दनकौर सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी बनाए जाने का रास्ता साफ

सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी बनाए जाने का रास्ता साफ
सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी बनाए जाने का रास्ता साफ

मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के जरिए दनकौर को 30 बैड का सीएचसी मिलेगा

मौहम्मद इल्यास-’’दनकौरी’’/ग्रेटर नोएडा

डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक
गौतमबुद्धनगर में दौरे पर आए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से ट्रिपल इंजन की सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही मिला था

गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर कसबे में प्राईमरी स्तर के सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। शासन स्तर पर मंथन किया जा रहा है कि जिले के सबसे पुराने ब्लाक स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को पूर्व में भी कई बार 30 बैड का हॉस्पिटल बनाए जाने की फाइलें इधर उधर घूमती रहीं, मगर जमीन सही जगह पर उपलब्ध न होने की वजह से यह योजना परवान नही चढ पाई। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी यानी सामुदायिक स्वाथ्य केंद बनाते हुए 30 बैड तक का करना चाहती है, मगर इसके लिए जमीन उपलब्ध न होने की समस्या अब भी बनी हुई है।

दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को सीएचसी यानी सामुदायिक स्वाथ्य केंद बनाते हुए 30 बैड तक का करना चाहती है

शासन स्तर पर विचार किया गया है कि क्यों न इसी पुरानी जगह पर ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के जरिए सीएचसी सेंटर शुरू कर दिया जाए। यह प्रस्ताव यहां ट्रिपल इंजन की सरकार ने भी दिया है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर के सासंद डा0 महेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को अवगत कराया है कि यदि सीएचसी सेंंटर बनाए जाने के लिए जमीन उपलब्ध नही हो पा रही है, तो यहीं पर ही मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाए और लोगों को सभी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाएं। उधर जिस प्रकार दनकौर के इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं हटा लेने की खबरों से क्षेत्र के लोग गुस्साए हूए हैं, भाजपा सरकार कोई आफत मोल नही लेना चाहती है। ऐसे में जब कि लोकसभा चुनाव-2024 बिल्कुल सिर पर हैं। साथ ही दनकौर एक ऐसा कसबा भी है, जहां हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में जनता ने भाजपा को ट्रिपल इंजन की सरकार का तोहफा भी दिया है। जिले में एकमात्र नगर पालिका परिषद दादरी, रबूपुरा और दनकौर कसबे मेंं ही ट्रिपल इंजन की सरकारें हैं। जब कि जिले के बिलासपुर, जेवर और जहांगीरपुर कसबो में लोगों ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया था और जहां पर नगर निकाय चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों ही तूती बोल उठी थी। दनकौर के ब्लाक के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को खत्म किए जाने की खबरों के बीच दनकौर नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी और पूर्व केंद्रीय मंत्री व गौतमबुद्धनगर सासंद डा0 महेश शर्मा ने डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को अवगत कराया था कि दनकौर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को खत्म किए जाने की खबरों के चलते हुए क्षेत्र की जनता नाराज है और लोकसभा चुनाव-2024 में इसका बुरा असर पड सकता है। इसलिए कोई भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं न हटाई जाएं बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंंद्र को यहां पर उच्चीकृत करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाए। गौतमबुद्धनगर में दौरे पर आए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से ट्रिपल इंजन की सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही मिला था।

इस प्रतिनिधि मंडल में केंद्रीय मंत्री व सासंद डा0 महेश शर्मा, दनकौर भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेंद्र भाटी, दनकौर चेयरमैन प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ भैया और सांसद प्रतिनिधि सोनू वर्मा, नगर सभासद जगदीश अग्रवाल शामिल रहे थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री गौतमबुद्धनगर के सासंद डा0 महेश शर्मा की अगुवाई में ट्रिपल इंजन की सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को मांग पत्र सौंपते हुए दनकौर में सरकारी अस्पताल को खत्म कर दिए जाने का मुद्दा उठाया था। प्रतिनिधिमंडल ने अवगत कराया था कि दनकौर कसबे में प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र की जर्जर अवस्था बनी हुई, वहीं स्वास्थ सेवाओं को धीरे धीरे किसी न किसी बहाने से कम किया जा रहा है। इससे क्षेत्र की जनता में आक्रोश व्याप्त हो रहा है। प्राचीन ऐतिहासिक दनकौर नगरी में सामुदायिक स्वास्थ केंद्र की माँग वर्षो से की जाती रही है। पूर्व में उत्तर प्रदेश शासन की ओर से यहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करते हुए सामुदायिक केंद्र बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, मगर भूमि उपलब्ध न होने पर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने का सपना परवान नही चढ पाया। ब्लाक के खत्म किए जाने से दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को भी खत्म किए जाने की खबरें फैली। पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डा0 महेश शर्मा ने डिप्टी सीएम को अवगत कराया था कि गौतमबुद्धनगर के जिले के प्राचीन ऐतिहासिक दनकौर कसबा में ट्रिपल इंजन की सरकार है। डबल इंजन की सरकार देने के साथ साथ दनकौर शहर की जनता ने संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में भाजपा को इतना प्यार और सम्मान दिया है कि यहां पर भाजपा से चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी चुनी गई है।

