
फर्जी आईडी से उबर एप पर करते थे ठगी, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने दो शातिर ठगों को किया गिरफ्तार
ईकोटेक-1 पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 500 फर्जी आधार कार्ड की छाया प्रति, 21 मोबाइल, प्रिंटर और कार बरामद

क्राइम रिपोर्टर / गौतमबुद्धनगर
थाना ईकोटेक-1 पुलिस ने उबर एप्लीकेशन के माध्यम से फर्जी ड्राइवर व राइडर बनकर ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उबर एप पर फर्जी आईडी बनाकर पहले कंपनी का विश्वास जीतते थे, फिर खुद ही ड्राइवर और यात्री बनकर लंबी दूरी की राइड बुक कर बिना यात्रा किए कंपनी से भुगतान प्राप्त करते थे।
इस गिरोह के दो सक्रिय सदस्य मोहम्मद उमेर पुत्र नजमुद्दीन, निवासी सुंदर नगरी, एल ब्लॉक, दिल्ली (उम्र 26 वर्ष) और मुजफ्फर जमाल पुत्र जाकिर जमाल, निवासी विजय पार्क, मोजपुर, दिल्ली (उम्र 27 वर्ष) को पुलिस ने घरबरा अंडरपास के पास से गिरफ्तार किया।

एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
प्रेस वार्ता के दौरान एडीसीपी ग्रेटर नोएडा सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बेहद तकनीकी तरीके से उबर एप को निशाना बनाकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुँचा रहे थे। दोनों आरोपियों ने एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को डिजिटल तकनीक और गूगल लेंस की मदद से एडिट कर कई फर्जी आईडी बनाई थीं। इसके बाद वे उबर एप पर रजिस्ट्रेशन कर पहले कुछ सामान्य राइड पूरी करते थे जिससे कंपनी का भरोसा जीतते थे। फिर लंबी राइड खुद बुक करके फर्जी ओटीपी डालकर यात्रा पूरी दिखाते और भुगतान प्राप्त कर लेते थे।
बरामद सामान में शामिल है:
- 500 फर्जी आधार कार्ड की छायाप्रतियां
- 21 मोबाइल फोन
- एक छोटा प्रिंटर
- एक पिट्ठू बैग
- एक हुंडई i10 कार (रजिस्ट्रेशन नंबर DL 4CAP 9038)
अपराध की कार्यप्रणाली:
पुलिस के अनुसार, आरोपी एक ही दस्तावेज को कई बार संपादित कर विभिन्न नामों से फर्जी ड्राइवर आईडी बनाते थे। ये लोग पहले कुछ सफल राइड्स के बाद कंपनी से लोन के रूप में धनराशि भी प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद लंबी फर्जी राइड बुक कर भुगतान लेते थे और पकड़े जाने पर उस आईडी को छोड़कर नई फर्जी आईडी तैयार कर लेते थे।
पंजीकृत मुकदमा:
थाना ईकोटेक प्रथम में इस मामले में मु.अ.सं. 45/2025, धारा 338/336(3) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
एडीसीपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रकार की फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और पुलिस साइबर तकनीक के माध्यम से इनके नेटवर्क को भी खंगाल रही है। इस गिरोह से जुड़े अन्य संभावित अपराधियों की तलाश की जा रही है।