
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
छपरौला क्षेत्र में हाल ही में बनकर तैयार हुआ रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) न केवल यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाएगा, बल्कि यह विकास, दूरदर्शिता और जवाबदेह जनप्रतिनिधित्व का जीवंत उदाहरण भी बन गया है। वर्षों से लंबित यह पुल अब बनकर जनता को समर्पित हो गया है, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जो लंबे समय से रेलवे फाटक पर लगने वाले भीषण जाम से त्रस्त थे।
इस आरओबी के निर्माण की दिशा में निर्णायक पहल पूर्व सिंचाई राज्य मंत्री नवाब सिंह नागर ने की। उन्होंने न केवल क्षेत्र की जनता की आवाज़ को गंभीरता से सुना, बल्कि उसे प्राथमिकता देते हुए लगातार केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से संपर्क साधा और निर्माण कार्य को मंज़ूरी दिलवाने तक अथक प्रयास करते रहे।
आज यह ब्रिज क्षेत्र के लिए सिर्फ एक कंक्रीट संरचना नहीं है, बल्कि यह उस भरोसे और संघर्ष की मिसाल है जो एक ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि और जागरूक नागरिकों के बीच कायम होता है।

पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर का उद्गार
“छपरौला आरओबी केवल एक पुल नहीं है, यह उस जनविश्वास का परिणाम है जो जनता ने मुझ पर रखा। वर्षों से यह क्षेत्र जाम, असुविधा और समय की बर्बादी का दंश झेल रहा था। मैंने इस मुद्दे को केवल एक निर्माण परियोजना के रूप में नहीं, बल्कि जन-आवश्यकता के रूप में देखा और हर स्तर पर इसकी पैरवी की।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मैंने कई बार व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात की, पत्राचार किया और ज़ोर देकर इसे प्राथमिकता दिलाई। मुझे यह कहते हुए गर्व है कि आज यह पुल जनता को समर्पित हो चुका है।
यह ब्रिज आने वाले समय में क्षेत्र के सामाजिक, शैक्षिक, औद्योगिक और आर्थिक विकास की धुरी बनेगा। मैं इसे अपने राजनैतिक जीवन की सबसे संतोषजनक उपलब्धियों में मानता हूँ, क्योंकि यह कार्य सीधे-सीधे जनता के जीवन से जुड़ा है।
मेरे लिए राजनीति का अर्थ केवल सत्ता नहीं, सेवा है — और यह आरओबी उसी सेवा भावना की एक मजबूत मिसाल है।”
विकास और सुविधा का नया द्वार
इस आरओबी के शुरू होते ही अब क्षेत्र में निर्बाध यातायात की राह खुल गई है। औद्योगिक इकाइयों को तेज़ आवागमन, छात्रों को समय पर स्कूल-कॉलेज पहुँचने, व्यापारियों को सुगमता से सामान लाने-लेजाने और आम लोगों को दैनिक आवाजाही में राहत मिलेगी। यह पुल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला साबित होगा।

छपरौला आरओबी आज उस राजनीतिक प्रतिबद्धता और जनसेवा भावना का प्रतीक
छपरौला आरओबी आज उस राजनीतिक प्रतिबद्धता और जनसेवा भावना का प्रतीक है, जिसकी देश के प्रत्येक नागरिक को अपेक्षा होती है। नवाब सिंह नागर ने यह सिद्ध कर दिया कि जब कोई जनप्रतिनिधि जनता के सरोकार को अपना मिशन बना ले, तो परिणाम जनहित में अवश्य आता है।