लंबर डिस्क रिप्लेसमेंट को सटीकता से करना एक मुश्किल काम है। हमें गर्व है कि उत्तर प्रदेश में पहली बार इस स्तर की केयर प्रदान की है।”


अपना आभार व्यक्त करते हुए  हरपाल सिंह (मरीज़) ने कहा कि “मैं कई वर्षों से लगातार दर्द में जी रहा था और लगभग उम्मीद खो चुका था। इलाज की आखिरी उम्मीद के तौर पर मैं कनाडा से भारत आया। फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के बेहतरीन डॉक्टरों की बदौलत, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मुझे एक नई ज़िंदगी मिल गई हो। बिना दर्द के फिर से चल पाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।”

यह ऐतिहासिक सफलता फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप के लिए एक मील का पत्थर है और ग्रेटर नोएडा को जटिल स्पाइन सर्जरी के एक उन्नत चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित करती है।

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