
हाईकोर्ट में लंबित है मामला, किसानों ने सरकार से कराई उच्च स्तरीय जांच की मांग

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब में शनिवार को नमोली गांव के किसानों – आशीष कसाना, धर्मपाल, किशन चंद्र, धर्मेंद्र प्रधान, गौरव पहलवान, वेदवती देवी, ललिता देवी, संदीप पहलवान सहित अन्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि नमोली गांव की 1882 बीघा, यानी लगभग 360 एकड़ जमीन पर उनके परिवारों का वैध मालिकाना हक है।
किसानों ने बताया कि इस जमीन को उनके पूर्वजों ने वर्ष 1945 में लोनी क्षेत्र के कोतवालपुर गांव के लाल कुंदन लाल और बनवारी लाल से खरीदा था। उन्होंने पत्रकारों को उस समय की जमीन खरीद की रजिस्ट्री भी दिखाई, जो उनकी दावेदारी को प्रमाणित करती है।
प्रेस वार्ता के दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि 1987 में चकबंदी प्रक्रिया के दौरान कुछ सरदारों – कुलवंत सिंह, प्रीतम सिंह, श्रवण सिंह, हरनाम सिंह, किशन सिंह आदि – के नाम फर्जी तरीके से इस जमीन पर दर्ज कर दिए गए। किसानों के मुताबिक, इन लोगों ने आगे चलकर यह जमीन टी-सीरीज कंपनी को बेच दी।
जब इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिली, तो आपत्ति दर्ज कराई गई और वर्ष 1992 में सूरजपुर जिला चकबंदी अदालत में मुकदमा दायर किया गया, जिसमें फैसला किसानों के पक्ष में आया। हालांकि बाद में मामला कमिश्नरी अदालत में पहुंचा, जहां अदम पैरवी के चलते वाद खारिज हो गया। इसके बाद से 2017 से मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसकी रिट संख्या बी 40804/2017 है।

किसानों ने आरोप लगाया कि टी-सीरीज द्वारा हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुमराह करने वाली बातें कही गईं, जबकि मामला अभी न्यायालय में लंबित है और भूमि स्वामित्व पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एलजी चौक से शारदा यूनिवर्सिटी गोलचक्कर होते हुए सड़क निर्माण के लिए वे जनहित में अपनी जमीन देने को तैयार हैं, बशर्ते सरकार या ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण मापनी के अनुरूप भूमि का मूल्यांकन कर मुआवजा ट्रेजरी में जमा कराए। निर्णय के बाद, जो भी कानूनी स्वामी होगा, उसे मुआवजा मिलना चाहिए।
किसानों ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी उठाई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रहा रोड निर्माण की तैयारी
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एलजी गोलचक्कर से शारदा यूनिवर्सिटी और गुर्जरपुर हिंडन पुश्ते तक सड़क निर्माण की योजना पर काम कर रहा है। वर्तमान में एलजी चौक से शारदा यूनिवर्सिटी तक का मार्ग वन-वे है, जहां ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है। प्राधिकरण का दावा है कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर कर लिया गया है और जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा।
हालांकि जमीन के स्वामित्व को लेकर टी-सीरीज कंपनी और किसानों के बीच विवाद अभी भी बना हुआ है, जिससे हालात जटिल बने हुए हैं।