1857 की क्रांति और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति में शिलालेख का लोकार्पण



पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर और सांसद डॉ. महेश शर्मा ने किया लोकार्पण


“भारतीय स्वाधीनता की बेदी पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानियों को शत-शत नमन” – मंत्री ओमप्रकाश राजभर

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गौतमबुद्धनगर
भारत के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के “मिशन सिंदूर” एवं तिरंगा यात्रा के आह्वान पर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अमित चौधरी के निर्देशन में गौतम बुद्ध नगर के जिला पंचायत प्रांगण में 1857 के वीर शहीदों और स्वतंत्रता के पश्चात विभिन्न युद्धों में बलिदान देने वाले अमर सपूतों की स्मृति में शिलालेख का लोकार्पण समारोह का आयोजन किया गया।

शिलालेख का लोकार्पण उत्तर प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री श्री ओमप्रकाश राजभर और सांसद डॉ. महेश शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर दादरी विधायक श्री तेजपाल सिंह नागर, जिलाध्यक्ष श्री अभिषेक शर्मा, विधान परिषद सदस्य श्री नरेंद्र भाटी, जिला पंचायत सदस्य श्री देव भाटी, श्रीमती मोहिनी, क्षेत्र के ग्राम प्रधान, सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधि तथा नागरिकों की गरिमामय उपस्थिति रही।

1857 की महान क्रांति में गौतम बुद्ध नगर की ऐतिहासिक भूमिका

पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपने उद्बोधन में 1857 की क्रांति में इस क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि तत्कालीन दादरी रियासत, जो वर्तमान गौतम बुद्ध नगर जिले का प्रमुख भाग थी, स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र बनी। गाँव-गाँव में अंग्रेजों के विरुद्ध जनक्रांति फैल गई थी। उस समय अंग्रेज अफसर मिस्टर टर्नबुल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि “दादरी क्षेत्र सर्वाधिक गड़बड़ी वाला क्षेत्र है”

सन् 1874 में बुलंदशहर के डिप्टी कलेक्टर कुँवर लक्षण सिंह ने लिखा कि दादरी रियासत के राव रोशन सिंह, राव उमराव सिंह, राव बिशन सिंह, राव भगवंत सिंह आदि ने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध बगावत का झंडा बुलंद किया। इस परिवार की संपत्ति जब्त कर ली गई और कई को फांसी की सजा दी गई।

स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले 84 क्रांतिकारियों को दी गई फांसी

अंग्रेजी सरकार द्वारा क्षेत्र के 84 स्वतंत्रता सेनानियों को “रिंग लीडर” घोषित कर बुलंदशहर के काला आम पर मृत्युदंड दिया गया। अन्य क्रांतिकारियों को काला पानी की सज़ा हुई। इन वीर बलिदानियों में प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
हिम्मत सिंह (रानौली), झंडू जमींदार, सहाब सिंह (नगला नैनसुख), हरदेव सिंह, रूपराम (बील), मजलिस जमींदार (लुहारली), फत्ता नम्बरदार (चिटहेरा), हरदयाल सिंह गहलौत, दीदार सिंह (नगला समाना), बंसी जमींदार (नगला चमरू), देवी सिंह जमींदार (मेहसे), फूल सिंह गहलौत (पारसेह), अहमान गुर्जर (बढपुरा), राम स्वरूप (गुनपुरा), सुरजीत सिंह (राजपुर), निर्मल सिंह (सरकपुर), बिशन सिंह (बिशनपुरा) आदि।

आयोजन को सफल बनाने में अधिकारियों की अहम भूमिका

इस स्मृति कार्यक्रम के आयोजन में अपर मुख्य अधिकारी श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी, जिला पंचायत अभियंता श्री भैया अमर सिंह, अवर अभियंता श्री ऋतुनम, प्रशासनिक अधिकारी श्री जयकुमार भाटी तथा जिला पंचायत के समस्त कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा। मंत्री और अतिथियों ने इनके प्रयासों की प्रशंसा की।

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