
मौहम्मद इल्यास- “दनकौरी”/ ग्रेटर नोएडा
गुलिस्तानपुर (तहसील-सदर, गौतमबुद्धनगर) — गाँव की प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर गरगज/गरगंज के निकट अवैध खनन और अवैध कॉलोनी के निर्माण का मामला गंभीर रूप ले चुका है। ग्रामीणों ने 7 नवंबर 2025 को मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण तथा मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सम्बोधित प्रार्थनापत्र भेजकर भूमि कब्जे और धरोहर के क्षरण की शिकायत की है।
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ स्थानीय तत्व (भूमाफिया) सीमांत सरकारी चकरोड और उनकी निजी जमीनों पर जबरन कब्जा कर, पक्की सड़के और नालियाँ बनाकर अवैध प्लॉटिंग व बिक्री कर रहे हैं। इस गतिविधि से न केवल सरकारी भूमि प्रभावित हो रही है, बल्कि सदियों पुरानी गरगज संरचना के अस्तित्व पर भी संकट उत्पन्न हो गया है।

मुख्य आरोप — कहाँ और क्या हुआ
ग्रामीणों के अनुसार, गाँव के निम्न खसरा/गाटा पर अवैध प्लॉटिंग, रास्तों व नालियों का निर्माण कर प्रति गज 85,000 रुपये तक में भूमि बेचे जाने के आरोप हैं:
प्रार्थी की भूमि: खसरा संख्या 385
चकरोड/सरकारी भूमि: खसरा संख्या 389, 455
अवैध प्लॉटिंग वाले अन्य खसरें: 388, 420, 421, 419, 430, 422–429
गरगज संरक्षित भूमि: गाटा संख्या 409 (राजस्व अभिलेखों में ‘खेडा’ नाम से दर्ज; रकबा ~0.0510 हेक्टेयर)

ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने अवैध निर्माण रोकने की कोशिश की, तो आरोपियों ने बाउंसरों सहित आकर धमकियाँ दीं और गाली-गलौज की। प्रार्थना-पत्र में आरोप है:
“कि तुम्हारें द्वारा अगर हमारी कही भी कोई शिकायत की गयी तो हम लोग तुम्हें व तुम्हारें परिवार को जान से मार देंगे। इन बाउंसरों के पास रायफल व पिस्टल और आरोपियों के पास भी पिस्टल हैं — जिनका कभी भी दुरुपयोग हो सकता है। मौके पर लगे लगभग 50 पेड़ काट दिए गए। मौके पर लेखपाल राज कुमार नागर व लेखपाल दीपक शर्मा भी आए थे, पर शिकायतकर्ता कहते हैं कि आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई और कथित तौर पर कुछ रकम लेकर वापस चले गए।”

प्रार्थियों (शिकायतकर्ता)
प्रार्थना-पत्र में नामांकित प्रमुख प्रार्थी/शिकायतकर्ता:
चरन सिंह शर्मा — पुत्र कन्हैया लाल शर्मा, निवासी ग्राम गुलिस्तानपुर, तहसील सदर, जिला गौतमबुद्धनगर

विनोद कुमार शर्मा — पुत्र रमेशचन्द शर्मा, निवासी ग्राम गुलिस्तानपुर, तहसील सदर, जिला गौतमबुद्धनगर

शासन-प्रशासन की जांच और रिपोर्टें
ग्रामीणों की शिकायत पर तहसील प्रशासन ने स्थलीय जांच की।
उपजिलाधिकारी-सदर (पत्रांक 772–775, दिनांक 17/10/2025) की रिपोर्ट में पाया गया कि गाटा संख्या 413 के पास लगभग 5 फुट गहरा अवैध खनन हुआ है, जिससे चकरोड क्षतिग्रस्त हुई है।

रिपोर्ट में उल्लेख है कि ग्राम गुलिस्तानपुर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधीन आता है, इसलिए अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी को कार्रवाई हेतु सूचित किया गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को भी गरगज स्मारक के संरक्षण हेतु कदम उठाने की अनुशंसा की गई है।



प्रार्थियों की प्रमुख मांगें
- अवैध कॉलोनी को तत्काल ध्वस्त किया जाए।
- चकरोड व निजी भूमि से अवैध कब्जा हटाया जाए।
- आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।
- संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच कर विभागीय कार्यवाही की जाए।
- ऐतिहासिक गरगज स्मारक को पुरातत्व विभाग के संरक्षण में लिया जाए।

घटनाक्रम का सारांश
04.10.2025 — जिलाधिकारी के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत।
06.10.2025 — लेखपाल द्वारा स्थलीय निरीक्षण एवं रिपोर्ट तैयार।
17.10.2025 — उपजिलाधिकारी द्वारा अनुशंसा रिपोर्ट जारी।
07.11.2025 — मुख्यमंत्री व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नया प्रार्थनापत्र भेजा गया।


प्रभाव और संवेदनशीलता
गरगज जैसी सैकड़ों वर्ष पुरानी धरोहर के पास अवैध खनन और निर्माण से ऐतिहासिक विरासत को क्षति पहुँचने का खतरा है।
सरकारी चकरोड पर अतिक्रमण न केवल राजस्व और कानून का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरण और जल निकासी प्रणाली पर भी असर डाल सकता है।
“विजन लाइव” का विश्लेषण
गुलिस्तानपुर का यह मामला केवल भूमि विवाद नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ा संवेदनशील विषय बन चुका है।

गरगज जैसी प्राचीन धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।