
मौहम्मद इल्यास ‘दनकौरी’ / गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर में जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता और दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर के दो बार अध्यक्ष रह चुके एडवोकेट विपिन भाटी ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल सदस्य पद के चुनाव में ताल ठोक दी है। बार काउंसिल चुनाव चार चरणों में 16-17 जनवरी, 20-21 जनवरी, 27-28 जनवरी और 30-31 जनवरी 2025 को संपन्न होगा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से अब तक खुर्जा (बुलंदशहर) से शिव किशोर गौड़, मेरठ से रोहतास अग्रवाल, बिजनौर से बलवंत सिंह और बरेली से श्रीश मल्होत्रा राज्य बार परिषद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐसे में गौतमबुद्धनगर से विपिन भाटी की दावेदारी खासा महत्व रखती है।
वकालत की मजबूत पारिवारिक विरासत
विपिन भाटी का पारिवारिक इतिहास राजनीति और वकालत—दोनों क्षेत्रों में बेहद प्रभावशाली रहा है। वे पूर्व मंत्री स्व. चौधरी तेज सिंह के पौत्र हैं। उनके परिवार में आज भी एक दर्जन से अधिक सदस्य वकालत के पेशे से जुड़े हुए हैं।
पिता उदयवीर सिंह दनकौर क्षेत्र के देवटा गांव के पहले वकील थे।
उनके बाद महेंद्र शर्मा दूसरे अधिवक्ता बने।
ससुर स्व. के. कंछीलाल सिंह मुजफ्फरनगर के बड़े वकीलों में गिने जाते थे।
पत्नी अनीता भाटी स्वयं प्रैक्टिसिंग एडवोकेट हैं।
पुत्र आवेश भाटी, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी के साथ प्रैक्टिस कर रहे हैं।
चाचा ओमवीर सिंह भाटी, इंद्रवीर सिंह भाटी और अनिल भाटी न केवल वकालत में सशक्त पहचान रखते हैं बल्कि शिक्षा, समाजसेवा और राजनीति में भी प्रभावशाली भूमिका निभा चुके हैं। इंद्रवीर सिंह वर्ष 2000 में गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और 2002 में दादरी-नोएडा विधानसभा से बीएसपी के प्रत्याशी रहे थे।

वकालत में तीन दशक से अधिक का अनुभव
16 मई 1969 को देवटा गांव में जन्मे विपिन भाटी ने मेरठ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद वर्ष 1991 में बुलंदशहर से वकालत की शुरुआत की। गौतमबुद्धनगर जिला बनने के बाद 1 जनवरी 2003 से वे यहां प्रैक्टिस कर रहे हैं।
वे वर्ष 2012 और 2016, दोनों बार दीवानी एवं फौजदारी बार एसोसिएशन गौतमबुद्धनगर के अध्यक्ष चुने गए।
अध्यक्ष रहते हुए किए बड़े विकास कार्य
विपिन भाटी ने अपने दोनों कार्यकाल में कचहरी परिसर के कई महत्वपूर्ण विकास कार्य करवाए:
अधिवक्ता चैंबरों के बीच पक्की सड़क का निर्माण।
8 गलियों का निर्माण राज्यसभा सांसद की निधि से।
15 गलियों का निर्माण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से।
बार रूम निर्माण का शुभारंभ — जिसके लिए 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति उनके प्रयासों से मिली।
एडवोकेट भूपेंद्र सिंह खोदना हत्याकांड में पुलिस की गलत विवेचना का विरोध कर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराई।
अधिवक्ताओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए उन्होंने हमेशा दृढ़ता के साथ आवाज उठाई।
दादा चौधरी तेज सिंह की प्रेरणादायक विरासत
विपिन भाटी के दादा चौधरी तेज सिंह दादरी विधानसभा से तीन बार विधायक रहे और उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री व खाद्य–आपूर्ति मंत्री बने।
आपातकाल (1975-77) के दौरान उन्होंने 17 महीने जेल में बिताए और कभी समझौता नहीं किया।
जनता पार्टी सरकार में भी उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिला था।
उनकी कड़क छवि, जनता से गहरा जुड़ाव और निर्भीक नेतृत्व आज भी क्षेत्र में उदाहरण के रूप में याद किया जाता है।

जीतने पर बड़े वादे — युवा वकीलों के लिए खास योजना
एडवोकेट विपिन भाटी ने जीतने पर कई बड़े बदलावों का विजन प्रस्तुत किया है:
- युवा अधिवक्ताओं को फ्री चैंबर
उन्होंने स्पष्ट कहा कि नए वकीलों के पास आर्थिक साधन कम होते हैं, इसलिए बार काउंसिल सरकार से मिलकर चैंबर निर्माण का पूरा खर्च दिलाएगी।
- अधिवक्ताओं का शोषण रोकने की नीति
35 एडवोकेट एक्ट के तहत किसी भी अधिवक्ता पर कार्रवाई से पहले
शिकायत की प्रारंभिक जांच,
सत्यता की पुष्टि,
तब जाकर केवल सही मामलों में रसीद कटेगी।
इससे अनावश्यक उत्पीड़न रुकेगा।
- एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह एक्ट ज्यूडिशरी प्रोटेक्शन एक्ट न बन जाए, बल्कि अधिवक्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
- अधिवक्ताओं के लिए बीमा व सहायता योजनाएं
मृत्यु पर 5 लाख रुपये की सहायता राशि
गंभीर बीमारी पर 5 लाख रुपये की मेडिकल सहायता
नए अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपये प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि (जैसा प्रस्तावित)

” Vision लाइव ” का विश्लेषण
वरिष्ठ अधिवक्ता विपिन भाटी की दावेदारी न केवल उनके तीन दशक के अनुभव, बल्कि उनके परिवार की लंबी कानूनी-सामाजिक विरासत, क्षेत्र में किए गए विकास कार्य और अधिवक्ताओं के हितों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
रिपोर्ट : मौहम्मद इल्यास ‘दनकौरी’ / गौतमबुद्धनगर