एमिटी विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल अफेयर डिविजन द्वारा इंडिया इर्मशन कार्यक्रम का शुभारंभ
Vision Live/Greater Noida
टयूरिंग स्कीम के अंर्तगत एमिटी विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल अफेयर डिविजन द्वारा इंडिया इर्मशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स, नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के 24 छात्रों ने हिस्सा लिया है। 14 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ नई दिल्ली के ब्रिटिश कांउसिल के डिप्टी डायरेक्टर माइकल हाउलगेट, एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह, ब्रिटिश कांउसिल की उर्च्च िशक्षा (मोबीलीटी) की सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर सुश्री विशु शर्मा और एमिटी विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल अफेयर डिविजन के डिप्टी डायरेक्टर जनरल रियर एडमिरल आलोक भटनागर द्वारा किया गया।
नई दिल्ली के ब्रिटिश कांउसिल के डिप्टी डायरेक्टर माइकल हाउलगेट ने भारत में अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह इर्मशन कार्यक्रम आपको भारतीय संस्कृती एंव संभ्यता, यहां के रहन सहन, खान पान, औद्योगिकरण, शिक्षण, अनुसंधान आदि को समझने का अवसर प्रदान करेगा।
यह वैश्विक अनावरण आपके कौशल और ज्ञान को विकसित करेगा जिससे आप अपने समग्र व्यक्तित्व का विकास करने में सक्षम होगें और स्थितियों और परिदृश्यों को अपनाकर भविष्य के लिए तैयार होगें। इस कार्यक्रम के अंर्तगत सीखे गये धैर्य और भावनात्मक बुद्धिमता के कुछ गुण आपको भविष्य की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगें। वर्तमान समय में भारत और यूके के मध्य नए संर्पक बनाकर ़िद्वपक्षीय संबंधों को मजबूत किया जा रहा है ऐसे में आयोजित यह एक माह का कार्यक्रम आपके लिए लाभप्रद होगा। उन्होनें छात्रों को इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने और पूरा उपयोग करने के लिए प्रोफेसरों और साथियों से बातचीत की सलाह दी। एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने एमिटी शिक्षण समूह का अवलोकन प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उददेश्य छात्रों को व्यापक शिक्षा और अनुभव प्रदान करना है इसके अतिरिक्त भारत और यूके के बीच सांस्कृति आदान प्रदान को मजबूत करना है। इस इंडिया इर्मशन प्रोग्राम के अंर्तगत यूके से आये छात्र विभिन्न विषयों पर आयोजित व्याख्यान सत्रों में भाग लेगें और उन्हे एमिटी विश्वविद्यालय परिसर में रहते हुए उद्योग भ्रमण और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए ले जाया जाएगा। यह कार्यक्रम आपको नये विचार चाहे वह अनुसंधान से जुड़े हो या व्यवसाय से उत्पन्न करने में सहायक होगा।