बाबा श्री खाटू श्याम के जन्म दिवस के मौके पर श्री खाटू श्याम सेवा समिति दनकौर ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर संकल्प जताया
मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा
धार्मिक ऐतिहासिक नगरी दनकौर में अब अटूट आस्था और विश्वास के प्रतीक बाबा श्री खाटू श्याम के दर्शन हो सकेंगे। बाबा श्री गुरू द्रोणाचार्य की इस प्राचीन नगरी में बाबा श्री खाटू श्याम मंदिर भव्य स्थापित होने जा रहा है। दनकौर के धार्मिक नगरी के रूप में प्रख्यात है। महाभारत में कौरवों और पांडवों के गुरू द्रोणाचार्य का मंदिर ऐतिहासिक महत्व लिए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर मुस्लिमों के लिए बाबा शाह फिरोज चिश्ती रहमतुल्लाह आलैहि की दरगाह समेत कई छोटे बडे सूफी संतों के आस्था स्थल है। हारे का सहारा- बाबा खाटू श्याम म्हारा आस्था और विश्वास प्रतीक बाबा श्री खाटू श्याम के भक्तों के लिए अब यहां पर एक भव्य मंदिर का निमार्ण होने जा रहा है। बाबा श्री खाटू श्याम के जन्म दिवस के मौके पर श्री खाटू श्याम सेवा समिति दनकौर ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर संकल्प जताया है कि दनकौर के धनौरी रोड पर करीब 10 करोड की लागत से बाबा श्री खाटू श्याम का भव्य मंदिर वर्ष 2025 तक स्थापित हो जाएगा।
दनकौर में बन रहे भव्य एवं विशाल श्री खाटू श्याम मंदिर के निर्माण के संबंध में श्री खाटू श्याम सेवा समिति दनकौर रजिस्टर्ड द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर 11000 स्क्वायर फीट में बनेगा जिसमें 108 फीट का मकराना सफेद पत्थर का शिखर बनेगा। बेसमेंट में माता वैष्णो देवी जी की गुफा बनाई जाएगी, संतो के निवास के लिए कमरे बाहर से आए दर्शनार्थियों के ठहरने के लिए कमरे एवं सभी श्रद्धालुओं के लिए जन सुविधाओं की सभी व्यवस्थाएं समिति की ओर से की जाएगी। मंदिर निर्माण का अनुमानित खर्च लगभग 10 करोड़ से 12 करोड़ रुपए है। मंदिर निमार्ण के लिए दनकौर के पूर्व चेयरमैन मास्टर अजय कुमार भाटी के द्वारा निशुल्क भूमि दान स्वरूप भेंट की जा चुकी है। इस मौके पर पत्रकार वार्ता में बाबा श्री खाटू श्याम सेवा समिति के अध्यक्ष भारत मित्तल, मुख्य संरक्षक दीनेश्वर प्रसाद गौविल, मुख्य संरक्षक पूर्व चेयरमैन मास्टर अजय कुमार भाटी, कोषाध्यक्ष केतन मित्तल, प्रबंधक गगन मित्तल, उपप्रबंधक रवि मित्तल, सदस्य पुनीत गोयल, आलोक गोयल, राघव सिंघल, तरुण मित्तल, पुष्पेंद्र मित्तल, विभोर तायल, मनीष तायल आढ़ती, सुधीर गर्ग, निखिल भाटी आदि पदाधिकारी और सदस्यगण उपस्थित रहे।