
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
उत्तर भारत के अत्याधुनिक औद्योगिक व निवेश केंद्र के रूप में उभरते ग्रेटर नोएडा को गुरुवार को जापान के प्रमुख वित्तीय संस्थान मिजुहो बैंक के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की महत्वपूर्ण यात्रा ने एक नई दिशा दी। प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र में औद्योगिक आधारभूत संरचना, नियोजित नगरीय विकास, और ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉरिडोर’ में क्षेत्र की रणनीतिक भूमिका का आकलन किया।
बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व आईआईटीजीएनएल के प्रबंध निदेशक एन. जी. रवि कुमार, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वी.एस. एवं एसीईओ प्रेरणा सिंह सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने संभावित निवेश अवसरों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप (IIT-GNL) की विशेषताओं, जैसे प्लग-एंड-प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर, उन्नत वेस्ट प्रोसेसिंग सिस्टम, और स्थिर व उच्च क्षमता वाली बिजली आपूर्ति पर फोकस रखा गया।

जापानी प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्तुतीकरण तथा स्थल निरीक्षण के दौरान ग्रेटर नोएडा के प्रगतिशील औद्योगिक मॉडल, स्मार्ट कनेक्टिविटी, और नीति व प्रशासनिक पारदर्शिता की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल ने इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप के तकनीकी-सक्षम औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को निवेश-अनुकूल बताया तथा क्षेत्र में निवेश की इच्छा प्रकट की।
मिजुहो बैंक, जो जापान के अग्रणी वित्तीय समूह मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप का हिस्सा है, वैश्विक स्तर पर कॉर्पोरेट बैंकिंग, निवेश संरचना, और बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स के वित्तपोषण में अग्रणी माना जाता है। ग्रेटर नोएडा की यात्रा को भारत-जापान औद्योगिक सहयोग के व्यापक ढांचे में देखा जा रहा है, जिसमें ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लीन-टेक, और हाई-वैल्यू-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में संभावनाएं मजबूत हो रही हैं।
वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में लगभग 200 से अधिक जापानी कंपनियों की उपस्थिति है। क्षेत्र का लॉजिस्टिक कॉरिडोर, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और डीएफसी कनेक्टिविटी के साथ, इसे पूर्वी उत्तर भारत का सबसे आकर्षक विदेशी निवेश केंद्र बना रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह यात्रा न केवल वित्तीय विश्वास का संकेत है बल्कि उत्तर भारत के औद्योगिक मानचित्र पर ग्रेटर नोएडा की उभरती हुई वैश्विक स्थिति को भी रेखांकित करती है। प्राधिकरण का कहना है कि जापानी निवेशकों को समर्पित फास्ट-ट्रैक सुविधा, तकनीकी-सक्षम विनिर्माण क्लस्टर और मजबूत प्रशासनिक ढांचा क्षेत्र को और प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।