
हैबतपुर के डूब क्षेत्र में चला ग्रेनो प्राधिकरण का बुलडोज़र
करीब 10,000 वर्गमीटर भूमि अतिक्रमण से मुक्त, शिवम एंक्लेव में अवैध निर्माण ढहाए गए
एनजीटी के आदेश पर हिंडन किनारे हुई बड़ी कार्रवाई

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बुधवार को हैबतपुर गांव के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। प्राधिकरण की टीम ने शिवम एंक्लेव नामक अवैध कॉलोनी में लगभग 10,000 वर्गमीटर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया और करीब 10 अवैध मकान व 15 बाउंड्री वॉल्स को ध्वस्त कर दिया।
यह कार्रवाई एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) के आदेश पर सीईओ एन.जी. रवि कुमार के निर्देशन में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के परियोजना व भूलेख विभाग द्वारा की गई। प्राधिकरण की टीम ने सुबह करीब 7 बजे कार्रवाई शुरू की, जो लगभग दो घंटे तक चली। इस दौरान 4 जेसीबी और 3 डंपरों का उपयोग किया गया।

🏗️ कार्रवाई का विवरण:
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम हैबतपुर की खसरा संख्या 180, 181, 184, 194, 195, 196, 198, 199, 201, 202, 206, 211 और 212 की जमीन हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में आती है।
इसके बावजूद कुछ कालोनाइजरों ने अवैध रूप से प्लॉटिंग कर “शिवम एंक्लेव” के नाम से कॉलोनी बसाने का प्रयास किया था। दूरदराज से आए लोगों ने यहां घर बनाने के लिए जमीन खरीदी, जिस पर पहले प्राधिकरण ने नोटिस जारी किया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
एनजीटी के निर्देशों के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, सिंचाई विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।

👮♂️ वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति:
कार्रवाई के दौरान महाप्रबंधक ए.के. सिंह, ओएसडी राम नयन सिंह, प्रभारी वरिष्ठ प्रबंधक प्रभात शंकर,
वरिष्ठ प्रबंधक विनोद शर्मा, राजेश कुमार निम, रतिक, अभिषेक सिंह, नितीश कुमार, बिजेंद्र कुशवाहा,
सहायक प्रबंधक राजीव मोटला, राम किशन, भूपेंद्र त्यागी के साथ
पुलिस अधिकारी दीक्षा सिंह तथा सिंचाई विभाग की टीम मौजूद रही।

⚠️ प्राधिकरण की सख्त चेतावनी और अपील:
एसीईओ सुमित यादव ने कहा कि
“ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अधिसूचित सीमा में बिना स्वीकृति या नक्शा पास कराए निर्माण करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी — चाहे वह क्षेत्र डूब क्षेत्र ही क्यों न हो।”
उन्होंने जनता से अपील की कि कोई भी व्यक्ति जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से अनुमति और सत्यापन अवश्य कर लें, ताकि अवैध कॉलोनियों में अपनी गाढ़ी कमाई फंसाने से बच सकें।