ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ई-ऑफिस प्रणाली शुरू: अब होगा डिजिटल तरीके से फाइल वर्क, पारदर्शिता और रफ्तार को मिलेगी नई उड़ान

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी” / ग्रेटर नोएडा
डिजिटल उत्तर प्रदेश की ओर एक और कदम — ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत करते हुए ई-ऑफिस प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू कर दिया है। अब प्राधिकरण के समस्त फाइल वर्क ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा, जिससे न केवल कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी बल्कि कार्यों की गति भी कई गुना तेज़ हो जाएगी।
✅ फाइलों की मंज़ूरी अब कुछ ही क्लिक में
अब कोई भी फाइल कहीं से भी अप्रूव की जा सकेगी। चाहे अधिकारी कार्यालय में हों या दौरे पर, ई-ऑफिस की सहायता से वे डिजिटल साइन के जरिए फाइल को तुरंत निस्तारित कर सकेंगे। इससे अनावश्यक देरी खत्म होगी और हर फाइल पर अप्रूवल की तिथि व समय दर्ज रहेगा, जिससे जवाबदेही और पारदर्शिता बनी रहेगी।
🖥️ ईमेल और डिजिटल सिग्नेचर की व्यवस्था पूरी
प्राधिकरण के अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी अब अपने ईमेल आईडी और डिजिटल सिग्नेचर से लैस हैं। एनआईसी द्वारा तैयार की गई यह तकनीकी व्यवस्था अब ग्रेटर नोएडा में पूरी तरह “गो-लाइव” हो गई है। शेष स्टाफ के डिजिटल साइन भी जल्द ही तैयार कर लिए जाएंगे।
📊 55 हजार से अधिक फाइलों का डाटा बैंक पहले से तैयार
ई-ऑफिस प्रणाली को लागू करने के लिए प्राधिकरण ने पहले ही एक डिजिटल डाटा बैंक तैयार कर लिया था, जिसमें 55,000 से अधिक फाइलों को स्कैन कर सुरक्षित किया गया है। यह डाटा अब निवेश मित्रा पोर्टल व अन्य माध्यमों से आने वाले आवेदनों के त्वरित निस्तारण में मददगार साबित होगा।
🗣️ प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्या कहा?
👉 सीईओ एन. जी. रवि कुमार ने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब समस्त कार्यवाही ई-ऑफिस के ज़रिए ही की जाए। उन्होंने इसे “गवर्नेंस में डिजिटल क्रांति” की संज्ञा दी।
👉 एसीईओ प्रेरणा सिंह ने कहा कि “ई-ऑफिस से हर स्तर पर फाइल ट्रैक की जा सकेगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और आमजन को भी लाभ मिलेगा।”
👉 ओएसडी अभिषेक पाठक ने जानकारी दी कि “अधिकांश स्टाफ की ईमेल आईडी तैयार हो चुकी हैं और डिजिटल साइन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द पूरा कामकाज 100% डिजिटल हो।”
🌐 ई-ऑफिस प्रणाली: कैसे बदलेगा कामकाज का तरीका?
- अब कोई भी फाइल फिजिकल ट्रांसफर के बजाय डिजिटल माध्यम से संबंधित अधिकारी तक पहुँचेगी।
- हर फाइल की स्थिति ट्रैक की जा सकेगी – किस अधिकारी के पास है, किस स्तर पर है और कब से लंबित है।
- शासन की टीम इस पूरे सिस्टम पर रीयल टाइम निगरानी रखेगी।
- आपसी समन्वय बढ़ेगा और विभागीय जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
🔍 सरकार की पहल, यूपीईसीएल और एनआईसी की भूमिका
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में सभी सरकारी विभागों को ई-ऑफिस प्रणाली में तब्दील करने का निर्देश जारी किया है। इस योजना को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPECL) नोडल एजेंसी के तौर पर देख रही है और तकनीकी सहयोग नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा दिया जा रहा है।
📌 — कागज पर नहीं, डिजिटल विश्वास पर काम करेगा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ई-ऑफिस की शुरुआत न केवल कामकाज को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि जनहित से जुड़े कार्यों को तेजी और सुविधा के साथ निस्तारित करने में भी मील का पत्थर साबित होगी।.अब प्राधिकरण किसी कागज पर नहीं, डिजिटल विश्वास पर काम करेगा।