
CBI केस, कोर्ट की सज़ा के बाद भी नहीं रुके माफिया! प्रशासन ने गठित की जांच समिति, एक हफ्ते में रिपोर्ट तलब

मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ग्रेटर नोएडा
गौतमबुद्ध नगर की सदर तहसील के अंतर्गत ग्राम कासना में एक बार फिर से भूमाफियाओं की करतूतें उजागर हुई हैं। ग्राम सभा की कीमती ज़मीन—खसरा संख्या 639, 660 व 1337—पर अवैध कॉलोनियों और कब्जों का गंभीर मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कासना गांव के निवासी ओमवीर चौहान, सुरेंद्र चौहान सहित अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपकर आरोप लगाया है कि गांव के ही कुछ प्रभावशाली व्यक्ति ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध कॉलोनी काट रहे हैं।
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन भूमाफियाओं पर पहले से ही CBI द्वारा जांच कर मुकदमा चलाया जा चुका है, जिसमें इन्हें सजा और जुर्माना भी मिल चुका है। बावजूद इसके, अब पुनः उन्हीं ज़मीनों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, विशेषकर 122 बी की भूमि पर। बताया गया है कि उक्त भूमि का रिकॉर्ड वर्ष 1997 में ज़िला पुनर्गठन के समय बुलंदशहर या गाज़ियाबाद में रह गया था, जिसका फायदा उठाकर भूमाफिया अब दोबारा सक्रिय हो गए हैं।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने 21 अप्रैल 2025 को एक उच्च स्तरीय आदेश जारी कर इस प्रकरण की जांच के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया है। जांच समिति में नगर मजिस्ट्रेट प्रभारी विवेकानंद मिश्रा (अध्यक्ष), प्रभारी भूलेख अधिकारी वेद प्रकाश पांडेय तथा तहसीलदार (न्यायिक) अजय कुमार (सदस्य) को शामिल किया गया है। समिति को निर्देश दिया गया है कि वह एक सप्ताह के भीतर अपनी संयुक्त रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) को सौंपे।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि लेखपाल व अन्य कुछ विभागीय अधिकारी भी इस अवैध कब्जे में अप्रत्यक्ष सहयोग दे रहे हैं, जिससे पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामवासियों की मांग है कि न केवल अवैध कब्जे को तत्काल रोका जाए, बल्कि दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही भी की जाए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ:
स्थानीय भूमि मामलों के जानकार अधिवक्ता का कहना है कि अगर ग्राम सभा की ज़मीन पर बार-बार अवैध कब्जा होता है और प्रशासनिक स्तर पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं होती, तो यह न सिर्फ कानून का मज़ाक है, बल्कि भविष्य में और बड़े भूमि घोटालों को न्योता देता है।
फिलहाल सभी की नजरें जिला प्रशासन की जांच रिपोर्ट और आगामी कार्रवाइयों पर टिकी हुई हैं।