उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड के किसानों के समर्थन में खुल कर आ जाने से कटघरे में आ चुकी है, सरकार
विजन लाइव/ नेशनल डेस्क
देश भर में किसानों का आंदोलन लगतार उग्र होता ही रहा है। एक ओर पंजाब और हरियाणा के किसान एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर आंदोलनरत है तो वहीं यूपी के किसान भी लंबे समय से लेकर विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। यूपी के गौतमबुद्धनगर में किसान आंदोलन के संसद कूच और फिर पुलिस द्वारा धरना स्थल से किसानों को उठा लिए जाने से सरकार की किरकिरी हो रही है। इधर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड के किसानों के समर्थन में खुल कर आ जाने से सरकार कटघरे में आ चुकी है।
ऐसा कम ही होता है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की बातों को कांग्रेस और विपक्षी दलों की सराहना मिले लेकिन मंगलवार को धनखड़ ने भरे मंच से ऐसी बात कह दी कि कांग्रेस भी ताली बजाने को मजबूर हो गई। किसान आंदोलन के बीच धनखड़ ने कृषि मंत्री से सीधे पूछ डाला कि किसानों से किया वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? हम उनसे बातचीत क्यों नहीं कर सकते? कांग्रेस ने कहा, यही बात तो हम भी कितने दिनों से कह रहे हैं, जो आज धनखड़ जी ने कही है।
केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान के शताब्दी समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंच से केंद्रीय कृषि मंत्री से सवाल पूछा? कहा, कृषि मंत्री जी, हर पल आपके लिए महत्वपूर्ण है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं और भारत के संविधान के तहत दूसरे सबसे बड़े पद पर विराजमान व्यक्ति के रूप में मैं आपसे आग्रह करता हूं कि कृपया मुझे बताइए, क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, और वह वादा क्यों नहीं निभाया गया?् हम वादा पूरा करने के लिए क्या कर रहे हैं,् पिछले साल भी आंदोलन था, इस साल भी आंदोलन है, और समय जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं?
मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई?
धनखड़ ने कहा, मेरी चिंता यह है कि अब तक यह पहल क्यों नहीं हुई? मुझे सरदार पटेल की याद आती है, उनका जो उत्तरदायित्व था देश को एकजुट करने का, उन्होंने इसे बखूबी निभाया। यह चुनौती आज आपके सामने है। किसानों से वार्ता तुरंत होनी चाहिए, और हम सबको यह जानना चाहिए, क्या किसानों से कोई वादा किया गया था? कृषि मंत्री जी, क्या पिछले कृषि मंत्रियों ने कोई लिखित वादा किया था? अगर किया था, तो उसका क्या हुआ। आंदोलित किसानों की ओर ध्यान दिलाते हुए धनखड़ ने कहा, हम अपने लोगों से नहीं लड़ सकते, हम उन्हें इस स्थिति में नहीं डाल सकते कि वे अकेले संघर्ष करें। हमें उनके दिल को चोट नहीं पहुंचानी चाहिए। क्या हम किसान और सरकार के बीच एक सीमा रेखा बना सकते हैं? जिनको गले लगाना चाहिए, उन्हें दूर नहीं किया जा सकता है क्या?
धनखड़ की इस बात पर कांग्रेस क्यों हुई, खुश?
धनखड़ की इस बात पर कांग्रेस को मौका मिल गया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने धनखड़ की टिप्पणी पर पोस्ट को टैग करते हुए एक्स पर कहा, कांग्रेस लगातार यह सवाल पूछ रही है। एमएसपी पर कानूनी गारंटी कब हकीकत बनेगी? एमएसपी तय करने के लिए स्वामीनाथन फॉर्मूला कब लागू होगा? किसानों को पूंजीपतियों के समान लाभ कब मिलेगा, जिन्हें कर्ज से राहत दी गई है।