
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / नई दिल्ली
सऊदी अरब में इस साल ईद उल फितर का त्यौहार भव्य स्तर पर मनाया गया। चांद नजर आने की आधिकारिक घोषणा होते ही पूरे देश में ईद की खुशियों की लहर दौड़ गई। यह पर्व रमजान के पवित्र महीने के बाद आता है और इस्लामिक परंपरा में इसे नई शुरुआत और आपसी सौहार्द्र का प्रतीक माना जाता है। लाखों लोगों ने सुबह विशेष नमाज अदा की और अल्लाह से शांति, समृद्धि और भाईचारे की दुआएं मांगी।
मक्का और मदीना में ऐतिहासिक भीड़, नमाज और दुआओं का नजारा
मक्का की मस्जिद अल-हरम और मदीना की मस्जिद-ए-नबवी में हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ नमाज अदा की। इन ऐतिहासिक स्थानों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब ईद की भव्यता को दर्शा रहा था। देशभर की सभी प्रमुख मस्जिदों और ईदगाहों में भी हजारों लोगों ने नमाज पढ़ी और गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। सऊदी सरकार ने इन स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, ताकि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से मनाया जा सके।
ईद की नमाज के दौरान उलेमाओं ने इस अवसर के महत्व पर प्रकाश डाला और समाज में एकता, शांति और भाईचारे का संदेश दिया। उन्होंने इस्लाम की शिक्षाओं का पालन करने और गरीबों, जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की।
बाजारों में भारी भीड़, घरों में पकवानों की महक
ईद से पहले ही बाजारों में जबरदस्त चहल-पहल देखने को मिली। रियाद, जेद्दाह, मक्का और मदीना के प्रमुख बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ी, जहां सभी ने नए कपड़े, इत्र, मिठाइयाँ और उपहार खरीदे। पारंपरिक रूप से ईद के मौके पर बच्चों को ईदी (उपहार व पैसे) देने की परंपरा निभाई गई, जिससे बच्चों की खुशियाँ और बढ़ गईं।
घरों में भी विशेष पकवान बनाए गए, जिनमें सिवइयाँ, बिरयानी, कबाब और विभिन्न पारंपरिक व्यंजन शामिल थे। मुस्लिम परिवारों ने एक-दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ बाँटी और रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ त्योहार का आनंद लिया।

शाही परिवार और सऊदी नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं
ईद के अवसर पर सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलअजीज और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देशवासियों और दुनियाभर के मुसलमानों को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने इस मौके पर एक आधिकारिक बयान जारी कर सभी को शांति, प्रेम और सौहार्द्र का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ईद का यह त्यौहार हमें आपसी एकता और भाईचारे की सीख देता है और हमें हमेशा जरूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
ईद का इस्लामिक महत्व और ज़कात-उल-फितर की परंपरा
ईद उल फितर इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में से एक है और यह रमजान के बाद मनाया जाता है। रमजान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़ा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं। इस पवित्र महीने के बाद ईद का दिन खुशियों और दुआओं का दिन होता है।
इस मौके पर ज़कात-उल-फितर (दान) देने की परंपरा निभाई जाती है। यह इस्लाम की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसके तहत जरूरतमंदों की मदद की जाती है ताकि वे भी ईद की खुशियों में शामिल हो सकें। मस्जिदों और विभिन्न इस्लामिक संगठनों द्वारा बड़े स्तर पर जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
सऊदी अरब में उत्सव और रोशनी की छटा
पूरे सऊदी अरब में ईद के जश्न का भव्य नजारा देखने को मिला। राजधानी रियाद, जेद्दाह, दम्माम और अन्य प्रमुख शहरों को खास तौर पर सजाया गया। प्रमुख स्थलों पर रोशनी की जगमगाहट और आतिशबाजी ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया। परिवारों ने सार्वजनिक उद्यानों, रेस्तरां और मनोरंजन स्थलों पर जाकर ईद का आनंद उठाया।
सरकार और विभिन्न संगठनों ने भी कई सांस्कृतिक और पारंपरिक कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं शामिल रहीं। इन आयोजनों ने ईद की खुशी को और बढ़ा दिया।

ईद: एकता, भाईचारे और शांति का प्रतीक
ईद उल फितर न केवल धार्मिक पर्व है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और प्रेम व सौहार्द्र का संदेश फैलाते हैं।
सऊदी अरब में इस बार का ईद उत्सव यह दर्शाता है कि यह पर्व सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि दुनिया भर में शांति, करुणा और सहयोग का संदेश देने का माध्यम भी है। यह पर्व हमें सिखाता है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं और एकता में ही असली शक्ति निहित है।