शीतलहर से बचाव के लिए एडवाइजरी

शीतलहर से बचाव
शीतलहर से बचाव

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शीतलहर से बचाव के लिए  जारी की एडवाइजरी, जानें क्या करें और क्या न करें

Vision Live/ Greater Noida

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर और अपर जिलाधिकारी अतुल कुमार के नेतृत्व में, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी द्वारा शीतलहर/ठंड से बचाव हेतु एक एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में शीतलहर के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों और बचाव के उपायों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

शीतलहर से पहले
– मौसम की जानकारी के लिए रेडियो सुनें और टीवी देखें।
– सर्दियों के कपड़े स्टॉक में रखें और कई परतों में पहनें।
– आपातकालीन आपूर्ति तैयार रखें।
– ठंड के कारण फ्लू, नाक बहना और नाक से खून आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।

शीतलहर के दौरान
– मौसम और आपातकालीन प्रक्रियाओं की जानकारी रखें और उसकी सलाह का पालन करें।
– जितना हो सके घर के अंदर रहें और यात्रा कम करें।
– कई परतों में गर्म ऊनी कपड़े पहनें।
– गीले कपड़ों से बचें, सिर, हाथ और पैरों को सूखा रखें।
– दस्ताने, टोपी और मफलर का उपयोग करें।
– गर्मी बनाए रखने के लिए स्वस्थ भोजन और गर्म तरल पदार्थ लें।
– बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें।
– आवश्यक सामग्री का भंडारण करें और पानी का संग्रहण करें।
– ठंड से बचने के लिए पालतू जानवरों और मवेशियों को घर के अंदर रखें।

शीतदंश और हाइपोथर्मिया से बचाव
– ठंड से शरीर के खुले हिस्सों पर शीतदंश के लक्षण दिख सकते हैं, जैसे सुन्नता और सफेद या पीला रंग।
– कंपकंपी को नजरअंदाज न करें, यह शरीर के तापमान गिरने का पहला संकेत हो सकता है।
– हाइपोथर्मिया की स्थिति में तत्काल चिकित्सा की जरूरत होती है।

 

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