डीएम द्वारा री मेडिकल कराए जाने के आदेश, कन्नी काट रहे हैं, सरकारी डाक्टर
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्धनगर में सरकारी डॉक्टरों द्वारा एक फर्जी मेडिकल बनाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। फर्जी मेडिकल का मामला जब डीएम के सामने आया तो डॉक्टरों की एक कमेटी गठित किए जाने के आदेश दिए गए। सीएमओ ने डीएम के आदेश पर तीन सदस्य कमेटी गठित की है। लखनावली गांव मे एक नाबालिग बच्चे के साथ, रोहित नामक युवक व उसके परिवार ने पुरानी रंजिश के चलते मारपीट की। पीड़ित पक्ष ने पुलिस मे शिकायत की, किंतु पुलिस द्वारा कोई कानूनी कार्रवाई न करते हुए टरका दिया गया। आखिर पीड़ित परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिला कोर्ट की ओर से पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए।
पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया। विपक्षियों को पुलिस की खुली शह मिली और विपक्षियांं ने साजिश रचते हुए फर्जी मेडिकल बनवा डाला। इस मेडिकल को लेकर जिसमें एक एक छोटी बच्ची की पसली टूटी हुई दिखाई गई कोर्ट पहुंच गए। कोर्ट ने मामले को सही मानते हुए मुकदमा दर्ज किए जाने के आदेश दिए। पीडित पक्ष ने इस पूरे मामले की शिकायत डीएम गौतमबुद्धनगर के सामने की और साफ किया कि जिस समय मेडिकल में बच्ची पर हमले किए जाने का जिक्र किया गया है उस समय पूरा पीडित परिवार सीसीटीवी की निगरानी मेंं है। डीएम ने सरकारी डॉक्टरों के द्वारा फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जाने के मामले को गंभीरता से लिया गया और सीएमओ गौतमबुद्धनगर को आदेश दिया कि तत्काल इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर कार्यवाही करें।
सीएमओ ने डीएम के आदेश पर तीन डॉक्टरों की एक जांच कमेटी गठित की है। पीड़ित पक्ष की ओर से सुनील चपराना ने ’’विजन लाइव’’ को बताया कि दबाव बनाने के लिए एक षड्यंत्र रचा और सरकारी अस्पताल से सांठगांठ कर एक फर्जी मेडिकल सीएचसी बादलपुर से कराया गया, जिसमें एक छोटी बच्ची की पसली टूटी हुई दिखाई गई है जिसके आधार पर उन्होंने कोर्ट द्वारा पीड़ित परिवार के खिलाफ फर्जी मुकदमा करवा दिया गया। यह सब पुलिस के इशारे पर हुआ है। इस मामले में अब जिलाधिकारी महोदय से फर्जी मेडिकल की शिकायत करते हुए मेडिकल की पुनः जांच कराने हेतु मांग की गई हैं। जिस समय पसली टूटने की घटना दर्शाई गई है उस समय पीड़ित परिवार सीसीटीवी फुटेज की निगरानी में है, जिसकी फोटो भी शिकायत के साथ संलग्न कर दी गई है। जब कि जिलाधिकारी महोदय ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से कमेटी गठित की गई और 31 तारीख को री मेडिकल कराने के आदेश जारी किए गए, परंतु आज तक भी कोई रिमेडिकल नहीं कराया गया है।