
गौतमबुद्धनगर पुलिस ने तीन शातिरों को किया गिरफ्तार, नकदी, कार, मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद


✍️ मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
पुलिस के रिकॉर्ड में तीन ऐसे चेहरे दर्ज हुए हैं, जो तकनीक के युग में सोशल मीडिया को हथियार बनाकर अपराध का नया तरीका गढ़ चुके थे। Instagram Reels से आइडिया लिया, फिर उसे जमीन पर उतारते हुए शातिर दिमागों ने एटीएम को निशाना बनाया—जहाँ ग्राहक के फंसे हुए रुपये, इनके लिए मुफ्त की कमाई बन गए।
गौतमबुद्धनगर के थाना एक्सप्रेस-वे पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो एटीएम में फाइबर प्लेट लगाकर लोगों के रुपये चोरी करते थे। पुलिस ने इनके पास से ₹46,460 नकद, नौ मोबाइल फोन, 13 डेबिट कार्ड, मास्टर चाबी, फाइबर प्लेटें, फर्जी दस्तावेज और चोरी में प्रयुक्त कार AURA बरामद की है।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
तीनों आरोपी पहले रेकी करते थे कि किस एटीएम मशीन का निचला गेट आसानी से खोला जा सकता है। फिर मास्टर चाबी से एटीएम का ढक्कन खोलकर, रुपये निकलने वाले स्थान पर काली फाइबर प्लेट फिट कर देते थे। इसके बाद वे एटीएम के बाहर खड़े हो जाते।
जब कोई ग्राहक रुपये निकालने आता, तो ट्रांजेक्शन पूरा हो जाता, लेकिन रुपये बाहर नहीं निकलते। ग्राहक को लगता कि मशीन खराब है और वह निराश होकर लौट जाता। उसके जाते ही आरोपी भीतर घुसकर मास्टर चाबी से ढक्कन खोलते और फंसे हुए रुपये निकाल लेते। यह काम वे बार-बार करते और लगातार अवैध कमाई करते रहते।
Instagram से मिला जुर्म का आइडिया
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि तीनों अभियुक्त—रोहित डंग, बीनस डंग और वैभव बत्रा—ने यह तरीका Instagram पर Reels देखकर सीखा। उन्हें यह आसान और बिना रिस्क का जरिया लगा, जिसके बाद उन्होंने अपने-अपने ठिकानों से निकलकर नोएडा में सक्रिय रूप से अपराध करना शुरू कर दिया।
पहले भी कर चुके हैं वारदातें
तीनों अभियुक्तों ने यह भी कबूल किया कि करीब डेढ़ महीने पहले ग्राम वाजिदपुर स्थित एसबीआई एटीएम में भी इसी तरीके से पैसे चुराए थे। पुलिस को आशंका है कि इनका नेटवर्क और भी शहरों में फैला हो सकता है।

डीसीपी की चेतावनी और अपील
डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बताया कि आमजन को ऐसे एटीएम घटनाओं के प्रति सजग रहना चाहिए। यदि कभी ट्रांजेक्शन के बावजूद रुपये बाहर न आएं, तो तुरंत बैंक और पुलिस को सूचित करें। किसी अजनबी की मदद लेने से बचें।
तीनों आरोपी – सामान्य चेहरे, खतरनाक मस्तिष्क
- रोहित डंग, उम्र 26 वर्ष – मूलतः खुर्जा का निवासी
- बीनस डंग, उम्र 23 वर्ष – मूलतः खुर्जा से
- वैभव बत्रा, उम्र 32 वर्ष – सहारनपुर निवासी
तीनों वर्तमान में नोएडा सेक्टर-168 और दिल्ली के पते पर रह रहे थे।
इनके खिलाफ थाना एक्सप्रेस-वे में एफआईआर संख्या 96/2025, धारा 303(2)/317(5)/318(4) बीएनएस व 66-डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

सोशल मीडिया पर दिखने वाली चकाचौंध और ‘जुगाड़ू’ तरकीबें
तकनीक का दुरुपयोग किस कदर समाज को अपराध की दिशा में धकेल सकता है, इसका यह केस जीवंत उदाहरण है। सोशल मीडिया पर दिखने वाली चकाचौंध और ‘जुगाड़ू’ तरकीबें किस हद तक युवाओं को गुमराह कर सकती हैं, यह अब समाज और सिस्टम दोनों के लिए चेतावनी है।