 भाजपा से चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी चुनी
नगर निकाय चुनावों में भाजपा को इतना प्यार और सम्मान दिया है कि यहां पर भाजपा से चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी चुनी गई है

इसलिए यहां के सरकारी अस्पताल को अब सीएचसी स्तर का करते हुए कई बडी स्वास्थ्य सेवाएं भी दी जानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि सीएचसी के लिए भवन निमार्ण और भूमि की उपलब्धता के लिए सरकार को ही कोई व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि यहां की जनता को सरकार की ओर से दी जा रही, सभी जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके। उधर डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि सरकार जनता कर उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा उतरेगी और तमाम बाधाआेंं को दूर करते हुए दनकौर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करते हुए सामुदायिक केंद्र बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर गौर करें तो पता चलता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ भंगेल, दादरी, बादलपुर, डाढा और जेवर में हैं। दनकौर देहात इलाके का एक महत्वपूर्ण कसबा है, जहां स्थित प्राथमिक  स्वास्थ्य केंद्र पर देहात क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग और कई दूसरे कसबो से लोग इलाज के लिए आते हैं। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को उच्चीकृत करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने की मांग वर्षो से की जा रही है।

 

खुलासाः-कहने को तो यहां पर 4 तक सफाई कर्मी तैनात हैं, मगर मौके पर ही सिर्फ 2 ही मिले

दनकौर स्वास्थ्य सेवा समिति की अध्यक्ष हैंं, चेयरमैन राजवती देवी

दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को खत्म किए जाने की खबरें फैली
दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को खत्म किए जाने की खबरें फैली, तो नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी सजग हुईं

नगर चेयरमैन होने के नाते स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे कई विभाग ऐसे हैं जिनकी अध्यक्षता पदेन नगर चेयरमैन करते हैं। यहां स्वास्थ्य और शिक्षा समितियों की अध्यक्षता नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी कर रही हैं। दनकौर के सरकारी हॉस्पिटल को खत्म किए जाने की खबरें फैली, तो नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी सजग हुईं और उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य समिति की बैठक में कई जरूरी बिंदुओे पर जानकारी ली और सरकारी हॉस्पिटल के भवन और रखरखाव को लेकर दौरा किया। सरकारी हॉस्पिटल के भवन और रखरखाव को लेकर किए दौरे के बीच कई ऐसे खुलासे हुए कि हर कोई हैरान रह गया। आजादी के बाद यह सरकारी हॉस्पिटल यहां पर स्थापित हुआ मगर यहां आज इसके भवन ही हालत जर्जर बनी हुई और यहां तक छतों से प्लास्टर टूट कर गिरता रहता है।

इस तरह की आंकडों की बाजीगरी नही चलने दी जाएगी और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा
इस तरह की आंकडों की बाजीगरी नही चलने दी जाएगी और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा

यही कारण है कि इस पुरानी बिल्डिंग में डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी बैठना पंसद नही कर रहे हैं। कई सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर इतनी पुरानी बिल्डिंग और एक खास सरकारी महकमा है, रखरखाव के लिए आने वाला बजट हर साल कहां खर्च होता रहा है? हर साल रखरखाव के लिए आना वाला बजट कितना था और कितना कितना कहां खर्च हुआ यह जवाब तो इस सरकारी महकमें को देना ही चाहिए। नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती देवी के दौरे के समय इस बात का भी खुलासा हुआ कि कहने को तो यहां पर 4 तक सफाई कर्मी तैनात हैं, मगर मौके पर ही सिर्फ 2 ही मिले। इससे यहां आंकडों की बाजागरी के खेल का साफ पता चलता है। नगर चेयरमैन श्रीमती राजवती के देवी के प्रतिनिधि व पुत्र दीपक सिंह उर्फ दीपक भैया ने बताया कि सरकारी हॉस्पिटल परिसर में गंदगी का आलम यह था कि बाथरूम और टॉयलेट तक में गंदगी जमी हुई थी, पता किया तो यह बात सामने आई कि यहां पर वैसे तो 4 सफाई कर्मचारी तैनात है, मगर मौके पर 2 ही काम कर रहे हैं? अब इस तरह की आंकडों की बाजीगरी नही चलने दी जाएगी और उच्च अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा।

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