बदलती जीवनशैली के कारण युवाओं में भी बढ़ रहा है, हाईपरटेंशन


बदलती जीवनशैली के कारण युवाओं में भी बढ़ रहा है हाईपरटेंशन
— विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर विशेष

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी“/ ग्रेटर नोएडा
बदलती दिनचर्या, असंतुलित खानपान और बढ़ते तनाव के चलते हाईपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) अब केवल उम्रदराज़ लोगों की समस्या नहीं रही। यह युवाओं के बीच भी तेजी से पांव पसार रहा है। विश्व हाइपरटेंशन दिवस के अवसर पर फोर्टिस हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में आयोजित एक प्रेस वार्ता में डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि देश में लगभग हर पांचवां व्यक्ति हाईपरटेंशन से प्रभावित है और इसका सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि बड़ी संख्या में युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं।

डॉ. कुमार ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में आने वाले वयस्क मरीजों में से लगभग 20-25% को हाईपरटेंशन की समस्या होती है, वहीं युवाओं में यह आंकड़ा 15-20% तक पहुंच चुका है। विशेषकर वे युवा जो मोटापे, गलत खान-पान, अत्यधिक प्रोटीन सेवन, बॉडीबिल्डिंग सप्लीमेंट्स, और किडनी संबंधी पुरानी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उनमें यह समस्या आम हो गई है।

क्यों बढ़ रहा है हाईपरटेंशन?

डॉ. दिनेश कुमार के अनुसार, हाईपरटेंशन की मुख्य वजहें निम्नलिखित हैं:

  • असंतुलित और तैलीय भोजन
  • अत्यधिक नमक और जंक फूड का सेवन
  • तनावपूर्ण जीवनशैली और अनियमित दिनचर्या
  • पर्याप्त नींद का अभाव
  • धूम्रपान व शराब जैसे नशे की आदतें
  • शारीरिक गतिविधि की कमी और बढ़ता मोटापा

उन्होंने कहा कि युवाओं में यह बीमारी “साइलेंट किलर” बन रही है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते। लेकिन समय रहते जाँच न कराने पर यह बीमारी हृदय, मस्तिष्क, किडनी और आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुँचा सकती है।

क्या हो सकती हैं जटिलताएँ?

यदि हाईपरटेंशन को नजरअंदाज किया जाए तो यह अनेक गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है:

  • ब्रेन स्ट्रोक या लकवा
  • दिल का दौरा (हार्ट अटैक)
  • किडनी फेल होना
  • दृष्टि में कमी या रेटिना को नुकसान
  • हृदयघात और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियाँ

कैसे करें बचाव?

डॉ. कुमार ने सुझाव दिया कि हाईपरटेंशन से बचने के लिए नियमित जीवनशैली और स्वस्थ आदतें बेहद आवश्यक हैं:

  • नियमित बीपी जांच कराएं
  • नमक और तली-भुनी चीजों से परहेज़ करें
  • सेंधा नमक का उपयोग लाभकारी हो सकता है
  • वज़न नियंत्रित रखें और रोज़ाना व्यायाम करें
  • समय पर सोना-जागना, मानसिक तनाव से बचाव
  • जंक फूड, तंबाकू और शराब से दूरी बनाएं

जरूरी हैं शुरुआती जांचें

हाईपरटेंशन की पुष्टि और उसके प्रभाव को समझने के लिए डॉक्टर ने कुछ आवश्यक जांचों को नियमित रूप से कराने की सलाह दी, जैसे:

  • किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT)
  • कोलेस्ट्रॉल जांच
  • ईसीजी और ईकोकार्डियोग्राफी
  • यूरिन जांच आदि

इन जांचों को अनावश्यक खर्च न मानते हुए एक निवारक उपाय की तरह देखें, जिससे समय रहते जटिल बीमारियों को रोका जा सकता है।



हाईपरटेंशन से लड़ने का सबसे कारगर तरीका

हाईपरटेंशन से लड़ने का सबसे कारगर तरीका है—सजग जीवनशैली और नियमित स्वास्थ्य जांच। युवाओं को इस साइलेंट किलर के प्रति जागरूक होना होगा ताकि वे आने वाले कल को स्वस्थ और सशक्त बना सकें।


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