गौतमबुद्धनगर प्रशासन और पुलिस के अफसरों की लापरवाही के चलते हुए पीडिता दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर

सीएम को पत्र लिख कर मामले में इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई

मामला एडीएम फाइनेंस गौतमबुद्धनगर के यहां चला, मगर रेशमा को पक्षकार ही नही बनाया गया और बगैर सुने ही एकतरफा आदेश दे दिया गया, जो कि गलत हैः- देंवेंद्र कुमार रावल एडवोकेट
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर प्रशासन और पुलिस के अफसरों की लापरवाही के चलते हुए पीडिता दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। फर्जीवाडा कर लोन ले लिया गया, बैंक कोर्ट पहुच गया। गारंटर के तौर पर प्रोपर्टी जब्त किए जाने का फरमान सुना दिया गया हैं। सीएम को पत्र लिख कर मामले में इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई गई है।
गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी कसबे में मकान का बैनामा चुरा कर गांरटी के तौर पर लगा दिया गया और फिर कर्ज लेकर उडन छू हो गए। कर्ज देने वाले बैंक ने बैनाम को आधार बना कर वसूली के लिए कोर्ट में पक्ष रखा। कोर्ट ने गारंटर, बैनामा सपंत्ति को जब्त किए जाने का फरमान सुना दिया। सीएम को लिखे पत्र मेंं पीडिता रेशमा पत्नी अनीश निवासी आजाद नगर कटहेरा रोड दादरी ने इंसाफ की गुहार लगाई है। सीएम को पत्र में अवगत कराया गया है कि दादरी कसबे में गत दिनांक 23-06-2015 को एक 50 वर्ग गज का प्लाट 2,10,000/- रूपये में खरीदा था। रेशमा के देवर को मकान का बैनामा हाथ लग गया और चुपके से 8,50,000/-रूपये का लोन ले लिया। रेशमा ने पत्र में बताया कि बैंक से लोन लेते वक्त फर्जी दस्तखत भी उसके देवर ने किए। इस बात की उसे कानो कान खबर न हो सकी। जब लोन चुकता न हुआ तो बैंक कोर्ट पहुंच गया। इस बात की जानकारी उसे उस समय हुई जब पुलिस और प्रशासन के अधिकारी के आए कि मकान को जब्त किए जाने का आदेश है। इससे उसके पैरो तले से जमीन ही खिसक गई।

पीडिता के अधिवक्ता देंवेंद्र कुमार रावल ने बताया कि यह मामला एडीएम फाइनेंस गौतमबुद्धनगर के यहां चला, मगर रेशमा को पक्षकार ही नही बनाया गया और बगैर सुने ही एकतरफा आदेश दे दिया गया, जो कि गलत है। अमूमन इस तरह के मामलों में डीआरटी कोर्ट लखनउ में अपील दायर की जाती है। इस मामले में भी अपील दायर किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उधर पीडिता रेशमा ने सीएम को लिखे पत्र में मांग की है कि समस्त तथ्यों की जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए, उसे बेघर होने से बचाया जावे। इस पत्र की प्रतियां सीएम के अलावा पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर, डीएम गौतमबुद्धनगर, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली और थानाध्यक्ष दादरी को डाक के जरिए भेजी गई है।